Contact Info
पंचायत का कारनामा: मजदूरी में कोटवाल की हाजरी भरकर निकाली जा रही वर्षो से मजदूरी
बलराम पाटीदार द्वारा एसडीएम, तहसीलदार व सीईओ को दिए आवेदन की प्रति।

कोटवार की रोजगार गारंटी में मजदूरी में भरी हाजरी।

शाणा सरपंच अपने आपको अनपढ़ बताकर हर बार बचने में हो जाता है कामयाब
माही की गूंज, पेटलावद
विकास खण्ड की ग्राम पंचायतों में होने वाले भ्रष्टाचार एक बाद एक सबूतों के साथ सामने आ रहे हैं, लेकिन अधिकारी है कि प्रत्यक्ष दिख रहे भ्रष्टाचार को भी रफा-दफा कर भ्रष्टो को बचा रहे हैं। ग्राम पंचायत असालिया में आंगनवाडी सहायिक को मनरेगा में मजदूरी भुगतान के बाद ग्राम पंचायत वेकलदा में कोटवार द्वारा मृतक के खाते से प्रधानमंत्री आवास की राशि निकालने का मामला आया था। फिर ग्राम पंचायत गामडी में मृत महिला, सहित आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और कोटवार के खाते में मजदूरी के फर्जी भुगतान का मामला सामने आया था। लेकिन किसी भी मामले में ग्राम पंचायत पर कोई कार्यवाही नही की गई।
अब एक और पंचायत में गंभीर मामला सामने आया है, जिसमे विगत चार से पांच वर्षों से कोटवार पद पर कार्यरत लोगो को रोजगार गारंटी में मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है। मामला ग्राम पंचायत जामली का है जहां के बलराम पाटीदार ने अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदार और जनपद सीओ को लिखित आवेदन देकर बताया कि, किस तरह ग्राम पंचायत जामली के सरपंच अम्बालाल वसुनिया ओर रोजगार सहायक द्वारा निर्भयसिंह मैडा द्वारा वर्ष 2017 से हल्का नंबर 25 के दो कोटवार को लगातार रोजगार गारंटी में मजदूरी करना बताकर भुगतान किया जा रहा है। जबकि कोटवार नोकरी पर होता है ऐसे में उसका लगातार मजदूरी करना खुला भ्रष्टाचार करना प्रतीत होता है।
शिकायतकर्ता बलराम पाटीदार ने बताया कि, सरपंच और रोजगार सहायक मिलकर फर्जी हाजरी अपने रिश्तेदारो और करीबीयों की भर रहे है, मनरेगा के कार्य मशीनों से कर मजदूरों के हक पर डाका मार रहे हैं। शिकायतकर्ता द्वारा शिकायती पत्र के साथ ऑनलाइन मस्टर की प्रति भी उपलब्ध करवाई है, जिसमे कोटवार राजाराम और देवेन्द्र को मजदूरी का भुगतान उनके बैंक खाते में होना साफ दिखा रहा है।
शिकायत के बाद ये देखना होगा कि, हर बार की तरह इस बार भी अधिकारी कार्रवाई करने की बजा़ए भ्रष्टो को बचाकर खुद चांदी काटते हैं या शासन की राशि को गबन करने का प्रकरण बनाकर कार्रवाई करते हैं। शिकायतकर्ता बलराम पाटीदार ने बताया कि, अगर स्थानीय अधिकारियों से न्याय नही मिलता है तो इस संबंध में उच्च अधिकारियों को लिखित शिकायत कर कार्रवाई की मांग करूंगा।
शाणा सरपंच अपने आपको अनपढ़ बताकर बच निकलता है
ग्राम पंचायत जामली में लम्बे समय से सरपंच पद पर बैठ आम्बाराम वसुनिया जो विगत दो वर्षों से ग्राम प्राधन बना हुआ है। लगातार पंचायत में फर्जी मजदूरी, घटिया निर्माण और शासकीय जमीन बेचने के गंभीर आरोपो से घिरी हुई है, लेकिन पेटलावद सरकारी कार्यलयों से भोपाल के मंत्रालय और सचिवालय तक दौड़ लगाने वाला सरपंच अम्बाराम वसुनिया अपने आपको अनपढ़ बताकर ग्राम पंचायत में होने वाले भ्रष्टाचार को स्वीकार कर उसका बिल रोजगार सहायक और सचिव पर फाड़ देता है। जबकि पंचायत में होने वाला एक भी कार्य उसकी बिना जानकारी के नही होता है और किसी भी कार्य के भ्रष्टाचार में बराबर का हिस्सेदार होता हैं। अधिकारीयो द्वारा ग्राम पंचायतों में हो रहे भ्रष्टाचार की अनदेखी का परिणाम ये है कि, एक के बाद एक पंचायतो में इस प्रकार के काले कारनामे सामने आ रहे हैं।


