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इंदौर में भी 'एडवांस्ड लंग फेल्योर यूनिट, जैसी सुविधा पर विचार- डॉ. जिंदल
माही की गूंज, इंदौर।
कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान फेफड़ों के संक्रमण के इलाज के लिए प्रसिद्ध हैदराबाद स्थित यशोदा अस्पताल एडवांस्ड लंग फेल्योर, कोविड इसीएमओ केयर एवं लंग्स ट्रांसप्लांट के मामले में देश में अपनी एक अलग ही पहचान कायम कर चुका है। मध्यप्रदेश में भी फेफड़ों के मामले में हैदराबाद जैसी आधुनिक चिकित्सा और उपकरण हों इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए म.प्र. के प्रमुख शहरों में भी 'एडवांस्ड लंग फेल्योर यूनिट' जैसी सेवाएं उपलब्ध हों इसके लिए यशोदा अस्पताल भी अपने स्तर पर प्रयासरत है।
उक्त बात आज इंदौर में होटल सयाजी में यशोदा अस्पताल के डायरेक्टर व लंग फेल्योर एवं ट्रांसप्लांट पलमोनोलॉजिस्ट डॉ. अपर जिंदल ने इंदौर के प्रमुख चिकित्सकों के बीच कही। उन्होंने बताया कि, कोरोना की दूसरी लहर में सबसे ज्यादा असर लंग्स पर हुआ और कई लोगों की मौतें हुई। इसी दौरान यशोदा अस्पताल ने आधुनिक चिकित्सा के माध्यम से कई प्रभावितों के जीवन को बचाया। दूसरी लहर में 75 से ज्यादा एयर एम्बुलेंस सुविधा देने के साथ ही 20 से ज्यादा एकमो का इलाज भी किया।
इसका उदाहरण म.प्र. के सागर स्थित शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय के प्रो. व पल्मोनरी डॉक्टर सत्येंद्र मिश्रा हैं। जो कि कोविड मरीजों की चिकित्सा के दौरान संक्रमण बढ़ने पर परिजनों व सरकार के सहयोग से हवाई मार्ग से हैदराबाद के यशोदा अस्पताल पहुंचाया गया। जहां उचित चिकित्सा के कारण उनको नया जीवन मिला।
इस अवसर पर सागर के डॉक्टर सत्येंद्र मिश्रा ने इस प्रतिनिधि को चर्चा में बताया कि, यशोदा अस्पताल में बेहतर चिकित्सा की वजह से ही आज मैं आपके बीच स्वस्थ हूं। उन्होंने अस्पताल की व्यवस्था व उपचार की सराहना करते हुए इंदौर सहित प्रदेश के अन्य प्रमुख शहरों में भी 'एडवांस्ड लंग फेल्योर यूनिट' जैसी सुविधा उपलब्ध हो इसके लिए प्रयास किए जाने चाहिए।