Sunday, 01 ,June 2025
RNI No. MPHIN/2018/76422
: mahikigunj@gmail.com
Contact Info

HeadLines

आखिर क्यों मजबूर हुए खवासावासी धरना प्रदर्शन के लिए | मुख्यमंत्री का हेलीपेड पर जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों ने किया स्वागत | लगातार बारिश और आंधी-तूफान से ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली संकट, गर्मी में लोग हो रहे परेशान | आकाशीय बिजली गिरने से चार घायल, दो गंभीर | आधार कार्ड धारको से 100-100 रूपये की अवैध वसूली के साथ अन्य जानकारी कैसे पहुंची की बात से परेशान है विनय गुप्ता | नाबालिग को बहला-फुसलाकर ले जाने के आरोप में युवक की दुकान पर चला बुलडोजर | पुलिस की पनाह ही अपराधों में कर रही बढ़ोतरी | दिया तले अंधेरा... कुम्हार के लिए फूटी हांडी भी नहीं... | अवैध रूप से निवासरत बांग्लादेशियों का भी देश निकाला हो... | एक ढाबा संचालक एवं साथियों ने दूसरे ढाबा संचालक जितेंद्र गेहलोत को जान से मारने का किया प्रयास | कछुआ गति से चल रहा कार्य ग्रामीणों को कब मिलेगा शुद्ध जल | तेज रफ्तार कार बनी मौत का कारण | कड़ी निंदा नहीं, कठोर कार्रवाई की आवश्यकता | 101 किलोमीटर रतलाम-झाबुआ रोड को बनाने की कवायद शुरू | नवीन बेरागी की जादुगरीः कृषि भूमि पर बिना अनुमति काट चुका है कालोनी, निर्माण कार्य भी शुरू | लापता 6 बच्चे देर रात्रि में पुलिस को सह कुशल मिले | भाजपा को गालियां देने व जूते मारने वाले को ही भाजपा सरकार का संरक्षण | ईट से भरी ट्राली पलटी, बड़ी दुर्घटना टली | प्रभु येशु के अनूठे प्रेम को शिष्यों के पैर धोकर सेवा का संकल्प लिया | केबिनेट मंत्री भूरिया के विधानसभा क्षेत्र में हो रहे भ्रष्टाचार के बड़े मामले उजागर |

ओवर ब्रिज पर लटकता लोहे का पोल कभी भी बन सकता है लोगो के लिए काल, प्रशासन सोया कुंभकर्ण नींद में
Report By: इमरान शैख 10, Oct 2023 1 year ago

image

माही की गूंज, मेघनगर। 

            मोरवी का पुल हादसा हो या कोलकाता का पुल हादसा या फिर जबलपुर का फ्लाई ओवर हादसा, जब तक निर्दोष लोगों की जान नही जाती तब तक प्रशासकीय तंत्र कुंभकर्णीय नींद से जागता ही नही है। शायद उसी का इंतजार मेघनगर का प्रशासन भी कर रहा है। क्योंकि करोड़ों रुपए की लागत से बना मेघनगर का ओवर ब्रिज भ्रष्टाचार का रोज एक नया किस्सा बयां कर रहा है। ब्रिज के उद्घाटन  के 6 महीने के भीतर ही ओवर ब्रिज के बीचों बीच इतना बड़ा गड्ढा हो गया था जो की कई हादसों की वजह बना और जिसमें कई वाहन चालक गंभीर रूप से घायल हुए। वही ब्रिज वाला रोड भी कुछ माह में ही छतिग्रस्त हो गया। इस ओवर ब्रिज की लाइट की सुविधा भी जादुई है, कभी आधी लाइट जलती है तो कभी जलती ही नही है। वही अब इस ब्रिज में हुए भ्रष्टाचार का एक ओर किस्सा ओवर ब्रिज पर लटकता एक लाइट का लोहे का पोल बयां कर रहा है जो कई दिनों से ब्रिज की दीवार के सहारे अटका हुआ है। इस पोल के सारे बोल्ट खुल चुके हैं लेकिन ईसकी मरम्मत करने की जहमत कोई प्रशासनिक अधिकारी या ब्रिज निर्माण एजेंसी ने नही उठाई। लोहे का ये भारी भरकम पोल ब्रिज पर गुजरने वाले वाहनों के कंपन से कभी भी ब्रिज पर घूमने आने वाले लोगों पर गिर सकता है या वहां से गुजरने वाले किसी भी वाहन पर गिर सकता है। जिससे अचानक से पीछे चलने वाले और कई वाहन भी गति की वजह से एक साथ गंभीर दुर्घटना का शिकार हो सकते है और कई लोगों की जान निर्माण एजेंसी और प्रशासनिक लापरवाही से जा सकती है। मगर भ्रष्ट तंत्र में जनता की जान की परवाह है किसको है...? यहा तो सब कमीशन के खेल में व्यस्त और मस्त है और जनता बेचारी सिर्फ त्रस्त ही त्रस्त है।

रख रखाव करने वाली एजेंसी भी सुस्त 

         सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि, जिस एजेंसी के पास ओवर ब्रिज के निर्माण का कार्य था रख रखाव की जिम्मदारी भी उसी की होती है, तो फिर वो एजेंसी कर क्या रही है और अगर उनकी लापरवाही से कोई हादसा हो गया तो फिर सिर्फ कागजी खानापूर्ति में लोगों की मौत दफन होकर रह जाती है। जबकि इस तरीके की लापरवाही करने पर एजेंसी के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 133 (घ) के  अंतर्गत स्थानीय मजिस्ट्रेट को गंभीर कार्रवाई करनी चाहिए। ताकि दूसरी बार इस तरीके से लोगो की जान जोखिम में डालने की और ऐसी लापरवाही करने की हिम्मत अन्य किसी निर्माण एजेंसी की न हो।




माही की गूंज समाचार पत्र एवं न्यूज़ पोर्टल की एजेंसी, समाचार व विज्ञापन के लिए संपर्क करे... मो. 9589882798 |