Sunday, 12 ,October 2025
RNI No. MPHIN/2018/76422
: mahikigunj@gmail.com
Contact Info

HeadLines

राज्य स्तर खो-खो प्रतियोगिता में चापानेर की तीन बालिकाओं का चयन | दिनदहाड़े दंपति से लूट, तमंचे की नोक पर छीने आभूषण और नकदी | चूहा कांड को लेकर आज हाई कोर्ट में सुनवाई, 6 अक्टूबर के बाद जयस करेगा आंदोलन घोषणा | शताब्दी वर्ष में विजयादशमी उत्सव के निमित्त निकल भव्य पद संचलन | संघ शताब्दी वर्ष पर अनुशासन के साथ निकाला पथ संचलन | मुख में राम बगल में छुरी | कटाक्षः एमपी अजब और पुलिस गजब... | बेबाकी के साथ सच और विश्वास के सात वर्ष पूर्ण | अब भी अंधविश्वास के अंधकार से जकड़ा जिला, मासूमों की जान दाव पर...? | संदिध परिस्थिति में युवक-युवती का शव बरामद, हत्या की आशंका पुलिस मौके पर | प्रो. केशर ने प्राप्त की पीएच.डी. की उपाधि | चुनाव आयोग द्वारा पूरे देश में एस आर आई करवाने की तैयारी | कॉलेज ग्राउंड में भीलप्रदेश विद्यार्थी मोर्चा की नई कार्यकारिणी का हुआ गठन | एसडीएम मीना के खिलाफ पत्रकारों का सामूहिक निंदा प्रस्ताव जारी | ग्रामीण बैंक में चोरों ने किया चोरी का असफल प्रयास | कभी न भूलने वाली तारीख पर दस साल बाद मुख्यमंत्री होगें जनता के बीच | पत्रकारों ने किया -सम्मान समारोह में शिक्षकों का सम्मान | गणेश विसर्जन के दौरान नदी में डूबने से हुई युवक की मौत | 500-1000 की लालच में चपरासी रिश्वतखोर बैंक मैनेजर के साथ रिश्वत लेते धराएं | खुले में ब्रिज पर बच्चे का जन्म, एएनएम ने आकर काटी नाल |

बांग्लादेशी अजीत राय के कारनामे का एक और खुलासा
Report By: संजय भटेवरा 28, May 2020 5 years ago

image

फर्जी प्रमाण-पत्र बनवाकर बांग्लादेशी जमाई व समधी परिवार का करवाया पंजीयन

पहले एक माह तक लगाए चक्कर बाद में दूसरी पंचायत से बनवाया फर्जी प्रमाण-पत्र

माही की गूंज, झाबुआ

सोशल मीडिया पर पुलिस डिपार्टमेंट, सिटी ऑफ न्यूयॉर्क, स्पेशल ऑफिसर लिखी चश्मे के साथ यूनिफॉर्म सॉफ्टवेयर से एडिट कर एक फोटो सोशल मीडिया पर डाल कर जेंटलमैन बनने वाला संविधान की हर लाइन को क्रॉस कर भारतीय संविधान को धुमिल व पूरी व्यवस्थाओं को ही हास्यप्रद स्थिति में लाकर खड़ा करने वाले अजीत राय की कारस्तानियों की माही की गूंज पड़ताल में एक और बड़ा खुलासा हुआ है।

बता दे कि, अजीत राय की बेटी ब्यूटी का विवाह बांग्लादेश के ही रहवासी तुषार पिता किरन मंडल के पुत्र शामल से किया। जिसके बाद बांग्लादेशी अजीत राय विवाह के बाद बांग्लादेशी जमाई को भी कुछ समय के लिए खवासा ले आया। हमने पहले भी खुलासा किया था कि, जो बांग्लादेश में रहकर कभी खवासा ही नहीं आया, उनका नाम भी खवासा पंचायत में कुछ प्रलोभन के साथ पंजीयन करवाकर बांग्लादेशी को खवासा का मूल निवासी बनाने के साथ ही भारतीय मूल का रहवासी बना दिया।

