Thursday, 31 ,July 2025
RNI No. MPHIN/2018/76422
: mahikigunj@gmail.com
Contact Info

HeadLines

झाबुआ कलेक्टर के साथ हुई यह दुर्घटना सामान्य या षड्यंत्र...? | पुलिस व्यवस्था की खुली पोल, लाखों रुपए के इलेक्ट्रॉनिक सामान की हुए चोरी | उपराष्ट्रपति का इस्तीफाः असंतोष की शुरुआत या स्वास्थ्य का बहाना ...? | भाजपा अजजा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष की गाड़ी से बड़ी दुर्घटना, तीन जख्मी | मातृशक्ति महिला मंडल ने निकाली कावड़ यात्रा | हाउस सेरेमनी व शपथ विधि समारोह संपन्न | बड़े तालाब में डूबने से व्यक्ति की मौत | इरादे तो सैकड़ो बनते हैं बनकर टूट जाते हैं कावड़ वही उठाते हैं जिन्हें भोले बुलाते हैं | महिला एवं बाल विकास मंत्री ने हरिहर आश्रम में पार्थिव शिवलिंग का किया जलाभिषेक | गुजरात की घटना से सबक नहीं लिया तो यहां भी पड़ सकती हैं इंसानी जान खतरे में | सेवानिवृत्त शिक्षक विजयसिंह देवड़ा का आकस्मिक निधन | नशा मुक्ति जागरूकता रैली का आयोजन, निकली गई रैली | आरसीबी की जीत के बाद रजत पाटीदार ने आचार्य देवेंद्र शास्त्री का लिया आशीर्वाद | पीहर पक्ष के साथ लोटी कनक, सुसराल वालो पर करवाया प्रताड़ना का मामला दर्ज | साइलेंट अटैक से काका-भतीजा की एक के बाद एक की हुई मृत्यु | "एक पेड़ मां के नाम" अभियान अंतर्गत पौधारोपण | गूंज असर: थोड़ी ही सही राहत तो मिलेगी, खबर के बाद गड्ढे भरने की रस्म अदायगी करता विभाग | मुख्यमंत्री जी गाड़ी के पेट्रोल-डीजल में खराबी मिली तो कार्यवाही | पीर बाबा की दरगाह पर हिंदू समाज की आस्था, अमावस्या पर लगता है मेला | कूप का पानी पीने से कई ग्रामीण उल्टी दस्त से पीड़ित |

ओवर ब्रिज पर लटकता लोहे का पोल कभी भी बन सकता है लोगो के लिए काल, प्रशासन सोया कुंभकर्ण नींद में
Report By: इमरान शैख 10, Oct 2023 1 year ago

image

माही की गूंज, मेघनगर। 

            मोरवी का पुल हादसा हो या कोलकाता का पुल हादसा या फिर जबलपुर का फ्लाई ओवर हादसा, जब तक निर्दोष लोगों की जान नही जाती तब तक प्रशासकीय तंत्र कुंभकर्णीय नींद से जागता ही नही है। शायद उसी का इंतजार मेघनगर का प्रशासन भी कर रहा है। क्योंकि करोड़ों रुपए की लागत से बना मेघनगर का ओवर ब्रिज भ्रष्टाचार का रोज एक नया किस्सा बयां कर रहा है। ब्रिज के उद्घाटन  के 6 महीने के भीतर ही ओवर ब्रिज के बीचों बीच इतना बड़ा गड्ढा हो गया था जो की कई हादसों की वजह बना और जिसमें कई वाहन चालक गंभीर रूप से घायल हुए। वही ब्रिज वाला रोड भी कुछ माह में ही छतिग्रस्त हो गया। इस ओवर ब्रिज की लाइट की सुविधा भी जादुई है, कभी आधी लाइट जलती है तो कभी जलती ही नही है। वही अब इस ब्रिज में हुए भ्रष्टाचार का एक ओर किस्सा ओवर ब्रिज पर लटकता एक लाइट का लोहे का पोल बयां कर रहा है जो कई दिनों से ब्रिज की दीवार के सहारे अटका हुआ है। इस पोल के सारे बोल्ट खुल चुके हैं लेकिन ईसकी मरम्मत करने की जहमत कोई प्रशासनिक अधिकारी या ब्रिज निर्माण एजेंसी ने नही उठाई। लोहे का ये भारी भरकम पोल ब्रिज पर गुजरने वाले वाहनों के कंपन से कभी भी ब्रिज पर घूमने आने वाले लोगों पर गिर सकता है या वहां से गुजरने वाले किसी भी वाहन पर गिर सकता है। जिससे अचानक से पीछे चलने वाले और कई वाहन भी गति की वजह से एक साथ गंभीर दुर्घटना का शिकार हो सकते है और कई लोगों की जान निर्माण एजेंसी और प्रशासनिक लापरवाही से जा सकती है। मगर भ्रष्ट तंत्र में जनता की जान की परवाह है किसको है...? यहा तो सब कमीशन के खेल में व्यस्त और मस्त है और जनता बेचारी सिर्फ त्रस्त ही त्रस्त है।

रख रखाव करने वाली एजेंसी भी सुस्त 

         सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि, जिस एजेंसी के पास ओवर ब्रिज के निर्माण का कार्य था रख रखाव की जिम्मदारी भी उसी की होती है, तो फिर वो एजेंसी कर क्या रही है और अगर उनकी लापरवाही से कोई हादसा हो गया तो फिर सिर्फ कागजी खानापूर्ति में लोगों की मौत दफन होकर रह जाती है। जबकि इस तरीके की लापरवाही करने पर एजेंसी के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 133 (घ) के  अंतर्गत स्थानीय मजिस्ट्रेट को गंभीर कार्रवाई करनी चाहिए। ताकि दूसरी बार इस तरीके से लोगो की जान जोखिम में डालने की और ऐसी लापरवाही करने की हिम्मत अन्य किसी निर्माण एजेंसी की न हो।




माही की गूंज समाचार पत्र एवं न्यूज़ पोर्टल की एजेंसी, समाचार व विज्ञापन के लिए संपर्क करे... मो. 9589882798 |