माही की गूंज, थांदला।
मेघनगर विकास खंड के नोगावा में पदस्थ एवीएफओ दीपक जानी के 31 अक्टूबर को सेवा निवृत होने पर विभाग सहित समाज और शहर ने जानी के सेवा निवृत होने पर बधाई देते हुए उज्ज्वल भविष्य की कामना की। विकास खंड मुख्यालय पर मेघनगर विकास खंड के जनपद प्रतिनिधि व सांसद प्रतिनिधि तानसिंह मेड़ा, शंकराचार्य सत्यमित्रा नंद के शिष्य दिवाकर उपाध्याय, जिले के वरिष्ठ साहित्यकार व मौलिक कवि शंकर सिंह चंद्रावत तथा पशु चिकित्सा संघ के जिलाध्यक्ष एसएस कतीजा के आतिथ्य में विदाई समारोह संपन्न हुआ। आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सभी मंचासीन अतिथियों ने सेवानिवृत्ति पर दीपक जानी के 4 दशकों के शासकीय सेवा का बखान करते हुए उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को सराहा।
अपने स्वागत से अभिभूत डॉ. जानी ने विभागीय कर्मचारी व मिले स्नेह की प्रशंशा करते हुए कहा कि, मुक जीवों की सेवा करना ईश्वर की आराधना, प्रार्थना समान है। मुझे इस सेवा को जो 40 वर्षो तक मोका मिला वह मेरे वरिष्ठ अधिकारियों तथा मेरे अपनो का आशीर्वाद हे। इन 40 वर्षो में आदिवासी अंचल में सेवा को जो मोका मिली यह मेरे लिए सबसे बड़ा तीर्थ है। इस सेवा यात्रा का फल मुझे शासकीय सेवा से निवृत्त होने के बाद आप सभी के स्नेह, प्रेम के प्रसाद के रूप में आज मिला है जिसे में जीवन पर्यंत नही भूल पाऊंगा। विदाई कार्यक्रम को गरोठ निवासी शशिकांत उपाध्याय ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन थांदला के वरिष्ठ पत्रकार राजेश वैद्य ने किया, आभार डाक्टर सुरेश गोड ने व्यक्त किया।
उन्नत पशुपालक हुए भावविभोर किया आत्मीय अभिनंदन
मेघनगर में कार्यालयीन विदाई समारोह के पश्चात गृह नगर थांदला लोटने के दौरान जब डॉक्टर जानी के कार्य क्षेत्र के उन्नत पशु पालक बड़ा गुड़ा निवासी प्रसाद तथा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी लालासिह भाई को पता लगा तो भाव विभोर हो गए जानी के सेवानिवृत्त होंने के बाद गृह नगर जाने की खबर लगते ही नोगावा में 51 किलो पुष्पों की माला पहना कर स्वागत किया। उन्होंने कहा कि, आप शासकीय सेवा से निवृत्त हुए हे किंतु हमारे पशुओं की सेवा तो आप के भरोसे ही हे। यह कहते हुए प्रसाद की आंखों से अश्रुधारा बहने लगी, जिसे देख डॉ. जानी सहित परिजन और संगी साथी भी भाव विभोर हो गए।