Saturday, 22 ,November 2025
RNI No. MPHIN/2018/76422
: mahikigunj@gmail.com
Contact Info

HeadLines

बच्चो को नहीं मिल रहा मीनू अनुसार मध्यान भोजन, शिक्षक भी स्कूल से रहते है नदारत | सरकारी भूमि ओर पट्टे पर बना मकान, फिर भी एक-दो नहीं, तीन जगह अतिक्रमण कर सरकारी भूमि पर कब्जा | क्या फ्री बीज योजनाएं एंटी इनकम्बेंसी की काट है...? | झाबुआ जिले के गौरव पूज्य श्री महाराज साहब की 150वीं जयंती पर स्मारक सिक्का एवं डाक टिकट का राज्यपालों ने किया विमोचन | भ्रष्टाचार की नीव पर बन रहा भवन आखिर क्यों विभागीय अधिकारी, ठेकेदार को संरक्षण दे रहे हैं | भगवान बिरसा मुंडा की मनाई 150वीं जन्म जयंती | बाल मेले का हुआ आयोजन | 5 दिसम्बर को जिले में करणी सेना प्रमुख का होगा आगमन | भाजपा की नई कार्यकारिणी की हुई घोषणा | वंदे मातरम् के 150 वर्ष, नई पीढ़ी को देती अमर प्रेरणा | भाजपा के 40 से अधिक कार्यकर्ता कांग्रेस में हुए शामिल | नाले में गिरने से 8 वर्षीय बालक की मौत | मेघनगर रिटर्न... | धूमधाम के साथ मनाई गई सरदार पटेल जयंती | पुलिस थाने पर मनाया एकता दिवस | शिव मंदिर पर आयोजित हुआ अन्नकूट महोत्सव | अतिथियों की दिवाली बिना वेतन वाली | चोरो का आतंक: खेत पर पानी पिलाने वाले विद्युत पम्प हुआ चोरी | सड़क नहीं पूरा सिस्टम ढह रहा है....! | ग्राम में निकला विशाल पथ संचलन, शताब्दी वर्ष पर दिखा विशेष उत्साह |

आदिवासी युवा क्रांति संघ मध्यभारत ने भील कुल नी माता शबरी की जयंती मनाई
03, Mar 2024 1 year ago

image

माही की गूंज, झाबुआ।

          भील आदिवासी समाज की महान विभूति भील समाज की पूर्वज प्रभु श्री राम भक्त माता शबरी भील का जन्मोत्सव मनाया। जिस तरह पूरा देश राममय हुआ, अयोध्या में प्रभू श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा हुई, जब-जब दुनिया प्रभू श्री राम का नाम लेगी, तब-तब भील समाज की माता शबरी को भी जानेंगे। कार्यक्रम की शुरुआत करने से पहले वरिष्ठ साधु संत व मुख्य वक्ताओं ने भारत माता एवं प्रभू श्री राम भक्त शबरी माता की तस्वीर पर माल्यार्पण किया।  

          आदिवासी युवा क्रांति संघ मध्यभारत के बैनर तले प्रखर राष्ट्रवादी आदिवासी समाज के मुख्य वक्ता राजेश डावर ने बताया कि, हमारे भील समाज की माता शबरी जिन्होंने तन मन धन सब कुछ त्यागकर प्रभु श्री राम की आराधना करी और प्रभु श्री राम उनसे मिलने खुद पैदल चलकर वन में उनकी कुटिया में पहुंचे माता शबरी के झूठे बेर खाएं, आज इतिहास में दर्ज है। माता शबरी और प्रभू श्री राम का मिलन भील समाज के वालिया (वाल्मिक ऋषि) भील ने रामायण लिखी। भील आदिवासी समाज गर्व करता है कि, आज इन महान विभूतियों ने हिंदू धर्म की अलख जगाई और पुरे आदिवासी समाज में भक्ति के मार्ग को आगे बढ़ाया। जब-जब पूरी दुनिया प्रभु श्री राम को जानेगी तब तक इन महान भील आदिवासी समाज के देवी देवताओं को भी जानेंगे।

          आदिवासी संत मनसुख महाराज ने कहा, हम कितने सौभाग्यशाली है की हज़ारों लाखों राजा महाराजाओं से न मिलकर प्रभू श्री राम वन में माता शबरी भील से मिले। उनको आशीर्वाद दिया और आज पूरा इतिहास गवाह है की आज हम शबरी माता की जयंती मना रहे।

          आदिवासी युवा क्रांति संघ के सस्थापक सदस्य राजेश मैडा ने मंच से माता शबरी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए संगठन के उद्देश्यों को बताया। उन्होंने कहा, आदिवसी समाज शिक्षा, स्वास्थ्य में पीछे जा रहा है। भील आदिवासी समाज के बाबा देव सावन माता मंदिर के जीर्णोद्धार करना एवं आदिवासी समाज में फेल रहें धर्मान्तरण को जड़ से खत्म करना है। आदिवासी युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना है। आदिवासी समाज के वीर क्रांतिकारी पूर्वजों को उनकी जयंती पर याद करना एवं उनके जन्मदिन पर कार्यक्रम करना है।

          आदिवासी संत रूपसिंग महाराज ने कहा, हमारी आदिम सनातन संस्कृति को हमे बचाकर रखना एवं डीजे जैसे घातक यंत्रों से आज की युवा पीढ़ी बर्बादी की ओर जा रही है, उन्हें रोकना चाहिए। ढोल, मांदल एवं आदिवासी समाज के रीतिरिवाजों, परंपराओ की रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है।

          संगठन के कार्यकर्ताओं ने भील आदिवासी समाज की सनातन संस्कृति के तहत माता शबरी जयंती पर बड़े ढोल, मांदल बजाए और माता शबरी को याद किया। कार्यक्रम में पधारे सभी वरिष्ठ जनों, संतजनों का आदिवासी युवा क्रांति संघ मेघनगर ब्लॉक अध्यक्ष गोविंद खड़िया ने सभी का आभार व्यक्त किया और मंच का संचालन सामाजिक कार्यकर्ता मनीष मेडा ने किया।



माही की गूंज समाचार पत्र एवं न्यूज़ पोर्टल की एजेंसी, समाचार व विज्ञापन के लिए संपर्क करे... मो. 9589882798 |