मुख्य चैराहे की शान ध्वज स्ंतभ चढ़ा पंचायत की भ्रष्ट पिपासा की भेंट
माही की गूंज, बामनिया
राष्ट्रहित और राष्ट्रभक्ति का दावा करने वाली भाजपा की भाजपा समर्थित पंचायत का काला चेहरा सामने आया है, ग्राम बामनिया की भाजापा समर्थित पंचायत की बॉडी ने अपनी पैसों की भ्रष्ट पिपासा शांत करने के लिए ग्राम के मुख्य चैराहे पर कभी नगर की शान होने वाले ध्वज स्तंभ (ध्वजा रोहण का स्थान) को तोड़कर उस स्थान पर दुकान निर्माण कर दिया। मुख्य चैराहे पर पंचायत द्वारा निर्धारित गाइडलाइन का पालन किए बिना बनाए अवैध मार्केट के स्थान पर कभी ध्वज स्तंभ हुआ करता था, जहां ग्राम की वषों से चली आ रही परंपरा अनुसार ग्रामवासियों सहित ग्राम की सभी शासकीय स्कूलों के बच्चे इस ध्वजा रोहण स्थान पर खड़े होकर राष्ट्र भक्ति से ओत-प्रोत होते थे। हालांकि इस वर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर कोरोना काल के बाद मुख्य चैराहे पर झंडा वंदन होगा, सब कुछ वेसा ही होगा जैसा होता आया है लेकिन कभी चैराहे की शान रहा ध्वज स्तंभ नही रहेगा, क्योकि उस स्थान को तोड़कर पंचायत ने दुकाने बना दी है, अब झंडा वंदन के लिए अस्थाई स्तंभ बनाना होगा।
पहले अवैध अतिक्रमण हटवाया, फिर अवैध दुकाने बनाकर करवा दिया अतिक्रमण
मुख्य चैराहे पर अस्थाई रूप से किए अतिक्रमण को ट्रैफिक और जामजन की समस्या से निपटने के लिए कांग्रेस सरकार की छेड़ी गई अतिक्रमण मुहिम की आड़ में हटा दिया गया था, लेकिन पंचायत की मंशा इसके पीछे नगर की ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने की नही बल्कि अस्थाई अतिक्रमण को स्थाई अतिक्रमण में बदलकर पैसा बनाने की थी, जिसके तहत योजनाबद्ध तरीके के अतिक्रमण के नाम पर दुकानदारो को हटाया गया और फिर उन्ही पर दुकान नही मिलने का डर बनाकर लाखो की वसूली कर उन्ही कब्जाधारी दुकानदारो को दुकाने आवंटित कर दी गई।
मामाजी की मूर्ति लगाने की थी मांग, नया ध्वज स्तंभ बन सकता था चैराहे की शान
चैराहे से अतिक्रमण हटने के बाद समाजवादी चिंतक और स्वत्रंता सेनानी मामा बालेश्वर दयाल के अनुयाइयों ने उक्त स्थान पर छोटा बगीचा बनाकर मामा जी की मूर्ति लगाने की मांग की थी, ताकि जिन मामा जी के करण ग्राम की पहचान राष्ट्रीय स्तर पर हुई है उनको सम्मान दिया जा सके और मामा जी की पुण्यतिथि सहित वर्ष भर में मामा जी के भील आश्रम पर आने वाले उनके अनुयायी भी ग्राम के मुख्य चैराहे पर लगी मूर्ति पर आशीर्वाद ले सके, लेकिन ग्राम पंचायत ने केवल अपने स्वार्थ पूर्ति का कार्य करते हुए अपनी काली कमाई करने के लिए गरीब दुकानदारों को दुकान देने के नाम पर अवैध मार्केट खड़ा कर दिया।
निर्माण के दौरान ध्वज स्थल के लिए किया था आश्वस्त लेकिन ही बनाया नही
दुकान निर्माण के समय जागरूक नागरिकों ने मुख्य चैराहे के ध्वज स्थल को नया बनाने की मांग रखी थी जिस पर ग्राम पंचायत और उससे जुड़े करीबियों ने लोगों को आश्वस्त किया था कि, यहां वही ध्वजारोहण का नया स्थल बनाया जाएगा। लेकिन शायद एक दुकान पर मिलने वाली राशि इतनी अधिक थी कि, रातोरात पंचायत ने दुकान खड़ी कर दी। लोगो ने जब इस बात को लेकर पंचायत की खिंचाई की तो मार्केट की एक दुकान के आगे घटिया ध्वज स्थल बना दिया, जिस पर नाली का पाइप भी लगा हुआ है जिससे भाजपा समर्थित पंचायत की राष्ट्रभक्ति और ग्राम की धरोहर को संजोए रखने की मंशा पर सवाल खड़े हो रहे है।