आंदोलन में फंसे आंनद राय, अभय ओहरी के बाद जयस नेता कमलेश्वर डोडियार बलात्कार के मामले में उलझे
अगले माह विवाह होना है जयस नेता डोडियार का, दूसरी युवती ने शादी का झांसा देकर बलात्कार का लगाया आरोप, प्रकरण दर्ज
माही की गूंज, पेटलावद।
विधानसभा चुनाव 2023 की आहट आते ही क्षेत्र के राजनीतिक रंग और दृश्य बदल रहे हैं। अभी तक कांग्रेस-भाजपा पर हावी जय आदिवासी संगठन (जयस) अचानक बैक फुट पर नजर आ रहा है। पिछले कुछ दिनों से ऐसा लग रहा मानो जयस की उलटी गिनती शुरू हो गई हैं। एक के बाद एक मामलों में जयस से जुड़े नेता और समर्थक विवादों में ऐसे घिर रहे हैं कि उनका उज्ज्वल राजनीतिक भविष्य खतरे ने पड़ता दिख रहा है। कही न कही 2023 विधानसभा चुनावों के चलते सत्तापक्षीय दल के सीधे निशाने पर है। क्योंकि कई बड़े आंदोलन और विवादों के बाद भी प्रशासन जयस संगठन पर कार्रवाई से पहले किसी बड़े आंदोलन को आमंत्रण और माहौल बिगड़ने पर विचार करता है। लेकिन कुछ समय से जयस का पूरा कुनबा एक-एक कर कानूनी दांवपेंच में उलझ रहा है।
पेटलावद विधानसभा से हुई शुरुआत
लगातार बढ़ते वर्चस्व के साथ जयस की 2023 के विधानसभा चुनावो में विशेष भूमिका मानी जा रही है। कई संगठन से जुड़े और समर्थक चुनाव की तैयारियों में लगे हुए थे, लेकिन मैदान में उतरने वाले चेहरे और उनके बड़े समर्थको पर प्रकरण बना कर जेल भेज दिया गया या फिर उनके साथ किसी योजना के तहत बदनाम किया गया। शुरुआत पेटलावद विधानसभा से हुई जहा बिटीबी के बैनर तले चुनाव लड़ चुके सचिन गामड़ को उन्ही की पंचायत में अवैध संबंधों को लेकर मारपीट की ओर बलात्कार के प्रकरण में फंसाने की कोशिश करते हुए उनके साथ मोब्लिंचिंग की घटना को अंजाम दिया गया। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के बाद पेटलावद विधानसभा से मुख्य चेहरा बन कर उभर रहे सचिन गामड़ इस रेस में बहुत पीछे चले गए। मामले के बाद महिला ने सचिन गामड़ के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज नही कराते हुए मारपीट करने वालो के विरुद्ध मामला दर्ज करवाया। लेकिन पुलिस ने मोब्लिंचिंग करने वालो पर मामूली धाराओं में मामला दर्ज कर इतिश्री कर ली। सचिन गामड़ के समर्थन में तब तक जयस या बीटीबी कार्यकर्ताओ की ओर से कोई विरोध प्रदर्शन देखने को नही मिला।
गौरव दिवस के अवसर पर विकास खण्ड के जयस नेता प्रकाश डामर और उनके साथियों पर भी पारा क्षेत्र में हमला हुआ, उन पर देश विरोधी नारें लगाने का गभीर आरोप लगा। विवाद लगातार सोशल मीडिया पर आरोप प्रत्यारोप जारी है। वही भाजपा का समर्थक हिन्दू युवा जनजाती संगठन और जयस की और से ज्ञापन का दौर शुरु हो गया।
रतलाम में सांसद के विरोध मामले में घिरे जयस के बड़े नेता
