माही की गूंज, थांदला।
आज हमारे देश के नगरों ही नहीं, बल्कि ग्रामीण क्षेत्र की बालिकाएं एवं महिलाएं सुरक्षित नहीं है। बीते कुछ दिनों में महिला अपराधों में तेजी देखी गई है। महिलाओं के साथ दुष्कर्म,हत्या, छेड़छाड़, एसिड अटैक और सोशल मीडिया के माध्यम से बदनाम करने जैसे अपराध आमतौर पर देखे जाते हैं। विद्यालय एवं महाविद्यालय में ग्रामीण क्षेत्र से आने वाली बालिकाएं घर से संस्था तक आने में प्रतिदिन छेड़छाड़, अवांछित स्पर्श एवं छींटाकशी आदि घृणित घटनाओं का सामना करती ही है, साथ ही उस घटना को किसी के सामने व्यक्त न कर पाने की पीड़ा अलग होती है। ऐसे में आवश्यकता इस बात की है कि बालिकाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाए जाए ताकि वे पूरे आत्मविश्वास व साहस के साथ अपने आत्मसम्मान की रक्षा कर सकें।
उक्त विचार महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. पीटर डोडियार ने महिला आत्मरक्षा कार्यशाला में छात्राओं को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
कार्यशाला के मुख्य अतिथि "एजे प्रहार- एक संकल्प" सुरक्षा की ओर एक कदम के अध्यक्ष अजय उपाध्याय एवं विशेष अतिथि श्रीमती जाह्नवी उपाध्याय ने अपनी संस्था के उद्देश्य पर चर्चा करते हुए बताया कि, लड़कियों को आत्म सुरक्षा के प्रति जागरूक एवं उन्हें आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया जाए ताकि प्रत्येक छात्रा स्वयं को सुरक्षित महसूस कर सकें। इसके लिए आत्म सुरक्षा के गुण सीख कर आत्मनिर्भर हो ताकि कहीं भी, कभी भी उनके साथ छेड़खानी करने वाले मनचलों एवं विकृत मानसिकता वालों को अकेले ही ऐसा सबक सिखाएं कि वे भविष्य में किसी अन्य लड़की की ओर देखने की हिमाकत न कर सके।संस्था के दोनों ही पदाधिकारियों ने छात्राओं के साथ आम तौर पर घटित होने वाली कुछ हरकतों एवं उनसे निपटने के तरीकों को प्रदर्शन (डेमो) द्वारा बहुत ही आसान व कारगर तरीके से बताया। इस अवसर पर डॉ. मीना मावी, डॉ. शुभदा भोंसले, प्रो. ऋतु सिंह राठौर, प्रो. स्वाति नावडे, डॉ. सुनीताराज सोलंकी, डॉ. दीपिका जोशी, प्रो. कंचना बारस्कर एवं नेहा वर्मा सहित बड़ी संख्या में छात्राएं उपस्थित रहीं।