मामला: मंडी में सरकारी दर पर सोयाबीन तुलाई का
माही की गूंज, पेटलावद/बरवेट।
जिले में इस वर्ष ओसत से डेढ़ गुना बरसात होने के कारण सोयाबीन फसल में 12 से 15 फीसदी तक नमी आ गई है। इसके चलते किसानों को समर्थन मूल्य पर सोयाबीन बेचने में मुश्किलें आ रही हैं। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 15 फीसदी तक नमी वाले सोयाबीन को खरीदने के आदेश दिए थे। लेकिन ये आदेश खरीदी केंद्र से अभी तक जारी नहीं हो पाए हैं। जिसके कारण किसान अपने सोयाबीन को बाजार में कम भाव मे बाजार ने बेचने को मजबूर हो रहे है।
केबिनेट मंत्री के आदेश को सुनकर खरीदी केंद्र पर सोयाबीन लेकर पहुचा
ग्राम बरवेट के किसान अजयपाल सिह राठौर ने बताया कि, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोयाबीन को समर्थन मूल्य पर खरीदने के दायरे को बढ़कर 15 फीसदी नमी वाले सोयाबीन को खरीदेने साथ ही 25 क्विंटल से बढाकर 40 क्विंटल तक करने का आदेश जारी किया है। में अपना रजिस्ट्रेशन ओर सोयाबीन का सेम्पल लेकर के खरीदी केंद्र पहुचा जहा से बताया गया कि आपका सोयाबीन में नमी कम है। दूसरे दिन सोयाबीन लेकर खरीदी केंद्र पहुचा तो नमी चेक की तो 13 फीसदी आई। जिसके कारण मेरे सोयाबीन नही तूल सके। मेने कहा सरकार ने 15 फीसदी नमी वाले सोयाबीन भी खरीद रही है। तो में लेकर आया। तो उन्होंने यह बोलकर वापिस भेज दिया कि अभी तक हमारे पास कोई आदेश नही आए है। मजबूरन बाजार में घाटा उठाकर बेचना पड़े।
हजारों का घाटा हुआ
किसान अजयपाल सिह राठौर ने बताया कि, सरकार के आदेश के बाद में पेटलवाद केन्द्र पर 28 क्विटल सोयाबीन लेकर पहुचा जहा पर खरीदी न करने के बाद बाजार में 4100 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बेचने पड़े जिससे मुझे लगभग 25 हजार रुपये का घाटा उठाना पड़ा।
किसानों को हतेली में हाथी दिखाने की पुरानी आदत
प्रदेश में लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान अब केंद्र की राजनीति में पहुँच गए हैं जहां केंद्र में उन्हें देश के कृषि मंत्री की जिम्मेदारी दी गई है। मुख्यमंत्री रहते घोषणावीर की पदवी पा चुके पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कृषि मंत्री बनने के बाद भी घोषणावीर बने हुए है। उनकी मौखिक घोषणाओ के झांसे में आकर किसान को नुकसान उठाना पड़ा। सोयाबीन में नमी को लेकर परेशान किसानों की समस्या को हल करने के लिए नमी की मात्रा 11 प्रतिशत से 15 प्रतिशत करने की घोषणा तो मंच से कर दी लेकिन कृषि विभाग या सोयाबीन खरीदी में लगें मंडी विभाग की माने तो ये केवल कोरी घोषणा थी जो लिखित में आदेश के रूप में आज तक नही पहुँची जिसकी खामियाजा क्षेत्र का किसान भुगत रहा है। पहले से घाटे में चल रहा किसान को सरकारी दर पर सोयाबीन नही बेच पा रहा है और कम दाम में बाज़ार में बेचने पर मजबूर हैं।