जिलेभर के सैकड़ों पत्रकारों ने श्रद्धा सुमन अर्पित कर किया पुण्यस्मरण
प्रतिभा सम्मान व कोरोना काल में दिवंगत पत्रकारों के परिवारजनों का भी किया सम्मान
पत्रकारिता की राह तलवार की तरह है इस पर चलना मुश्किल भरा सफर तय करना- सुरेश शर्मा राष्ट्रीय महासचिव एजेयू
माही की गूंज, झाबुआ।
जिला पत्रकार संघ झाबुआ व पत्रकार संघ इकाई के तत्वाधान में स्वर्गीय संत घोड़ावत जी पत्रकारों के भीष्म पितामह की नवमी पुण्यतिथि उनको श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए पत्रकारों के महासम्मेलन के रूप में मनाई गई। पत्रकार संघ जिला अध्यक्ष राजेश सोनी व पारा इकाई के डॉक्टर अनिल श्रीवास्तव व शैलेंद्र राठौर के भागीरथी प्रयास के चलते उक्त ऐतिहासिक आयोजन में लगभग ढाई सौ से 300 पत्रकार गण झाबुआ, पारा, थांदला, थांदला रोड़, पेटलावद, खवासा, रंभापुर, मेघनगर, काकनवानी, परवलिया, माण्डली, मदरानी, हरिनगर, कुंदनपुर, कल्याणपुरा, रायपुरिया, सारंगी, करवड, राणापुर, पिटोल, बामनिया, परवलिया, मोहनकोट, कल्याणपुरा, अंतरवेलिया कालीदेवी आदि जिले भर के सभी स्थानो से पत्रकार शामिल हुए।
आयोजन के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय नेशनल यूनियन आफ जर्नलिस्ट्स इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव सुरेश शर्मा भोपाल थे। विशेष अतिथि गढ़ी राजस्थान के साहित्यकार घनश्याम भाटी व एजेयू की राष्ट्रिय संयोजक महिला प्रकोष्ठ आभा निगम देवास थी। मंचासीन अतिथियों में जिला पत्रकार संघ सरक्षक संजय भटेवरा, हरि शंकर पवार, ठाकुर निर्भय सिंह, पारा के वरिष्ठ पत्रकार अमृतलाल जैन, पारा के युवा पत्रकार नरेश प्रताप सिंह राठौर जिले के साहित्यकार प्रदीप अरोड़ा थे। आयोजन का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित के साथ स्वर्गीय घोड़ावत जी के चित्र पर माल्यार्पण पुष्प अर्पित करते हुए किया गया। अतिथियों का स्वागत जिलापत्रकार संघ के संरक्षक मनोज चतुर्वेदी जिला उपाध्यक्षगण डॉ अनिल श्रीवास्तव, मोहन संघवी, मुज्जमिल मंसूरी, सत्यनारायण सिंह गौड़, जिला सचिव शैलेंद्र राठौर, भूपेंद्र नायक, दिनेश वैरागी, राकेश गेहलोत, शाबिर मंसूरी, पेटलावद तहसील अध्यक्ष मनोज जानी, थांदला तहसील अध्यक्ष मनीष अहिरवार, मेघनगर तहसील अध्यक्ष राजेंद्र सोनगरा, पारा इकाई के गजेंद्र चौहान काकनवानी के नरेश पंचाल, पेटलावद नगर अध्यक्ष जितेश विश्वकर्मा, जितेंद्र वैरागी, अंकित भंडारी, परिवेश पटेल, संजय उपाध्याय, रेखा भूरिया, अभय जैन, धीरज बुंदेला, कांतिलाल परमार, हरीश पांचाल, राहुल पांचाल, मुकेश परमार, मुकेश चौहान, महेश पांचाल, जितेंद्र बसेर, विक्रम बुंदेला, अर्जुन नायक, लवेश स्वर्णकार, परवेश पटेल, जीवन पाटीदार, सुशील पाटीदार, श्रीमती अलका शम्भूजी राठौड़, शुभम कोटडिया, राहुल राठौड़, लक्की राठौड़, हेमंत राठौड़, संजय अग्रवाल, राधेश्याम परिहार, विनय पांचाल, सिराउद्दीन बोहरा, संदीप जैन आदि ने किया।
