माही की गूंज, काकनवानी।
इन दिनों क्षेत्र में शादियों की शुरुआत हो चुकी है। ऐसे में करीब-करीब सभी गांव की पंचायतों में निर्णय लिया जा चुका है कि डीजे एवं शराब पूर्णता बंद किया जाए। यह निर्णय ग्राम के समस्त ग्राम वासियों की सहमति से लिया गया और जिसका पालन भी किया जा रहा है व करवाया जा रहा है।
इससे पहले कहीं से भी बरात आती थी तो बाजारों में बड़े-बड़े डीजे के साथ हाथ में सभी बाराती शराब की बोतल लेकर नाचते झूमते शोर-शराबे के साथ बनोला निकालते थे। डीजे की ध्वनि इतनी तेज होती थी कि घर के बर्तन भी पटिया पर से गिर जाते थे। बाजार में वाहनों की लंबी लाइन लग जाती थी जिससे घंटों ट्रैफिक जाम लग जाता था। लेकिन अब कहीं भी ऐसा नजारा देखने को नहीं मिल रहा है। इस समय पूरे क्षेत्र में शादियां शुरू हो चुकी है और कहीं भी डीजे व शराब का उपयोग नहीं किया जा रहा है। कहीं-कहीं रात में डीजे चलाया जाता है जिसका ग्रामवासियों द्वारा मिलकर पुरजोर विरोध कर डीजे बंद करवा दिया जाता है। इसके बावजूद भी अगर नहीं मानते हैं तो इसमें पुलिस का भी सहयोग लेकर डीजे को बंद करवाया जा रहा है।
डीजे बंद होने के बाद पुरानी परंपरा अनुसार ढोल मांदल एवं छोटा माइक लगाकर शादियां करवाई जा रही है। बिना किसी लड़ाई झगड़े एवं बिना किसी शोर-शराबे के शांति से हंसी खुशी शादी संपन्न हो रही है।
पहले शादियों में डीजे पर नाचने एवं शराब के लिए लड़ाई झगड़ा होते ही रहते थे एवं हादसे एक्सीडेंट होते रहते थे जो आज कई हद तक कम हो चुके हैं।
इस वर्ष प्रशासन ने भी जगह-जगह वाद विवाद निवारण शिविर लगाकर हर पंचायत में समिति बनवा कर लड़ाई झगड़े शराब डीजे दहेज एवं अन्य कई वस्तुओं पर रोक लगवा कर कड़ा पालन भी करवाया, जिससे इस क्षेत्र में एवं क्षेत्र के लोगों में काफी बदलाव देखा जा रहा है।शराब डीजे बंद होने से ग्राम वासियों में काफी हर्ष एवं दूल्हे के पिता को कम से कम खर्च में बिना किसी कर्ज के शादी संपन्न होना काफी अच्छा लग रहा है।