कुछ इसी तरह बांग्लादेश से दलाल के मार्फत से शामल पिता तुषार मंडल भी आया था। उसी बांग्लादेशी शामल मंडल के साथ, रतलाम निवासी बांग्लादेशी अजीत राय के साथी दीपू राय के घर पर छोटे रूप में गिनती के मेहमानों की उपस्थिति में अजीत राय ने बेटी की शादी कर दी। बताया जा रहा है कि, बेटी ने भी ऐसी कोई एक कारस्तानी कर दी थी, जिसके कारण छोटे रूप में रतलाम में 40-50 मेहमानों की उपस्थिति में बेटी की शादी करना पड़ी, लेकिन खवासा में आकर मोहल्ले एवं गांव वालों को बेटी की शादी पश्चिम बंगाल में करना बताया।

गूंज ने जमाई शामल व परिवार की पड़ताल में माता-पिता, भाई अभी भी बांग्लादेश में पर नाम खवासा पंचायत में

सरगना अजीत राय के जमाई शामल की भी पूरी पड़ताल की तो, गूंज के सामने विशेष सूत्रों के माध्यम से बड़ा मामला सामने आया। शामल बांग्लादेश के दलाल के माध्यम से ही चोर रास्ते से भारत आया। सूत्रों अनुसार जानकारी मिली कि, सन् 2010-11 में शामल को अजीत राय ने अपने फर्जी क्लीनिक पर रखकर फर्जी डॉक्टरी का काम सिखाया। कुछ अनबन होने पर अजीत राय ने अपने यहां से रवानगी दे दी। तब भामल के गौतम राय के फर्जी क्लीनिक पर 2012-13 में फर्जी डॉक्टरी का ज्ञान दिया। जिसके बाद करीब 1 वर्ष से अधिक गुजरात में किसी अपने बांग्लादेशी के यहां शामल ने फर्जी ट्रेनिंग अर्जित की। जिसके बाद रतलाम निवासी दीपू राय जिसका फर्जी क्लीनिक रतलाम जिले के बाजना तहसील के एक ग्राम में स्थित है, पर कंपाउंडर की परिभाषा देकर कार्य कर रहा था कि, अजीत राय के एक बांग्लादेशी वर्तमान में बाजना निवासी तपन राय से बेटी की शादी के लिए संपर्क किया तो, तपन ने अजीत को शामल का नाम सुझाया। जिसके बाद कुछ दिनों में ही बेटी की शादी शामल के साथ कर जमाई बना लिया। शामल को बेटी के साथ घर ले आया। घर लाते ही कुछ दिनों बाद सरगना अजीत राय अपनी कारस्तानियों के साथ खवासा ग्राम पंचायत में शामल के साथ ही उसके माता-पिता व छोटे भाई जो कि, बांग्लादेश में ही निवासरत थे, सभी के नाम पंचायत में पंजीयन करवाने को लेकर पंचायत के चक्कर काटने लगा। पंचायत सचिव व ग्राम पंचायत में परिवर्तन होने पर सचिव ने जहां पहले से निवासरत् थे, वहां का अनापत्ति प्रमाण-पत्र मांगा। लेकिन वह अनापत्ति प्रमाण-पत्र काफी समय तक नहीं दे पाया। जिसके बाद खवासा की समीपस्थ ग्राम पंचायत नरसिंगपड़ा के सरपंच पति व सचिव से संपर्क किया। उनको खवासा में अजीत राय के मकान में शामल के साथ उसके माता-पिता व भाई को रहना बताकर हाथ-पैर जोड़ व नगदी भेंट कर फर्जी अनापत्ति प्रमाण-पत्र नरसिंगपाड़ा पंचायत से बनवा लिया।

 ग्राम पंचायत नरसिंगपाड़ा ने 22 फरवरी 2016 को अनापत्ति प्रमाण-पत्र क्रमांक 19 दर्शाकर प्रमाणित किया कि, शामल पिता तुषार मंतुल (मंडल की जगह मंतुल) का ग्राम पंचायत नरसिंगपाड़ा में दर्ज था, जो वर्तमान में खवासा में रह रहे हैं व ग्राम पंचायत नरसिंगपड़ा से नाम काटा जा चुका है। खवासा में नाम जोड़ने पर नरसिंगपाडा पंचायत को कोई आपत्ति नहीं है।  इसके साथ प्रमाण-पत्र में नीचे शामल उसके पिता तुषार, मां नमिता व भाई बादल का नाम दर्शा दिया गया। 

