
माही की गूंज, पेटलावद।
नगर के मुख्य मार्ग से लगे श्रद्धांजलि चौराहे पर बना एक भवन चर्चा का विषय बना हुआ है। फिलहाल भवन का मालिक कौंन है इसका अता पता नही है इसलिए लोग इसे हवा महल बोल रहै है। रंग रोगन से ओर चर्चाओं में इसे पुलिस चौकी बताया जा रहा है लेकिन कोई भी विभाग इसकी प्रमाणित पुष्टि करने को तैयार नही है। वही स्थानीय पुलिस अधिकारी भी इस भवन पर सवाल करने वालो को खुल कर कोई जबाब नही दे पा रहे हैं। वैसे तो पुलिस के किसी भी भवन का निर्माण ग्रह विभाग की अनुमति से सभवः होता है लेकिन यहां अवैध रूप से बना ये भवन ऑफ द रिकॉर्ड कही दर्ज नही है।
अतिक्रमण में बना है पूरा भवन,निमार्ण होने की शुरुआत से उठ रहे सवाल
वैसे तो नगर परिषद प्रशासन ऐसे अवैध रूप से होने वाले निर्माण पर तुरंत एक्शन लेता है । सड़क के किनारे बनी दुकानों के आगे अतिक्रमण में लगे ढालिये तक तोड़ देती है लेकिन निर्माण की शुरुआत से खड़े हो रहे सवालों के बीच स्थानीय प्रशासन और नगर परिषद आँख बंद कर बिल्ली की भांति दूध पी रहै है। ऐसा नही की उक्त भूमि और निर्माण को लेकर दावे आपत्ति दर्ज नही कराई गए हो,लेकिन वर्दी की धोस के आगे सभी नत्मस्तक दिखे । हा, यहा रोड की एजेंसी एमपीआरडीसी ने जरूर इस निर्माण पर सवाल उठा कर नोटिस जारी किए थे लेकिन घूम फिर कर बात स्थानीय प्रशासन पर ही आ गई जो इस अवैध निर्माण को लेकर अपनी मौन स्वीकृति पहले ही दे चुके थे।
वसुली या जन सहयोग
भवन निर्माण में लगने वाली सामग्री भी जन सहयोग के नाम पर वसुली कर लगाई गई है । ईट,सीमेंट,सरिया सहित समस्त लगने वाली सामग्री दान दाता के माध्यम से आई है लेकिन दान स्वेछिक नही होकर जबरजस्ती करवाया गया हुआ है। दान देने वाले दबी जुबान से बोल रहे हैं पुलिस वालों से कौंन पंगा ले, कुछ ईट वाले सामने आए तो दो दिन में ही अपने कहे से बदल गए। देखा जाए तो ये भवन किसी पुलिस चौकी के नाम से कम और पुलिस दादागिरी और प्रशासन के नियम विरुद्ध काम को स्वीकृति के लिए पहचाना जाएगा। नगर की कुछ संस्थाओं को इस निर्माण के लिए ढाल बनाया गया है जो पुलिस को इस कार्य मे सहयोग कर खुद के काले कारनामो के उजागर होने पर इस भवन निर्माण के सहयोग का हवाला देकर या मधुर हुए संबधो का लाभ उठा कर इसकी कीमत वसूल करेगे।
दोहरा मापदंड ठीक नही
जिस प्रकार से पूर्व में नगर में आई अतिक्रमण मुहिम में गरीबो के घर तोड़े गए और आये दिन नगर परिषद अतिक्रमण के नाम पर स्थानीय दुकानदारों को नुकसान पहुचाया जाता है वही अवैध रूप से हुवे इस निर्माण की लगातार शिकायतो के बाद भी प्रशासन दोहरा मापदंड अपनाते हुवे कोई कार्यवाही नही की जो समाज के लिए इस प्रकार का दोहरा मापदंड ठीक नही है । खेर जो भी हो नगर के मुख्य चौराहे पर इस भवन में चौकी बने या कुछ और ये भवन वर्दी के रोब ओर पंगु प्रशासन की निशानी के रूप में पहचाना जाएगा।