Saturday, 21 ,December 2024
RNI No. MPHIN/2018/76422
: mahikigunj@gmail.com
Contact Info

HeadLines

नये अधिकारी, नए नियम, आम जनता की फजीयत... | भाजपा संगठन पर्व 2024... | नवीन संकुल केंद्र पर शिक्षकों की बैठक संपन्न | मोहन सरकार का 1 वर्षिय कार्यकाल पूर्णः सभी 29 सिटे जितना उपलब्धि | एसपी ने पुलिस थाना का किया निरीक्षण | जयेश और दिव्यांशी का क्रिकेट कोचिंग के लिए हुआ चयन | समाज सेवा संस्थान के एक दिवसीय आयोजन में 150 से अधिक महिलाओं ने ली सहभागिता | सट्टा खेलते महिला आरोपिया को पुलिस ने किया गिरफ्तार | सहकारी संस्था में यूरिया खाद नहीं, बाजार में मिलता है ऊंचे दामों पर | पुलिस की पोल: हेलमेट ताक पर, तीन व्यक्ति से सवार बाइक ने मारी महिला को टक्कर, चार जख्मी | उपचुनाव जीत के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उत्साह | निर्दयी माँ ने अविकसित बच्चे को फेंका कचरे की तरह | डिजिटल अरेस्टः सरकार इतनी असहाय क्यों...? | कृषि मंत्री की मौखिक घोषणा के झांसे में आए किसान को लगी 25 हजार चपत | जनजातीय गौरव दिवस विशेष: धरती आबा भगवान "बिरसा मुंडा" | गौसेवा ही नारायण सेवा है- आचार्य डॉ. देवेन्द्र शास्त्री | आज दिपावली पर पति-पत्नी की अंतिम यात्रा निकलेंगी एक साथ | शिक्षक की सेवानिवृत्ति पर आयोजित हुआ विदाई समारोह | पुलिस का खुफिया तंत्र और स्थानीय प्रशासकीय तंत्र पूरी तरह फैल या मामला साठ-गाठ का....? | शिक्षा के मंदिर को शर्म सार करने वाली अधिक्षिका का विडियो वायरल |

आखिर कौन है... “गे“... ओर धारा 377 का कृत्य करने वाला...? नगर में बना हुआ है चर्चा का विषय
12, Aug 2022 2 years ago

image

माही की गूंज, संजय भटेवरा

        झाबुआ।  “गे“  के लक्षण के संबंध में पढ़ा जाए तो, ऐसे व्यक्ति का फिमेल की ओर कोई आकर्षण न होकर समलैंगिक की ओर आकर्षण होकर कामेच्छा होती है और उनकी यौन इच्छाएं अपने समलैंगिक व्यक्ति से ही होती है।

        खैर हमारे देश की सर्वोच्च न्यायालय ने समलैंगिक को  साथ में रहकर जीवन यापन करने की मान्यता दे दी है। लेकिन सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के बारे में समझने का प्रयास करें तो, यह स्पष्ट है कि ऐसे “गे“ व 377 का कृत्य करने वाले का बसर समलैंगिक के साथ ही रहता है। इसी तरह से समलैंगिक के साथ में रहने वालों की संख्या होने व उनकी मांगों पर सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें साथ में कानूनन रहने की मान्यता दी है।

          अत्यधिक चर्चा का विषय तब बन जाता है, जब एक पुरुष अपना वैवाहिक  जीवन यापन के साथ ही बच्चे भी होकर समाज में धन-धान्य से संपन्न, गणमान्य की गिनती में आने वाले  व्यक्ति का खुलासा “गे“  के रूप में होता है ...!! तो वह हमारे समाज  के साथ ग्राम व नगर के गली, मोहल्लों तथा चौराहों पर चर्चाओ का विषय बन जाता है।

      ऐसे ही एक “गे“ के संबंध में झाबुआ जिले के एक मुख्य रेलवे स्टेशन जहां की स्थानीय निकाय ने बिना परमिशन से दुकानें बनाई जो जिले में चर्चा का विषय रहा है और ऐसी ही दुकानों के पास एक धार्मिक संस्थान है।

        उस गांव का एक आर्थिक संपन्नता वाले व्यक्ति का “गे“  के रूप में खुलासा हो कर स्थानीय स्तर पर चर्चाओं का विषय बना हुआ है। वही  सोशल मीडिया पर डली एक पोस्ट “आओ मिलके पता लगाएं कौन है वो धर्म के नाम पर ढकोसले  करने वाला फर्जी समाजसेवी, शातिर आदमी जो कि (गे) हैं”।

        उक्त सोशल मीडिया की पोस्ट के बाद स्थानीय ही नही वरन् जिले एवं जिले के बाहर भी इस “गे“ के बारे में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है । इसी चर्चाओं के दौर के साथ एक-दो नहीं बल्कि कई व्यक्ति एक-एक कर गूंज कार्यालय में पहुंचे और हमें बताया कि, यह उसी गांव की घटना है जहां करीब डेढ़ दशक पूर्व होली पर्व का रंग निकालने एवं नदी पर स्नान करते समय एक डॉक्टर का स्थानीय व्यक्ति के साथ धारा 377 का कृत्य कर जल कीड़ा करने का मामला सामने आया था। जिसका खुलासा भी श्री यशवंत जी घोड़ावत ने अपनी बेबाकी कलम के साथ किया था। उसी गांव का ही एक बड़े साद का ऐसा व्यक्ति जो की एक व्यापारी भी है व ग्राम का गणमान्य होकर “गे“ है।  उक्त “गे“ स्थानीय उस व्यकि के यहाँ जो डॉक्टर के साथ जल क्रीड़ा करते हुए मोबाइल वीडियो में कैद हुआ था  जो की वह भी “गे“  है, उसके घर पर भी हम लोगों ने  गणमान्य  “गे“ को  कई बार आते-जाते देखा गया।

