जोबट और रतलाम ग्रामीण कही से उतारेगी पार्टी या फिर लोकसभा में ही मिलेगा मौका
माही की गूंज, झाबुआ/रतलाम।
भाजपा ने अपनी दूसरी सूची में 7 सांसदों को टिकिट देकर चौका दिया। सूची आने के बाद राजनीतिक पंडित अपने-अपने हिसाब से इस अपनी राय रखते इसे भाजपा का मास्टर स्टोक तो कई जगह इसे उड़ता तीर बता रहे हैं। सांसदों को टिकिट देने के बाद विधानसभा से दावेदारी करने वाले कई बड़े नेता भाजपा नेतृत्व से नाराज तक हो गये। भाजपा की सूची में अभी और भी सांसद हैं जिनको पार्टी चुनाव मैदान में उतार सकती है उसमें केंद्रीय मंत्री राज्यसभा सांसद सिंधिया का नाम भी लिया जा रहा। राज्यसभा सांसद सुमेरसिंह सोलंकी के भी चुनाव मैदान में उतरने के कयास लगाए जा रहे हैं। पेटलावद विधानसभा से चुनावी मैदान में उतरने की छटपटाहट रतलाम-झाबुआ के सांसद गुमानसिंह डामोर में साफ देखी गई थी। लेकिन पार्टी ने पहली ही सूची में डामोर की दावेदारी निरस्त कर दी। राजनीतिक सूत्रों की माने तो झाबुआ और पेटलावद विधानसभा की टिकिट से पूर्व सांसद डामोर से पार्टी ने कोई राय सुमारी तक नही की। बाद में थांदला और सैलाना सीट से भी सांसद डामोर का नाम चर्चा में रहा लेकिन विधानसभा चुनाव लड़ने की बात को खुद रतलाम में खारिज कर चुके हैं। बताया जा रहा है पार्टी सैलाना से सांसद को मैदान में उतारना चाह रही थी लेकिन सांसद ने अपनी जबाबदारी पर संगीता चारेल का टिकिट तय करवाया। सांसद डामोर के संसदीय क्षेत्र में अब केवल दो सीटों जिंसमे जोबट और रतलाम ग्रामीण है इस पर पार्टी ने कोई प्रत्याशी घोषित नही किया है और जिस तरह से राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को पार्टी ने उनकी इच्छा के विरुद्ध मैदान में उतारा है भाजपा सांसद डामोर पर भी दांव खेल सकती है। ज्यादा चर्चा में इस बार जोबट विधानसभा है जहां भाजपा कमजोर दिखाई दे रही है, कांग्रेस की नेता सुलोचना रावत को भाजपा जॉइन करवा कर उपचुनाव में भाजपा के बेनर पर जितवा भले दिया लेकिन जीत के बाद से कोई खास उपस्थिति दर्ज नही करवा सकी और स्वास्थ्य संबधी समस्या के चलते कोई कार्य नही कर पाई। भाजपा के पूर्व विधायक माधोसिंह डावर और सुलोचना रावत के पुत्र दोनों इस सीट से मैदान में उतरना चाहते हैं जिनके सर्वे इस बार कमजोर बताये जा रहे। जिसके चलते पार्टी नए चेहरे पर दांव खेलने के प्रयास में है और सांसद डामोर का नाम चर्चा में बना हुवा है। दूसरी और रतलाम ग्रामीण जहा से गुमानसिंह डामोर का राजनीतिक करियर शुरू होने की चर्चा थी वही से मैदान में उतारे जाने की चर्चा है। यहां जयस संगठन का प्रभाव साफ देखा जा रहा है और संभावनाएं व्यक्त की जा रही है कि, यहां कांग्रेस जयस समर्थित चेहरे को टिकिट दे सकती है ऐसे में भाजपा के लिए ये सीट चुनौती बन सकती है इससे उभरने के लिए भाजपा इस सीट से भी सासंद डामोर के नाम पर विचार कर रही है। संसदीय क्षेत्र की जोबट और रतलाम ग्रामीण सीट पर कांग्रेस का प्रभाव रहा है जिससे निपटने के लिए पार्टी रणनीति बना रही है सब कुछ सही रहा तो भाजपा यहां से चर्चा में चल रहे नाम विधायक और पूर्व विधायक को ही मौका देगी लेकिन नए उम्मीद्वार और परिवर्तन के नाम पर सांसद को विधानसभा के रण में उतारे जाने की संभावनाओ से भी इंकार नही किया जा सकता है।