मंच पर स्वर्गीय यशवंत घोड़ावत के भ्राता व पुत्र कुलदीप घोड़ावत को भी पुष्प मालाओं से सम्मानित किया गया। स्वागत भाषण जिलाध्यक्ष राजेश सोनी ने देते हुए आयोजन के उद्देश्य व संगठन की सामूहिकता पर प्रकाश डाला।उन्होंने संगठन की जिलेभर की 31 इकाइयों का उल्लेख करते हुए संगठन को सदैव पत्रकारों के हित मे कार्यरत बताया। आयोजन समिति के मुख्य डॉ. अनिल श्रीवास्तव ने ग्रामीण पत्रकारों की समस्याओं पर प्रकाश डाला।
संगठन के सरक्षक संजय भटेवरा ने कहा, पद मायने नहीं नहीं रखता पत्रकारिता के लिए समर्पण मायने रखता है। दादा घोड़ावत जी के आशीर्वाद से हम संगठन की सामूहिकता व अनुशासन सहित समय-समय पर शिक्षक सम्मान, प्रतिभा सम्मान, होली, दिवाली मिलन समारोह आदि का आयोजन करते हैं। खवासा क्षेत्र में भी प्रतिवर्ष 15 अगस्त पर श्रेष्ठ अंक प्राप्त करने वाले प्रतिभावान विद्यार्थियों का सम्मान किया जाता है। यह परंपरा वर्तमान में भी जारी है। आपने पत्रकारिता की चुनौतियों व मार्ग में आ रही कठिनाइयों सहित वर्तमान पत्रकारिता की स्थिति बताई।
सरक्षक हरिशंकर पवार ने कहा, कांटों का ताज होती है पत्रकारिता बहुत चुनौतियों के साथ निडरता व निष्पक्षता बनाए रखते हुए आगे बढ़ना है। आपने घोड़ावत जी के साथ घोड़ावत जी के कृतित्व व व्यक्तित्व पर भी प्रकाश डाला।
विशिष्ट अतिथि श्रीमती आभा निगम ने महिला शक्ति की पत्रकारिता में कमी को बताते हुए कहा, उन्हें भी आगे आना चाहिए हर क्षेत्र में महिला बढ़ रही है तो पत्रकारिता में भी आगे आए। आपने अपने अनुभव को काव्यात्मक अंदाज में भी बताया।
गढ़ी, राजस्थान से पधारे साहित्यकार एवं इतिहासकार घनश्यामसिंह भाटी ने ओजस्वी वाणी में आजादी आंदोलन से आज तक की पत्रकारिता का संक्षेप में इतिहास बयां करते हुए प्रखर पत्रकार रहे गणेश शंकर विद्यार्थी, मामा बालेश्वर दयाल,माखनलाल चतुर्वेदी, बालकृष्ण भट्ट, शरद जोशी, प्रभाकर माचे का जिक्र किया आपने कहा, यशवंतपुर घोड़ावत जी पत्रकारिता के यश थे व रहेंगे। झाबुआ ही नहीं मालवा निमाड़ व राजस्थान केभीलाचल बांसवाड़ा, डूंगरपुर प्रतापगढ़ तक उनका यश पत्रकारिता की निष्पक्षता व बेबाकी में फैला है।
राष्ट्रीय कवि निसार पठान ने कहा, घोड़ावत जी के कृतित्व, व्यक्तित्व के उदाहरण अनुभव शब्दों में शब्दों में साझा किया तत्कालीन कलेक्टर व प्रशासन तथा जनप्रतिनिधियों के सामने भी 100 सीटों व पीड़ितों के लिए आवाज थे घोड़ावत जी।
साहित्यकार प्रदीप अरोड़ा ने शब्दों के संयोजन को जोहरी पत्रकार को बताते हुए उनसे समाज व शोषित को बहुत अपेक्षा है यह बताया।