        बताने वाले बताते है कि, उक्त गणमान्य व्यक्ति उर्फ़ “गे“  जब जल कीड़ा करने वाले व्यक्ति के यहां घर में घुसता है तो, उसके चेहरे पर गंभीरता और पहनावे से अप टू डेट रहता है।

        परंतु जब “गे“-’गे“ घर के अंदर अपना काम करने के बाद, घर से बाहर जब गणमान्य “गे“ निकलता है तो पहनावा बिखरा हुआ होता है और चेहरा खुशी से खिल-खिला हुआ देखने में आता है।

        माही की गूंज कार्यालय में आकर हमारे विशेष सूत्र पुख्ता जानकारी के साथ गणमान्य “गे“ के बारे में बताते है कि, मुक्तिधाम के रास्ते में एक शिक्षक के यहां गणमान्य “गे“ के  संबंधों की चर्चाओ के साथ जल कीड़ा करने वाले व्यक्ति के यहां उपरोक्त स्थिति में आने-जाने की चर्चाएं भी जोरों पर थी। लेकिन अब गणमान्य “गे“ के बारे में और अधिक चर्चाओ का दौर एक फिर जब चला कि, उक्त गणमान्य “गे“ एक समलैंगिक के प्राइवेट पार्ट के साथ रंगरेलियां मना रहा का वीडियो एक व्यक्ति ने मोबाइल में कैद कर लिया।

     जिसमें “गे” तथा 377 का कृत्य करते भी नजर आ रहे हैं। जिसमें उक्त गणमान्य “गे” का मोबाईल वीडियो में स्पष्ट रूप से चित्रण दिख रहा है। उक्त वीडियो स्थानीय व्यक्तियों को एक व्यक्ति दिखा रहा है। उक्त वीडियो देखने के बाद से ही उक्त गणमान्य “गे“ व्यक्ति का चित्रण एक फिर हास्यप्रद होकर चर्चाओ का विषय बना हुआ है। इतना ही नहीं कोई व्यक्ति उक्त गणमान्य “गे“ से किसी काम से घुल-मिल कर चर्चा भी कर लेता है, तो  सामने वाले व्यक्ति के संबंध में हास्यप्रद  चर्चा कर कहा जाता है कि, कहीं उक्त गणमान्य “गे“ ने इस व्यक्ति को भी तो अपने चंगुल में तो नहीं ले लिया है...? की चर्चाओ का दौर भी हास्यप्रद की स्थिति के साथ चलने लग जाती है।


आखिर किस ने किया गणमान्य “गे“ का अपने मोबाइल में चित्रण कैद...?

       बात करें गणमान्य “गे“  व्यक्ति के  धारा 377 के कृत्य को मोबाईल में कैद चित्रण की तो, इस संबन्ध में बताया जा रहा है कि, उक्त मोबाइल में चित्रण को कैद किसी ऐसे व्यक्ति ने किया है कि गणमान्य “गे“ का अपना मूल व्यवसायी लेन-देन  में जिसे ब्याज से पैसा देता है। बताया जा रहा है कि, गणमान्य “गे” व्यक्ति का समलैंगिक व्यक्ति के प्राइवेट पार्ट के साथ रंगरलिया मनाने का चित्रण मोबाइल में कैद करने वाला व्यक्ति यह वीडियो अन्य व्यक्ति को दिखा जरूर रहा है, पर उक्त चित्रण को कैद करने वाला व्यक्ति किसी भी अन्य व्यक्ति को उक्त वीडियो नहीं दे रहा है। ओर वो स्पष्ट रूप से  कह रहा है कि, जिस दिन उक्त बड़े साद का गणमान्य “गे“ व्यक्ति  लेन-देन करने से या आर्थिक  मदद करने से उसे मना कर देगा, उस दिन उक्त वीडियो को सार्वजनिक कर देगा।

        अब सवाल यह उठता है कि, उक्त गणमान्य “गे“   के कई कर्जदार व खातेदार है, ऐसे में क्या यह गणमान्य “गे“  उस व्यक्ति  की तलाश कर साठ-गांठ बिठा कर वीडियो को डिलीट करवाने में सफल होगा...?

        लेकिन उक्त गणमान्य “गे“  कि उक्त इस तरह की लज्जित पूर्ण करतूत वह भी एक से अधिक बेटियों के पिता होने के बाद इस तरह से धारा 377 का कृत्य सामने आने पर आखिर किस मुंह से आगे रहकर यह तलाश करेगा कि, आखिर किसने समलैंगिक के  प्राइवेट पार्ट्स के साथ रंगरेलियां मनाते हुए उसका चित्रण मोबईल में केद किया...? और वह किसके पास है की तलाश किस तरह से कर पाएगा...? की चर्चा भी स्थानीय स्तर पर जोर-शोर से चल रही है।

         वहीं हर गली, मोहल्लो, चौराहे व हर दुकानों पर, हर कोई चर्चा कर रहा है कि, आखिर ये “गे“  कौन है...? और एक-दुसरे के मुजुबानी जानने का प्रयास कर रहै है।


माही की गूंज समाचार पत्र एवं न्यूज़ पोर्टल की एजेंसी, समाचार व विज्ञापन के लिए संपर्क करे... मो. 9589882798 |