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कलश यात्रा के साथ प्रारंभ हुई सप्त दिवसीय श्री मद भगवत गीता, कलश यात्रा के साथ पहुंचे श्री हरिहर आश्रम गौशाला
Report By: ऋषभ गुप्ता 14, Aug 2021 3 years ago

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पहले दिन श्रद्धालुओं ने कथा श्रवण कर लिया महाप्रसादी का लाभ

माही की गूंज, बनी

     श्रीमद्भागवत महापुराण मोक्ष दायिनी है। इसके श्रवण मात्र से परीक्षित को मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है, और कलियुग में आज भी इसका प्रत्यक्ष प्रमाण देखने को मिलता हैं। उक्त बातें हरिहर आश्रम  बनी में शनिवार से शुरू हुई भागवत कथा के दौरान पहले दिन भागवत वक्ता पंडित देवेंद्र शास्त्री ने मौके पर उपस्थित श्रोताओ के समक्ष कथा के दौरान कही, उन्होंने कहा कि, भगवान की विभिन्न कथाओं का सार श्रीमद्भागवत मोक्ष दायिनी है। इसके श्रवण से परीक्षित को मोक्ष की प्राप्ति हुई और कलियुग में आज भी इसका प्रत्यक्ष प्रमाण देखने को मिलता हैं।
      श्री शास्त्री ने बताया कि, भागवत पुराण हिन्दुओं के 18 पुराणों में से एक है। इसे श्रीमद्भागवत या सिर्फ भागवतम भी कहते हैं। इसका मुख्य विषय भक्ति योग है, जिसमें श्रीकृष्ण को सभी देवों का देव या स्वयं भगवान के रूप में चित्रित किया गया है। इस पुराण में रस भाव की भक्ति का निरूपण भी किया गया है।
     पंडित देवेंद्र शास्त्री ने बताया कि, भागवत कथा में भगवान के 24 अवतारों का सुंदर वर्णनो का समावेश, कलयुग के प्रभाव से राजा परीक्षित ने ऋषि श्रृंगी के गले में मरा हुआ सर्प डाल दिया था और ऋषि ने उन्हें श्राप दिया कि ठीक सातवें दिन सर्प के काटने से उनकी मृत्यु हो जाएगी। उसी श्राप के निवारण के लिए वेद व्यास द्वारा रचित भागवत कथा शुकदेव द्वारा सुनाई गई। जिसमें उनका उत्थान हो गया। राजा परीक्षित ने सात दिन भागवत सुनकर किस तरह अपना उद्धार कर लिया। उसी तरह प्रत्येक व्यक्ति को भागवत का महत्व समझना चाहिए। भागवत अमृत रूपी कलश है। जिसका रसपान करके आदमी अपने जीवन को कृतार्थ कर लेता है। इसलिए जहां भी भागवत होती है। मनुष्य को आसपास की भागवत में जरूर शामिल होना चाहिए। कथा व्यास ने कहा कि, भागवत कथा ही साक्षात कृष्ण है और जो कृष्ण है वही साक्षात भागवत है। भागवत कथा भक्ति का मार्ग प्रशस्त करती है। इससे पहले समीपस्थ ग्राम बनी में हरिहर आश्रम में श्रीमद भागवत कथा का शुभारंभ कलश यात्रा के साथ हुआ। श्रीराम मंदिर बनी से कथा स्थल भागवत वक्ता पंडित देवेंद्र शास्त्री ने कलश यात्रा का मंत्रोच्चारण के साथ शुरू किया। कलश यात्रा नगर के मुख्य मार्गो से  निकलकर कथा स्थल पहुंची। यहां मंत्रोच्चारण के साथ कलश स्थापना की गई। प्रथम दिन कथा व्यास डॉ. देवेंद्र शास्त्री ने महात्म्य एवं परीक्षित चरित्र की कथा सुनाई। हरिहर आश्रम में श्रीमद् भागवत कथा में पहले दिन कथा वाचक पं. देवेंद्र शास्त्री ने भक्तों को कथा रसपान कराते हुए राजा परीक्षित की कथा सुनाई। कथा के पहले दिन आसपास के क्षेत्रों से हजारों की तादात में ग्रामीण कथा श्रमण करने पहुचे। पहले दिन यजमान सुंदरलाल भेरूलाल पाटीदार बरवाला सपरिवार के साथ पूजा अर्चना की एवं पहले दिन की कथा समाप्त होने के बाद आरती ओर प्रसादी का लाभ लिया।





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