माही की गूंज, थांदला।
खेल और अच्छी शिक्षा दोनों ही विद्यार्थी के जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए आवश्यक है। खेल ईसकी का अर्थ ना केवल शारीरिक व्यायाम है, बल्कि इसके द्वारा विद्यार्थियों की पढ़ाई की ओर एकाग्रता का स्तर बढ़ता है। खेलों के संबंध में आमतौर पर कहा जाता है कि "एक स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन रहता है।" जीवन में आगे बढ़ने और सफलता प्राप्त करने के लिए तंदुरुस्त शरीर में स्वस्थ मन होना चाहिए, लक्ष्य पर पूरी तरह ध्यान केंद्रित करने के लिए मानसिक और बौद्धिक स्वास्थ्य बहुत आवश्यक है।खेल से आत्मविश्वास और अनुशासन आता है। विद्यार्थियों खेल के प्रति जागरुक एवं प्रोत्साहित कर उनमें खेलों के प्रति रुचि का निर्माण करने चाहिए।
उक्त विचार महाविद्यालय में राष्ट्रीय खेल दिवस के उपलक्ष्य में अंतर संकाय रस्साकशी प्रतियोगिता एवं उत्कृष्ट खिलाड़ियों के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में प्राचार्य डॉ. जीसी मेहता ने अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सर्जेराव गायकवाड़ थे।
इस प्रकार रहे परिणाम
कला संकाय में महिला टीम प्रथम एवं विज्ञान संकाय की महिला टीम द्वितीय स्थान पर रही। पुरूष में कला संकाय स्नातक प्रथम एवं कला संकाय स्नातकोत्तर ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। इसके अलावा स्नातकोत्तर विद्यार्थियों एवं प्राध्यापक के बीच भी प्रतियोगिता हुई जिसमें प्राध्यापक टीम विजेता रही। प्रतियोगिता आयोजन के पश्चात वर्षभर की गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को सम्मानित करते हुए प्राचार्य डॉ. जीसी मेहता ने प्रशंसा पत्र एवं ट्रेक सूट प्रदान किए गए।
खिलाड़ियों का किया सम्मान
सम्मानित होने वाले खिलाड़ियों में प्रीति धुर्वे -एथलेटिक्स, शंकर परमार -फुटबॉल, शक्ति भगोरा -क्रिकेट, प्रभु परमार -एथलेटिक्स, अश्विन डामोर -कबड्डी एवं दिलीप भूरिया -क्रॉस कंट्री में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर महाविद्यालय का नाम रोशन किया।
उक्त आयोजन में महाविद्यालय के प्रो.एच. डूडवे सहित समस्त शैक्षणिक स्टाफ, कार्यालयीन स्टॉफ एवं "मां तुझे सलाम" योजना अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय सीमा, जलियांवाला बाग एवं ऐतिहासिक स्थलों पर भ्रमण कर लौटे प्रताप कटारा सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने सहभागिता की।कार्यक्रम का संचालन डॉ. शुभदा भोसले ने एवं आभार डॉ. बीएल डावर ने माना।