माही की गूंज, थांदला।
बहुत सौभाग्य शाली है हम, कि हमारे हाथों में तिरगां है। तिरगां कपडे का टुकडा मात्र नही है, यह हमारी आन, बान, शान, ईमान सब कुछ है। इस तिरगें के लिए कई माँ ने अपने लाल, कई बहनों ने अपने भाई, कई सुहागनों ने अपना सिंदूर न्यौछावर किया है। लाखों की संख्या में बलिदान दिये है इस तिरंगे को पाने के लिए। जब भारत आजाद नही हुआ था तब अगर किसी देशवासी के हाथों में तिरंगा दिख जाता तो अंग्रेज उसे गोली से मार देते थे। बहुत ही बलिदान और संघर्ष के बाद मिली है हमें आजादी। भारतीय ध्वज संहिता के प्रावधानों में शिथिलता के कारण अब हर घर तिरंगा लहराएगा। हम इसे पूर्ण सम्मान् के साथ अपने घर, दुकान, संस्थान में फहराएगें। यह हमारा अभियान है। हम चाहे किसी भी क्षेत्र, समुदाय, जाति एवं धर्म के हो पर इन सब के ऊपर पहले हम भारतीय है और पूरे विश्व में तिरंगा हमारी पहचान है।
उक्त जोशीले विचार अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अनिल भाना ने महाविद्यालय के विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। महाविद्यालय के संस्था
प्रमुख डॉ. जीसी मेहता ने बताया कि, महाविद्यालय परिवार की ओर से 400 तिरंगा ध्वज विद्यार्थियों को वितरित किए जा रहे है। आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत‘‘स्वतंत्रता सप्ताह‘‘ हर घर तिरंगा अभियान के तहत दिनांक 13 अगस्त से 17 अगस्त तक विभिन्न कार्यक्रमों की संक्षिप्त जानकारी दी गई।
इस अवसर पर अनुविभागीय अधिकारी पुलिस रविन्द्र सिंह राठी ने भी विद्यार्थियों को तिरंगे की महत्ता बताते हुए इसके सम्मान में स्वयं को तत्पर रहने की बात कही। क्रीड़ा अधिकारी डॉ. शुभदा भोसले एवं राष्द्रीय सेवा योजना के जिला संयोजक डॉ. बीएल डावर, राष्द्रीय सेवा योजना इकाई प्रभारी प्रो. एच डूडवे के निर्देशन में महाविद्यालय के प्रांगण में हाथों में तिरंगा लहराते हुए विद्यार्थियों ने भारत के नक्शे की सुन्दर आकृति बनाई।
इससे पूर्व स्वामी विवेकानन्द कॅरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ के तत्वाधान में म.प्र. हिन्दी ग्रंथ अकादमी के स्वर्ण जयन्ती निबंध प्रतियोगिता आयोजित की गई। ‘‘राष्द्रीय शिक्षा नीति 2020‘‘ विषय पर महाविद्यालय की कु. शिवानी वसुनिया ने प्रथम,कु. सानिया बामनिया ने द्वितीय एवं कु. हेमलता मोरी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। तीनों बालिकाओं को प्रशंसा पत्र प्रदान किए गए।
इन दोनों आयोजनों में महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. पीटर डोडियार, प्रो. एस.एस. मुवेल, डॉ. मीना मावी, प्रो. मनोहर सोलंकी, समस्त अतिथि विद्वान, कार्यालयीन स्टॉफ एवं बडी संख्या में विद्यार्थियों ने सहभागिता की।