Friday, 17 ,May 2024
RNI No. MPHIN/2018/76422
: mahikigunj@gmail.com
Contact Info

HeadLines

श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन भजनों पर थिरके भक्त, बही भागवत गंगा | लोकसभा चुनाव जोबट विधानसभा क्षेत्र के ग्राम आम्बुआ में शांति पूर्वक संपन्न | चौथे चरण का मतदान सम्पन्न, सैलाना विधानसभा में सबसे ज्यादा मतदान | ग्रीष्मकालीन जैन आवासीय धार्मिक संस्कार शिविर का आयोजन 14 से 19 को पेटलावद में | गुरुदेव की निश्रा में 300 वर्षीतप आराधकों ने किए पारणें | सरपंच पति के साथ 6 आरोपीयो के विरुद्ध 4 व्यक्तियों की हत्या करने का मामला हुआ दर्ज | कांग्रेस का हूं कांग्रेस का रहूंगा कहने वाले सरपंच साहब भाजपा की भेंट चढ़े, उपसरपंच ने भी थामा भाजपा का दामन | पुलिस ने शांतिपूर्ण मतदान के लिए निकाला फ्लैग मार्च | पुलिस ने निकाला फ्लेग मार्च | 13 मई को संपन्न होने जा रहे चुनाव में शांति एवं सुरक्षा व्यवस्था हेतु सेना का फ्लैग मार्च | एक बार फिर विक्रांत भूरिया ने प्रेसवार्ता कर उधेड़ी प्रदेश वनमंत्री नागरसिंह व भाजपा लोकसभा प्रत्याशी अनिता चौहान की बखिया | निष्पक्ष रूप से चुनाव करवाने का दावा करने वाली प्रशासन ध्यान दें शराब दुकान पर होने वाली भीड़ पर | पहला चुनाव बनाम अंतिम चुनाव, सहानुभूति लहर या महिला सशक्तिकरण...? | देश में राजनीतिक दलों की स्थिति मतलब हमाम में सब नंगे | गुजरात मॉडल की घोषणा टाय-टाय फिस्स | राजू के असल हत्यारे आखिर कौन...? पुलिस पूरे मामले का करेगी खुलासा या फिर अधर में रखेगी मामला... | पुलिस ने सुलझाया हत्या का मामला, हत्यारा गिरफ्तार | खरगोन-बड़वानी लोकसभा प्रत्याशी के समर्थन में राहुल गांधी पहुँचे सेगांव | 3 माह में 1200 किमी चलकर नगर गौरव मुनि श्री पुण्यसागर का हुआ ऐतिहासिक मंगल प्रवेश | काकनवानी पुलिस संदेह के घेरे में चोरी की चांदी खरीदने वाले मेघनगर के ज्वेलरी व्यापारी को बिना आरोपी बनाए आर्थिक सांठगांठ कर छोड़ा |

अवैध कॉलोनियों पर जिला प्रशासन कब करेगा कार्रवाई
16, Dec 2022 1 year ago

image

शासन संकल्पितः पड़ोसी जिलों में चल रहा प्रशासन का डंडा

माही की गूंज, संजय भटेवरा

        झाबुआ। जिला मुख्यालय पर अवैध कॉलोनियों को लेकर न तो नगर पालिका संकल्पित है और न ही प्रशासन अवैध कॉलोनाईजरों के विरूद्ध कोई ठोस कदम उठाने में रूचि दिखा रहा है। यही कारण है कि, अवैध कॉलोनियों की संख्या में बढ़ोत्तरी ही हो रही है। नगर पालिका के पास शहर भर की लगभग 29 कॉलोनियों की सूची मात्र ही है, जो अवैध है तथा इन्हे वैध करने हेंतु नगर पालिका ही प्रयासरत भी है। इधर प्रशासन पूरा मामला नगर पालिका पर डालकर अपना उल्लु सीधा करने का प्रयास करता दिखाई दे रहा है। स्थिति यह है की अवैध कॉलोनियों में नगर पालिका ने जमकर रुपया भी खर्च कर दिया, तो कुछेक कॉलोनिया अब भी नगरपालिका की दयादृष्टि के कारण अवैध की सूची में नहीं आई। शहर तो ठीक है शहर से सटे ग्रामीण ईलाकों में भू-माफिया अवैध कॉलोनियों का खेल, खेल रहे है। कॉलोनाईजरों के प्रभाव-दबाव के कारण ही तब तक प्रशासन भी मुकदर्शक बना हुआ है, जिससे मौन संरक्षण प्राप्त कॉलोनाईजर करोड़ों रुपये दबाकर मजे कर रहे है। उधर मुख्यमंत्री स्वयं अवैध कॉलोनियों को लेकर चिंतित है। मंदसौर में आयोजित गौरव दिवस कार्यक्रम में अवैध कॉलोनियों को वैध करने की बात मुख्यमंत्री कह चुके है। शासन अवैध कॉलोनियों के मामले सुलझाने का प्रयास कर रहा। किंतु जिले में प्रशासन व स्थानीय निकाय की सुस्ती कॉलोनाईजरों की मौज का कारण बनी हुई है।

कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं नगर पालिका में

        जिन 29 अवैध कॉलोनियों को वैध करने हेतु नगरपालिका प्रयासरत है, अब कार्रवाई की हिम्मत नहीं दिखा पाई। अवैध कॉलोनाईजरों की शिकायत नगरपालिका करे तो प्रशासन कार्रवाई कर प्रकरण आदि दर्ज कर सकता है, किंतु अवैध कॉलोनियों को लेकर अब तक कोई प्रभावी पहल नगर पालिका की ओर से नहीं की गई। नगर पालिका जिसके जिम्मे शहर की व्यवस्थाएं है, में एक-दो नहीं बल्कि 18 वार्डों के निचले स्तर के नेता निर्वाचित होकर पहुंचते है। इनमें कई पूर्व नेताओं की धौंस दपट भी चलती रहती, तो दादा-पहलवानों का आना-जाना लगा ही रहता है। गठित परिषदों और पदस्थ जिम्मेदारों की कृपा हमेशा से ही अवैध कॉलोनाईजरों के पर बनी रहती है। भ्रष्टाचार, लीपापोती आदि की शिकायतों के बहाने कई लोग नगर पालिका को चमकाने में भी पीछे नहीं हटते। यही कारण है जिन कॉलोनाईजरों पर कार्रवाई होना थी, उन्ही की कॉलोनी में नगर पालिका सड़के बनाकर कॉलोनाईजरों को उपकृत कर चुकी, तो पेयजल आदि भी भरपूर व्यवस्था नगर पालिका ने कर दी।

पड़ौसी जिलों में हुई कार्यवाही

        अवैध कॉलोनियों को लेकर जहां शासन चिंतित है तो पड़ोसी जिलों में प्रशासन ने भी सख्ती दिखाना प्रारंभ कर दी है। पड़ोसी रतलाम जिले में कलेक्टर ने ऐसी कॉलोनियां जिनमें नियम विपरित भूखंडों का क्रय-विक्रय हो रहा है, के विरूद्ध आदेश देकर रजिस्ट्रीयां रोक दी है। पड़ौसी जिले के भू-माफियाओं में हड़कंप है तो लाखों रूपये देकर ठगाने वाले आमजन को भी राहत मिली है। वहां एसडीएम स्वयं अवैध कॉलोनियों पर नजरे जमाए हुए है तो झाबुआ जिला प्रशासन आंख मूंदे अवैध कॉलोनाईजरों को मौन संरक्षण दे रहा है।

तहसीलों में भी चल रहा खेल

        जिले के लगभग हर एक तहसील में अवैध कॉलोनियों का खेल चल रहा है। छोटे नगरों में नगर परिषदों और कॉलोनाईजरों की सांठ-गांठ गहरी है, तो नगरों, कस्बों से सटे ग्रामों की ग्राम पंचायतों को धनाढ्य आसानी से अपनी जेब में रखकर घुम रहे है। कस्बों में ऐसी जगहें भी है जहां नगर परिषदें स्वयं कॉलोनाईजरों को उपकृत कर रास्ता आदि की व्यवस्थाएं कर रही है। जिला मुख्यालय पर चल रहे अवैध कॉलोनियों के खेल से प्रोत्साहित हो कस्बो तक में भू-माफिया अवैध कॉलोनियों से करोड़ो कमा रहे, तो प्रशासन के सुस्त रवैये से लाखों के राजस्व की चोरी भी हो रही है।

पूरानी तहसील की भूमि एक बार फिर चर्चा में

         जिला मुख्यालय पर स्थित पुराना तहसील कार्यालय का भूखण्ड एक बार पुनः चर्चा में है। भू-माफियाओं की प्रशासन से सांठ-गांठ के चलते रिक्त पड़ी शासकीय नजूल की भूमि को निजी बताकर रजिस्ट्री तो हो गई, किंतु उक्त भूमि के नामान्तरण में नजूल ने अपने हाथ खड़े कर भूमि नजूल की होना बताई थी। बताते है पूरे मामले में भू-माफियाओं ने शासकीय भूमि हथियाने हेतु एड़ी-चोटी का जोर लगा लिया। किंतु शासकीय रेकार्ड में भूमि नजूल की दर्ज होने से झाबुआ तहसीलदार उक्त भूमि का नामान्तरण निरस्त कर दिया।  जिस पर भू-माफिया तत्कालीन कलेक्टर की कृपा करें से अपने बहुचर्चित अधिकारियों के पास नामान्तरण की जांच फाईल पहुंचाने में कामयाब हो चुके है। जानकारी अनुसार झाबुआ तहसीलदार के नामान्तरण निरस्ती पश्चात भू-माफियाओं ने तत्समय तंत्र में बैठे अपने शुभचिंतको की मदद से एक बार पुनः नामान्तरण करने के प्रयास किये। चूंकि तहसीलदार झाबुआ ने नामान्तरण निरस्त कर दिया था तो मामला अन्य अधिकारियों के पास जांच हेतु भेजा गया। जिले में झाबुआ के अतिरिक्त राणापुर, रामा, पेटलावद व थांदला के तहसीलदार जांच करने में सक्षम थे, किंतु भू-माफियाओं की इच्छानुरूप प्रशासन ने मामला थांदला के चर्चित तहसीलदार शक्तिसिंह को सुपूर्द कर दिया। इन दिनों नामानतरण प्रकरण में पेशी आदि हो रही है। राजस्व से जुड़े उन्ही लोगो की पेशी हो रही जो बहुचर्चित पूरानी तहसील के भूखंडों पर पर्दे के पीछे से लार टपकाए बैठे है। पूर्व में मामला उजागर होने के बाद इन लोगों ने शासकीय भूमि की रजिस्ट्री के प्रयास भी किये थे किंतु सफल नहीं हो सके। एक बार फिर भू-माफियाओं के ईशारो पर नामान्तरण की जांच माफियों के शुभचिंतको के समक्ष है। शुभचिंतक माफियों को उपकृत करते अथवा निष्पक्षता का प्रमाण देकर अपनी छवि स्वच्छ करने के प्रयास करेंगे, यह तो भविष्य के गर्त में है।


माही की गूंज समाचार पत्र एवं न्यूज़ पोर्टल की एजेंसी, समाचार व विज्ञापन के लिए संपर्क करे... मो. 9589882798 |