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जिला पंचायत के भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में माहौल बनाने में रहे असफल, कार्यकर्ताओ से दूरी पड़ रही भारी
गूंज द्वारा किया गया खेल सामग्री भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ इस चुनाव का बना मुख्य मुद्दा
माही की गूंज, बामनिया।
भाजपा सांसद गुमानसिंह डामोर जितने के तीन वर्ष बाद पहली बार कार्यकर्ताओ से मिलने शुक्रवार को बामनिया पहुँचे। मौका था गुमानसिंह के खास और जिला पंचायत के वार्ड क्रमांक 13 से भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में माहौल बनाने का, जिसमे सांसद साहब पूरी तरफ से असफल रहे हैं। बीते तीन वर्षो में कार्यकर्ताओं से दूरी ओर खुद की जयकार करवाने की नीति के कारण बामनिया पंचायत में जहा कभी भाजपा कार्यकर्ताओं का मैला लगा रहता था वहां गिनती के 40 लोग जमा हुए उसमे भी दस लोग बहार के और दस गाँव व्यापारी थे। इससे पहले गुमानसिंह एक-दो आयोजनो में भाग लेने जरूर बामनिया पंचायत में आए लेकिन जीतने के बाद बामनिया से शुरू की गाँधी यात्रा के बाद कार्यकर्ताओ के सामने पहले बार आए।
कई भाजपाइयों ने आने से किया मना
लगातार भाजपा के संगठन में हस्तक्षेप करने और चुनिंदा नेताओं पर मेहरबान होकर पुराने नेताओ और कार्यकर्ताओं की अनदेखी के चलते शुक्रवार को बामनिया पहुँचे गुमानसिंह के लिए कार्यकर्ता जमा नही हो सके। ग्राम के कई भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं ने बैठक में शामिल होने से मना कर दिया। नतीजन मात्र 30 से 40 कार्यकर्ता ही बैठक में पहुँच सके।
बताया जा रहा है कि, गुमानसिंह डामोर का जिला पंचायत सदस्य के लिए नगर में जनसंपर्क का भी प्रोग्राम था लेकिन स्थानीय भाजपा नेताओं की बेरुखी को देखते हुए नगर के मुख्य चोराहे पर दो-तीन घरों पर जन सम्पर्क कर गाड़ी में बैठ कर रवाना हो गए। सांसद गोदड़िया पंचायत और फिर करवड़ पंचायत भी पहुँचे जहा कार्यकर्ता दो अंकों में भी नही मिले।
केवल अपने खास के लिए ही घूम रहे हैं साहब, बाकी अधिकृत प्रत्याशियों का नाम तक नही लिया
बैठक के दौरान गुमानसिंह डामोर ने जिला पंचायत सदस्य के पक्ष में मतदान करने और करवाने का आह्वान किया। बैठक में भाजपा की ओर से अधिकृत जनपद सदस्य और ग्राम पंचायत सरपंच प्रतयाशी भी उपस्थित थे लेकिन सांसद महोदय सिर्फ अपने निजी कार्यकर्ता उर्फ जिला पंचायत सदस्य के लिए वोट मानते ओर मेहनत करने की बात करते दिखे, बाकी दो अधिकृत प्रत्याशियों के लिए कोई बात तक नही की। जिससे मौजूद प्रत्याशियों में भारी नारजगी देखी गई। साफ है, सांसद डामोर का फोकस सिर्फ और सिर्फ अपने निजी कार्यकर्ता के प्रचार का था।
खेल सामग्री भ्रष्टाचार बना मुख्य मुद्दा
फरवरी-मार्च में प्राथमिक ओर मिडिल स्कूलों में खरीदी जाने वाली पांच ओर दस हजार की खेल सामग्री के नाम पर बड़े भ्रष्टाचार की तैयारी थी। जिसका भंडाफोड़ गूंज में किया गया था। खेल सामग्री के नाम पर भाजपाई भ्रष्टों ने खिलोने सप्लाई कर रातो-रात करोड़पति बनने की योजना बनाई थी। जो कि मामला उजागर होने पर योजना फेल हो गई और बड़े स्तर पर भाजपा पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपो के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के हस्तक्षेप के बाद जिला कलेक्टर ने मामले की जांच कर जिले के चार थानों में 4 से 5 फर्मो पर अपराध दर्ज करवाया था। आज वही खेल सामग्री का मुद्दा स्थानीय चुनाव में ग्रामीण स्तर पर मुख्य मुद्दा बना हुआ है और भाजपा के विरोध प्रचार के दौरान "आया रे आया खेल खिलौने वाला आया रे" गाना बजा कर भाजपा राज़ में हुए भ्रष्टाचार के नाम पर वोट मांग रहे हैं। वही शोसल मीडिया पर खेल सामग्री भ्रष्टाचार मामले में लगे माही की गूंज के समाचारों की कटिंग धड़ल्ले से वायरल की जा रही हैं।
केंद्र द्वारा जारी हुई थी राशि, सांसद के मुँह से आवाज़ तक नही निकली
जिले में केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सांसद गुमानसिंह ने इस पूरे भ्रष्टाचार पर मौन धारण किया हुवा है। जबकि खेल सामग्री के लिए राशि का आवंटन केंद सरकार द्वारा किया गया था। भ्रष्टाचार उजागर होने और मामले में पुलिस प्रकरण दर्ज होने के बाद भी सांसद डामोर की आवाज़ इस मामले में नही निकली, क्योंकि इस भ्रष्टाचार में उनके करीबियों के शामिल होने के खुले आरोप लगे हैं। मुख्यमंत्री के सामने इस बात का खुलासा तक हुआ इसके बाद भी सांसद का मौन नही टूटा। केवल झाबुआ जिले में ही नही संसदीय क्षेत्र के रतलाम जिले में भी खेल सामग्री सप्लाई मामले में भ्रष्टाचार उजागर हुआ है और मामले रतलाम कलेक्टर द्वारा तीन प्राचार्य तक निलबंन किए जा चुके हैं।