माही की गूंज, थांदला।
भगवान महावीर स्वामी के सत्य, अहिंसा, अपरिग्रह, अचौर्य, ब्रम्हश्चर्य के साथ जियो और जीने दो का संदेश देते हुए शासन के प्रति सभी के दिलों में शासन भक्ति, सेवा रक्षा के भाव जगाने के लिए वैशाख सुद ग्यारस को जिन मन्दिरजी में जैन धर्म शासन स्थापना दिवस मनाया गया। सुबह से ही मंदिर में श्रीसंघ एवं संघ के बच्चों ने मिलकर सामूहिक स्नात्रपूजा की, चैत्य वंदन व गुरू वंदन किया फिर जिन शासन स्थापना दिवस पर जैन ध्वज लहराते हुए भगवान महावीर के सिद्धांत जियो और जीने दो - अहिंसा परमोधर्म के नारें लगाए। इस अवसर पर पाठशाला के बच्चों को प्रभावना दी गई। कार्यक्रम में अखिल भारतीय श्री राजेंद्र जैन महिला परिषद की प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य पूर्णिमा पोरवाल, थांदला महिला मंडल पूर्व अध्यक्ष सुशील मुथा, वैयावच्च प्रभारी प्रतिभा लोढ़ा, मनोरमा चत्तर, श्रीकांता लुणावत, भावना फूलफगर, पाठशाला बच्चों में हितांशी पोरवाल, महक, परी, चिराग,आदेश, रिदम, केनिश, जय, मोक्षिता, धैर्य, दिव्यांश आदि उपस्थित थे।
पूज्यश्री धर्मदास जैन स्वाध्यायी संघ की परीक्षा सम्पन्न - 35 सेंटर पर 150 स्वाध्यायियों ने दी परीक्षा
जिनशासन स्थापना दिवस पर जिन शासन की प्रभावना करने में अग्रणी संस्था पूज्य श्री धर्मदास जैन स्वाध्यायी संघ द्वारा स्वाध्यायियों के लिए नियमित वार्षिक गतिविधियों के माध्यम से उनके ज्ञान दर्शन चारित्रिक अभिवृद्धि करता रहता है। यही कारण है कि आज स्वाध्यायी संघ से जुड़े अनेक श्रावक श्राविकाओं ने चारित्र ग्रहण कर नवकार मंत्र के पंचम पद पर प्रतिष्ठित हो कर जैन धर्म की प्रभावना करते हुए स्व-पर कल्याण कर रहे है। जैनाचार्य पूज्य श्री उमेशमुनिजी म.सा. "अणु" के दिव्यशीष व दूरगामी चिंतन के प्रतिफल स्वरूप वर्ष 2002 में स्थापित स्वाध्यायी संघ के माध्यम से सैकड़ों स्वाध्यायी वर्षावास विहीन क्षेत्रों में सावन-भादौ विशेष कर पर्युषण पर्व के आठ दिनों में संत जैसा जीवन व्यतीत करते हुए आगम का वाचन करते आ रहे है। ऐसे दृढ़ स्वाध्यायियों के दर्शन की निर्मलता के लिए पूज्य श्रीधर्मदास गण प्रवर्तक बुद्धपुत्र पूज्यश्री जिनेन्द्रमुनिजी म.सा. के निर्देशानुसार संघ के संस्थापक भरत भंसाली व संचालक वीरेंद्र मेहता द्वारा गुरुभगवंतों द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम पर चयनित प्रश्नपत्र के माध्यम से परीक्षा का देशभर के मध्यप्रदेश के भोपाल, इंदौर, हाटपिपल्या, धार, रतलाम, उज्जैन, नागदा जंक्शन, शाजापुर, नागदा (अचलगढ), देवास, बदनावर, महिदपुर सिटी, बड़वाह, सनावद, करही, बागोद, कसरावद, मुंदी, खिरकिया, खरगोन, भवानीमण्डी, बड़वानी, कोद, खाचरौद, राजगढ़, थान्दला, पेटलावद, बामनिया, खवासा, गुजरात राज्य के संजेली, लिमखेड़ा, दाहोद, बड़ौदा, अंकलेश्वर, राजस्थान के कुशलगढ़, बांसवाड़ा आदि 35 सेंटर बनाकर किया। जिसमें करीब 150 स्वाध्यायियों ने हिस्सा लिया। सभी परीक्षा देने वालें स्वाध्यायियों को गुप्त परिवार द्वारा प्रभावना प्रदान की जाएगी।