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जिला अस्पताल में टेंडर के नाम पर घपला, किराए के वाहन के नाम पर हो रही सेटिंग, सिंगल टेंडर स्वीकृत करने के लिए कलेक्टर को भेजी फाइल




किराए से चल रहे वाहन मालिकों ने टेंडर पर दर्ज करवाई आपत्ति, जिला अस्पताल में भोजन, स्टेशनरी सहित कई विज्ञप्तियो के अते-पते नही
माही की गूंज, झाबुआ।
कोरोना काल मे कम संसाधनों के बीच बढ़िया व्यवस्था करने वाला जिला अस्पताल अब अपनी मनमानी के लिए सुर्खियों में है। जिला अस्पताल सहित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के माध्यम से कई स्थानीय व्यापारियों और बेरोजगारो का रोजगार जुड़ा हुआ है, लेकिन जिला अस्पताल प्रशासन की मनमानी के कारण उसका सीधा लाभ सेटिंगबाज़ों को हो रहा है, जिला अस्पताल सहित सभी ब्लॉक स्तर पर किराए से लगने वाले चार पहिया वाहन को लेकर सेटिंग का मामला सामने आया है। जिसमे सिंगल टेंडर को नियम विरुद्ध कार्य देने के मामला सामने आया है और शातिर जिला अस्पताल प्रशासन ने पूरा मामला कलेक्टर के पाले में डाल कर अपना उल्लू सीधा करने की जुगाड़ लगा ली है।
स्वास्थ्य विभाग ने निकाली किराए के वाहन की विज्ञप्ति, स्थानीय वाहन मालिकों को कर दिया आत्मनिर्भर
स्वास्थ्य विभाग को जिले भर में वाहनों की आवश्यकता है जिसमे अधिकारी सहित अन्य विभागीय कार्य के लिए लगभग 20 से 22 वाहनों की आवश्यकता है जिसके लिए टेंडर जारी किए गए है। टेंडर की शर्त अनुसार उक्त सभी वाहन एक ही मालिक के होना चाहिए थे लेकिन इतने बड़े स्तर पर जिले में कोई वाहन मालिक नही होने से उक्त टेंडर किसी बड़े और बहरी व्यक्ति को जाना तय है। जिससे वर्तमान में ब्लॉक स्तर से वाहन चला रहे स्थानीय और छोटे वाहन मालिक पूरी तरह आत्मनिर्भर हो जायेगे ओर उनको उनका वाहन घर ले जाना पड़ेगा।
5 बार निकल चुका है टेंडर, एक ही फर्म ने अधूरे दस्तावेजो के साथ किया आवेंदन
जिला अस्पताल की और से मिली जानकारी के अनुसार किराए के वाहन के लिए जनवरी 2021 से लगातार टेंडर जारी किए जा चुके है और अब तक पाँच बार प्रक्रिया होने के बाद भी टेंडर नही हो पाया। मिली जानकारी के अनुसार एक अन्य जिले के सेटिंगबाज़ ने जिला प्रशासन के अधिकारियों से मिली भगत कर अधूरे दस्तावेजो के साथ जो कि टेंडर की प्रक्रिया को पूरा नही करते उसके साथ टेंडर भर दिया। सेटिंग के अनुसार सब कुछ तय हो चुका था लेकिन वर्तमान में वाहन किराए से चला रहे वाहन मालिकों को इसकी भनक लगी तो उन्होंने इस पर लिखित आपत्ति दर्ज करवा दी। जिसके चलते जिला स्वास्थ्य विभाग की और से टेंडर में एक ही व्यक्ति द्वारा टेंडर भरने और अन्य व्यक्ति का नही आने का हवाला देकर फाइल जिला कलेक्टर की और भेज दी ताकि जिला कलेक्टर से सहमति करवा कर सेटिंग के आरोपो से मुक्त हुआ जा सके।
19 हजार प्रति माह में हो रहा है कार्य, अब कर दिया 21 हजार किराया
लगभग दो वर्ष पूर्व जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा वाहन के लिए टेंडर बुलाए गए थे लेकिन उसमे एक ही फर्म के वाहन होने की शर्त नही थी और ब्लॉक अनुसार टेंडर आमंत्रित किए गए थे जिसमें कई स्थानीय वाहन मालिको ने टेंडर लिया था। टेंडर के अनुसार प्रति माह 19 हजार रुपए का भुगतान प्रति वाहन किया जा रहा है वर्तमान में कार्य कर रहे वाहन मालिकों या फर्म की और से राशि बढ़ाने की कोई मांग नही की गईं फिर भी इस बार जारी टेंडर में दो हजार रुपए अतिरिक्त बड़ा कर टेंडर जारी किए गए है। जिसमे कही न कही सेटिंग होने का अंदेशा वर्तमान में लगे हुई वाहन के मालिकों ने दिखाया है और इस लिए टेंडर प्रक्रिया पर आपत्ति दर्ज करवाते हुवे स्थानीय स्तर पर टेंडर जारी करने की मांग की है।
वाहन के टेंडर निकले तो अन्य को पीछे से एंट्री
जिला स्वास्थ्य विभाग में वाहन सहित लगभग 10 अन्य व्यवस्थाओ के लिए टेंडर आमंत्रित होने थे जिसमें स्टेशनरी, प्रिंटिंग, फ्लेक्स, भोजन-नाश्ता, लॉन्ड्री आदि है। लेकिन पिछले कई वर्षों से अन्य कोई सामग्री सप्लाई का टेंडर जारी नही किया गया है जबकि सभी का टेंडर साथ मे होना था, स्वास्थ्य विभाग द्वारा वाहनों की विज्ञप्ति को बार-बार निकली जा रही है लेकिन अन्य कार्यो के लिए कोई बात नही हो रही है। बताया जा रहा है, कई सुपलैकर्ताओ से सेटिंग पहले से जमी हुई है जिसके चलते उनको बिना टेंडर के रिनिवल कर दिया जाता है। जबकि वाहन के मामले हर ब्लॉक पर अलग-अलग व्यक्ति होने के कारण विभाग के अधिकारियों की सेटिंग नही जम पा रही थी इसलिए सभी वाहन एक साथ एक ही फर्म को देने का निर्णय लिया गया। इस संबंध में जिला स्वास्थ्य अधिकारी से चर्चा करना चाही तो उन्होंने वीसी में व्यस्त होने का हवाला देकर बाद में बात करने का बोल दिया।


