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ग्राम/नगर रक्षा समिति सम्मेलन का हुआ आयोजन
23, Mar 2025 6 months ago

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माही की गूंज, कुंदनपुर।

               पुलिस अधीक्षक पद्मविलोचन शुक्ल की उपस्थिति में ग्राम कुंदनपुर थाना राणापुर में ग्राम/नगर रक्षा समिति सम्मेलन का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम पुलिस और समाज के बीच सामुदायिक सहयोग को बढ़ावा देने, अपराध मुक्त समाज के निर्माण के उद्देश्य से आयोजित किया गया। पुलिस अधीक्षक महोदय ने कार्यक्रम में अपने संबोधन में समाज में घटित हो रहे विभिन्न मुद्दों पर गंभीर विचार व्यक्त किए।

              पुलिस अधीक्षक ने सामुदायिक पुलिसिंग के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि, पुलिसिंग में आमजन का सहयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके माध्यम से हम न केवल कानून व्यवस्था को बनाए रख सकते हैं, बल्कि समाज में जागरूकता और शांति भी स्थापित कर सकते हैं। पुलिस अधीक्षक महोदय ने बताया कि इस तरह के संवाद कार्यक्रमों का आयोजन लगातार किया जा रहा है, ताकि पुलिस और समाज के बीच एक मजबूत संबंध स्थापित हो सके और आपसी विश्वास का निर्माण हो सके।

             कार्यक्रम की शुरुआत में  पुलिस अधीक्षक  ने शिक्षा के महत्व पर विशेष ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि बच्चों, विशेषकर बालिकाओं, की शिक्षा समाज के विकास में एक महत्वपूर्ण योगदान करती है। बालिकाओं को शिक्षा प्राप्ति का अधिकार है, और उन्हें समाज में बराबरी का दर्जा प्राप्त करने के लिए यह आवश्यक है। उन्होंने ग्रामवासियों से आग्रह किया कि वे अपनी बेटियों को नियमित रूप से स्कूल भेजें और उन्हें शिक्षा की महत्वता को समझाएं। इसके साथ ही, उन्होंने बाल विवाह की समस्या पर भी चर्चा की और बताया कि यह न केवल बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए हानिकारक है, बल्कि समाज में असमानताएं और समस्याएं उत्पन्न करता है। उन्होंने ग्रामवासियों से अपील की कि वे बच्चों का विवाह 18 वर्ष की आयु से पहले न करें।

             पुलिस अधीक्षक ने भांजगडी प्रथा की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह एक अमानवीय प्रथा है, जिसमें दुर्घटनावश किसी व्यक्ति की मृत्यू के बाद उसके परिवारजन मृत शरीर को सड़क पर रखकर धन की मांग करते हैं। यह न केवल मृत शरीर का अपमान है, बल्कि समाज के लिए भी यह एक गलत संदेश है। उन्होंने इस प्रकार की गतिविधियों को तत्काल प्रभाव से समाप्त करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

             पुलिस अधीक्षक ने विवाह समारोहों में डीजे के इस्तेमाल पर अपने विचार प्रकट किए। उन्होंने बताया कि तेज आवाज से न केवल ध्वनि प्रदूषण होता है, बल्कि यह समाज में तनाव और असमंजस की स्थिति भी उत्पन्न करता है। उन्होंने ग्रामवासियों से आग्रह किया कि वे शादियों को शांतिपूर्वक पारंपरिक रूप से मनाएं और फिजूलखर्ची से बचें।

           इसके साथ ही, उन्होंने नशा मुक्ति के महत्व पर बल दिया। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे नशे से दूर रहें क्योंकि नशा न केवल परिवारों को तोड़ता है, बल्कि समाज की व्यवस्था को भी बिगाड़ता है।                                              