उसी दिनांक 22 फरवरी 2016 को ही ग्राम पंचायत खवासा के पंजीयन रजिस्टर क्रमांक 839 पर दर्ज कर हाथों-हाथ उसी दिनांक को ही कूपन जारी कर दिया। जिसके बाद शामल को रावटी में फर्जी क्लीनिक खुलवाया। वहां दुकानदारी नहीं चली तो रतलाम के शिवगढ़ में फर्जी क्लिनिक खुलवाया, जो वर्तमान में भी शिवगढ़ में ही रह कर लोगों की जान से खिलवाड़ कर चांदी काट रहा है।

तो वहीं शामल एवं पत्नी ब्यूटी का नाम खवासा की नामावली में क्रं. 2312-2313 पर आज भी होकर खवासा पंचायत में उसके माता-पिता के साथ भाई बादल का नाम पंजीयन रजिस्टर में दर्ज होकर राशन कार्ड में भी है। जबकि गूंज ने 30 अप्रैल के अंक में ‘घुसपैठिये अजित राय ने बांग्लादेशी समधन की क्वॉरेंटान के समय छुपाई पहचान’, ‘बांग्लादेशी घुसपैठिये ने आखिर कैसे बनाए फर्जी दस्तावेज? यह है जांच का विषय’ शीर्षक के साथ प्रकाशित कर खुलासा किया था कि, क्वॉरेंटाइन के समय समधन नमिता बांग्लादेश के पासपोर्ट से खवासा आई और अजीत राय के क्वारंटाइन के समय घर में रहते हुए उसकी पहचान छुपाई। वहीं आज भी लाॅकडाउन के कारण बांग्लादेश से आई समधन अजित राय के संरक्षण में ही है। ये भी साफ है कि, शामल के माता-पिता व भाई बांग्लादेश में ही निवासरत है, जो भारत में कभी चोर के रास्ते से तो कभी बांग्लादेश के पासपोर्ट के माध्यम से आते हैं तो बांग्लादेशी बेटा कैसे भारतीय हो गया? और जो बांग्लादेश के पासपोर्ट से अजीत राय के समधी उर्फ शामल के माता-पिता भारत आते हैं वो झाबुआ जिले की नरसिंगपाड़ा पंचायत से कैसे फर्जी प्रमाण-पत्र बना कर खवासा पंचायत में अपना नाम पंजीयन करवा कर भारतीय मूल के बन फर्जी दस्तावेज कैसे बना लिए? यह जांच का विषय है। 

जिला प्रशासन से लेकर राज्य सरकार को इस गंभीर मुद्दे पर जांच करवा कर अजीत राय की तरह प्रदेश में जिन्होंने भी भारतीय मूल की व्यवस्था एवं संविधान को हाशिये पर धकेल कर उसे धूमिल करने का प्रयास किया है उनके विरुद्ध जांच करवा कर कड़ी कार्यवाही होना चाहिए।

      अब देखते हैं ग्राम पंचायत नरसिंगपाडा व ग्राम पंचायत खवासा अजीत राय के विरुद्ध क्या कार्यवाही करती है? या जिस तरह से फर्जी पंजीयन के लिए नगद नारायण लिया। गूंज की लेखनी के बाद अपनी कीमत बढ़ाकर अभी भी सरगना अजित राय के साथ उन सभी को जो बांग्लादेशी होकर या बांग्लादेश में रहकर यहां के निवासी बन गए है, उनको संरक्षण प्रदान करेंगे? नरसिंगपाड़ा पंचायत से जब जानकारी ली तो पंचायत में किसी भी रिकॉर्ड में शामल एवं परिवार का नाम दर्ज ही नहीं है। 22 फरवरी 2016 को अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया गया। जिसका भी कोई रिकॉर्ड नहीं है। वहीं दुसरी ओर ग्राम पंचायत खवासा के पास, नरसिंगपाड़ा का दिया हुआ फर्जी प्रमाण-पत्र रिकॉर्ड में बता रहा है।



माही की गूंज समाचार पत्र एवं न्यूज़ पोर्टल की एजेंसी, समाचार व विज्ञापन के लिए संपर्क करे... मो. 9589882798 |