गौरव दिवस के मौके पर रतलाम जिले के धराड़ क्षेत्र में पहुचे सांसद गुमानसिंह डामोर का विरोध जयस कार्यकर्ताओ द्वारा रतलाम क्षेत्र में निवेश क्षेत्र को लेकर किया गया। ऐसा पहली बार नही है कि, गुमानसिंह रतलाम क्षेत्र में हो और उनका विरोध नही हुआ। ऐसे कई वीडियो सामने आ चुके है, लेकिन कोई कार्रवाई नही हुई। लेकिन इस बार मौका मिलते ही रतलाम प्रशासन ने प्रदर्शन को हिंसक मानते हुए जयस के बड़े समर्थक डॉक्टर आंनद राय, जयस सरंक्षक डॉक्टर अभय ओहरी सहित पॉच मुख्य जयस कार्यकर्ताओ पर मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। जहा से उन्हें 29 नवम्बर तक जेल भेज दिया गया, इनकी जमानत कब तक हो फिलहाल कहा नही जा सकता।
रतलाम मामले में जेल में बन्द जयस के 5 मुख्य नेताओ के कारण कई आयोजन प्रभावित हो गए। जिंसमे सबसे अधिक रतलाम ग्रामीण से विधानसभा में उतरने की तैयारी डॉक्टर अभय ओहरी प्रभावित हुए है। इतना ही नही सोशल मीडिया पर लगातार जयस संगठन के दुष्प्रचार की खबर सामने आ रही है जिससे जयस के बढ़ते कदमो में रुकावट आई है।
कानून के जानकार कानून के फंदे में फसे, कमलेश्वर डोडियार पर बलात्कार का मामला दर्ज
सैलाना क्षेत्र से विधानसभा मैदान में उतरने का सपना सजाए बैठे जयस के बडे नेता कमलेश्वर डोडियार के खिलाफ बलात्कार का प्रकरण दर्ज हुआ है। सोमवार सुबह परिजनों के साथ पीड़िता एसपी कार्यालय पहुंची थी। एसपी अभिषेक तिवारी को शिकायत के बाद आरोपी द्वारा दुष्कर्म की व्यथा सुनाई। मामले की गंभीरता पर युवती के बयान और स्वास्थ परीक्षण के आधार पर आरोपी जयस नेता डोडियार के खिलाफ दुष्कर्म सहित अन्य विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। महिला ने जयस नेता डोडियार ने करीब चार वर्ष तक उसे शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण करने और इसके बाद आरोपी डोडियार ने दूसरी जगह शादी करने की तैयारी कर धोखा देने का आरोप लगाया।
मामले में युवती की शिकायत के आधार पर आरोपी जयस नेता कमलेश्वर डोडियार के खिलाफ भादंवि की धारा 376 (2) (ए), 469,506,294 एवं 500 में मुकदमा दर्ज किया। सोशल मीडिया पर लगातार बयानबाज़ी को लेकर हमेशा घिरे रहने वाले कमलेश्वर डोडियार पिछले दिनों जिला पंचायत के चुनाव के बाद से खुद की मालिक का बन्दा वाली छवि सुधारने में लगे थे। चर्चा थी जिस तरह से जयस से मिल कर भाजपा ने रतलाम जिला पंचायत पर कब्जा किया, कमलेश्वर डोडियार भाजपा से भी चुनाव लड़ सकते हैं। लेकिन बलात्कार का मामला दर्ज होने के बाद कमलेश्वर का चुनावी मैदान में उतरना मुश्किल दिखाई दे रहा है। फिलहाल कमलेश्वर डोडियार की गिरफ्तारी नही हुई है लेकिन आने वाले समय मे इस पर जमकर राजनीति होनी तय है।
क्या जयस है भाजपा के निशाने पर...?
सत्ता के शिखर तक पहुँचने के लिए भाजपा और कांग्रेस लगातार आदिवासी सीटों को अपने पक्ष में करने के लिए काम कर रही है। लेकिन बीच का रोड़ा बन कर जयस संगठन उभर रहा है, जो कई सीटो पर भाजपा और कांग्रेस के नेताओ के टिकिट कटने का कारण बन रहे थे। विगत चार वर्षों में जयस हावी रहती दिख रही हैं। लेकिन अब जयस को बिखरने की कोशिश हो रही, आने वाले दिनों में जयस की भूमिका क्या रहती हैं ये देखना होगा। तीन से चार भागों में बटी जयस बिखरेगी या निखरेगी ये देखना होगा। क्या जयस सत्ता के निशाने पर है, ये बड़ा सवाल उभर कर सामने आ रहा है।