           उन्होंने ग्रामवासियों से यह भी कहा कि उन्हें दहेज प्रथा के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए और सामूहिक प्रयासों से इसे समाप्त करना चाहिए। दहेज प्रथा समाज में असमानताएं पैदा करती है, एसी प्रथाओं को त्यागना चाहिए।

           कार्यक्रम के दौरान पुलिस अधीक्षक ने सड़क सुरक्षा के महत्व पर भी बात की। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में सिर में लगी चोटें सबसे ज्यादा घातक होती हैं, इसलिए दुपहिया वाहन चलाते समय हमेशा हेलमेट पहनना चाहिए। इसके साथ ही, उन्होंने लोगों से यह भी कहा कि किसी भी प्रकार का नशा करके वाहन न चलाएं और हमेशा यातायात के नियमों का पालन करें।

               इसके अलावा, उन्होंने बताया कि लोग ऊंची ब्याज दरों पर साहूकारों से धन उधार ले लेते हैं, जिससे वे अपनी कीमती संपत्तियां गिरवी रखकर उनके ऋण जाल में फंस जाते हैं। उन्होंने ग्रामवासियों को सलाह दी कि वे पंजीकृत बैंक या वित्तीय संस्थानों से ही ऋण लें और साहूकारों के जाल में न फंसे।

              साथ ही उन्होंने प्लास्टिक के दुष्प्रभावों के बारे में बताते हुए कहा कि प्लास्टिक हमारे शरीर के लिए बहुत नुकसानदायक है, खाने के थैलियों के माध्यम से प्लास्टिक हमारे शरीर में प्रवेश करती है जिससे हमे कैंसर जैसी भयानक बीमारियों होती है। इसलिए हम प्लास्टिक उपयोग न करे बाजार जाते समय घर से ही बैग लेकर जाए।

           अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रेमलाल कुर्वे ने शासन द्वारा चलाई जा रही नई योजनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098, डायल 100 और गुडसमैरिटन योजना के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को तुरंत अस्पताल तक पहुंचाने वाले व्यक्ति को इस योजना के तहत उचित इनाम मिलता है, जिससे घायल व्यक्ति की जान भी बचाई जा सकती है।

             सायबर सेल टीम ने भी सायबर अपराधों के बारे में जानकारी दी। सायबर सेल टीम ने सिम स्वैपिंग, ओटीपी धोखाधड़ी और डिजिटल अरेस्ट जैसे प्रमुख सायबर अपराधों पर विस्तृत जानकारी दी और इनसे बचने के उपायों के बारे में बताया। उन्होंने ग्रामीणों को इंटरनेट पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी सुरक्षित रखने की सलाह दी और उन्हें सतर्क रहने की चेतावनी दी, ताकि वे किसी भी प्रकार के धोखाधड़ी से बच सकें।

          कार्यक्रम में उपस्थित साहिबा मेडा निवासी ग्राम सुरदिया, पुलिस द्वारा चलाए जा रहे अभियान से प्रेरणा लेकर उनके द्वारा अपनी बच्ची की शादी बिना दहेज लिए करने की संकल्प लिया।

           कार्यक्रम के अंत में बच्चों को खेल के प्रति प्रेरित करने के उद्देश्य से बैट और बॉल वितरित किए गए। पुलिस अधीक्षक  ने बच्चों से आग्रह किया कि वे खेलों में अपनी रुचि बढ़ाएं, क्योंकि यह उनकी शारीरिक और मानसिक विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

          इस कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक पद्मविलोचन शुक्ल, भाजपा जिलाध्यक्ष भानु भूरिया, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रेमलाल कुर्वे, एसडीओपी झाबुआ श्रीमती रूपरेखा यादव, डीएसपी गिरीश कुमार जेजुरकर, थाना प्रभारी थाना रानापुर निरीक्षक दिनेश रावत, निरीक्षक राजकुमार कुंसारिया, रक्षा सखी टीम, सायबर टीम, ग्रामवासी, पत्रकार बंधु और अन्य पुलिस अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।



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