मुख्य अतिथि सुरेश शर्मा ने कहा, पत्रकार संघ झाबुआ के सभी पत्रकार साथियों को सैल्यूट करता हूं जो अपने पुरोधा पुरुष को जीवंत रखते हुए प्रतिवर्ष पुण्यस्मरण आयोजन करता है। यशवंत जी सूफी फकीर की तरह मस्त अंदाज के पत्रकार थे उनके नाम से अखबार चलते थे आज पत्रकारिता बदल रही है परिवर्तन भी लाजमी है। साहस व निष्पक्षता ही असल पत्रकार की पूंजी है। मैं देशभर में जाता हूं पर किसी पत्रकार के लिए इतना बड़ा सम्मान स्मृति समारोह आज तक नहीं देखा।आज कल पत्रकारिता में भी खतरे बहुत है कारण इनमें माफिया की मिलावट हो रही है जो पत्रकारिता की चौखट को कलंकित कर रही है पत्रकारिता एकता अनुशासन बना रहे यही अपेक्षा है।
इनका हुआ सम्मान
आयोजन में प्रतिभा सम्मान में 12वीं में श्रेष्ठ अंक लाने में पारा संकुल के किशन पिता भयानक से जमरा, सचिन जितेंद्र सिंह चगोड़ एवं 10 वी कु. सारामती मानसिंह और कु.रौनक दल्का सिसोदिया। खवासा संकुल क्षेत्र से 12 वी में कु मुस्कान देवेन्द्र सिंह जादव एवं उज्ज्वल कांतिलाल चौहान और 10 वी में कु देविका देवेंद्रसिंह जादव, कु सुहानी राजेन्द्र पाटीदार को सम्मान राशि के चेक एवम सम्मान पत्र प्रदान किए गए।
दिवंगत पत्रकारों को भी किया सम्मानित
कोरोना काल में दिवंगत पत्रकार अल्केश बसेर सारंगी का सम्मान उनके पुत्र आयुष बसेर को, चंदू प्रेमी थांदला का सम्मान उनके पुत्र कुंतल डाबी को, राकेश पाठक थांदला का सम्मान पुत्र एडवोकेट तन्मय पाठक को, दिलीप जोशी थांदला रोड का सम्मान पुत्र पवन जोशी को, चंद्रकांत वर्मा अंतरवेलीया का सम्मान पुत्र कीर्तिश वर्मा को, कांतिलाल कोटडिया का सम्मान भतीजे शुभम कोटडिया को दिया गया।
उदयीमान पत्रकार बरवेट के युवा पत्रकार जगदीश प्रजापत को, संघर्षशील पत्रकारिता का सम्मान अमृत महोत्सव पत्रकारिता पर पारा के अमृतलाल जैन को पत्रकारिता के 49 वर्ष पूर्ण करने पर दिया गया। सर्वकालिक संघर्षशील पत्रकारिता सम्मान मरणोपरांत यशस्वी पत्रकार स्वर्गीय घोड़ावत जी जिन्हें गुरु भी मानते थे व मित्र भी ऐसे व्यक्तित्व स्वर्गीय लक्ष्मीनारायण जी पाठक सहकारिता के पित्र पुरुष को दिया गया जिन्हें उनके पुत्र कपिल पाठक ने ग्रहण किया।
कार्यक्रम के दौरान पारा के पत्रकार ड़ॉ. अनिल श्रीवास्तव द्वारा लिखित गजल संग्रह रिसते जख्म का विमोचन भी अतिथियों द्वारा किया गया।
कार्यक्रम का संचालन जिला पत्रकार संघ के महासचिव अक्षय भट्ट ने किया। अंत में आभार पारा के युवा पत्रकार शेलेंद्र राठौर ने व्यक्त किया।
विद्यार्थियों के समारोह में सम्मानित होने पर पारा बालक स्कूल प्राचार्य अबरार खान एवं कन्या स्कूल प्राचार्य गुलाब सिंह सहित स्टाफ व पालकों ने पहली बार वृहद आयोजन हुआ बच्चों के ऐसे आयोजन में सम्मानित होने पर ऐतिहासिक व प्रेरणास्पद बताया। जिले भर के पत्रकारों ने सहभोज व स्नेह उपहार भी ग्रहण किया। 5 घंटे तक चले आयोजन के अविस्मरणीय छाप ग्रामीण अंचल पारा में छोड़ी।