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पंचायत के जवाबदारों को विश्वास में लेकर आयुष्मान कार्ड के नाम पर पंचायत में बैठकर की ठगी, ग्रामीण के साथ पंचायत ने भी की ठगी की शिकायत दर्ज
27, Sep 2020 4 years ago

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जुगाड़ से आयुष्मान कार्ड बनाने की गर्वोक्ति कर रहा ठगौरा 

माही की गूंज, बामनिया/खवासा 

    ठगौरे नित् नए जुगाड़ लगाकर ठगी करने में कोई कसर नहीं छोड़ते है और सबसे बड़ी बात यह है कि, ग्राम पंचायत के नुमाइंदो को भी विश्वास में लेकर व गुमराह कर आम लोगो के साथ ठगी करने में कोई कसर किसी योजना के कार्ड बनाने या रूपया आहरण करने के नाम पर बड़े रूप से ठगी कर लेते है बतादे कि, लॉकडाउन के दौरान थांदला जनपद की पाटड़ी ग्राम पंचायत के सहायक सचिव से किसी थांदला निवासी ने संपर्क कर पंचायत में ही आकर लोगो को आधार कार्ड से पैसे निकाल कर सुविधा देने की बात कही जिस पर राजू पलाया ने ग्राम पंचायत के ग्राम कुंडियापाड़ा में एक मकान पर बिठा कर सहायक सचिव द्वारा सुचना दी गई थी कि, किसी को अपने बैंक खाते से पैसे निकालने हो तो वह निकाल ले, लॉकडाउन के दौरान गरीब लोगो को राहत देने हेतु शासन ने अलग-अलग प्रकार से योजनाओ के पैसे राहत देने हेतु गरीबो के बैंक खाते में डाले थे, जो पाटड़ी ग्राम पंचायत के लोग सहायक सचिव के बताए व्यक्ति से कुंडियापाड़ा में रुपए निकालने और अपने खाते में रूपया कितना जमा हुआ है चेक करवाने हेतु पहुंचे, सबसे बड़ी बात यंहा ये रही की जो ग्रामीण आवश्यकता अनुरूप राशी निकालने गया लेकिन मान लो किसी ने दो सौ रुपए आवश्यकता होने पर निकाले और उसके बैंक खाते में एक हजार रुपए जमा है तो वह दो सौ की बजाय पुरे एक हजार रुपए ब्लॉक कॉर्डिनेटर ने आहरण कर ग्रामीण को दो सौ रुपए देकर उसका खाते में शून्य बैलेंस कर दिया, वही जो ग्रामीण सिर्फ अपने बैंक खाते में पैसा जमा हुआ या नहीं चेक करवाने पहुंचे तो उनके भी बैंक खाते से पैसे चेक करने के नाम पर राशी आहरण कर खाते का बैलेंस शून्य कर दिया। यह सिलसिला दो दिनों तक चला और जो भी व्यक्ति आधार कार्ड व फिंगर प्रिंट दिए वह ठगी का शिकार हुआ लेकिन सबसे बड़ी बात यहाँ अभी तक भी सहायक सचिव राजू ने यह नहीं बताया की आखिर वह व्यक्ति कोन था जो ग्राम पंचायत के लोगो को ठग कर चला गया और न ही इस मामले में सहायक सचिव ने लोगो के साथ हुई ठगी का मामला पुलिस चौकी में दर्ज करवाया, सिर्फ यह कह गए कि, पैसे निकालने वाला व्यक्ति मुँह पर मास्क बांधकर आया था और उस व्यक्ति की पहचान नहीं हुई तो वही ग्रामीण ने कहा सहायक सचिव राजू के पहचान का था इसलिए हम पैसे निकालने गए थे। इस ठगी मामले में यही देखा जा सकता है की सहायक सचिव से या तो दूरभाष पर उक्त ब्लॉक कॉर्डिनेटर से संपर्क हुआ होगा और वह उसी मोबाइल नंबर के आधार पर चौकी में रिपोर्ट दर्ज करवा कर ठगी करने वाले व्यक्ति को पकड़ा जा सकता था या फिर यह माना जा रहा है की ठगी करने वाला व्यक्ति सहायक सचिव का कोई अच्छा खासा परिचित है पर किसी प्रकार की रिपोर्ट डलवाने पर इस मामले में फस जाता इसलिए उसे बचाने के लिए कोई मामला दर नहीं करवाया और गोलमोल बाते कर मैं क्या करू कह कर मामले को ठन्डे बस्ते में डाल दिया और आज तक ठगी करने वाला व्यक्ति उजागर नहीं हुआ।

    वही ग्राम पंचायत बामनिया के सरपंच के मोबाइल पर थांदला के ही किसी हनी पिता रेवाशंकर पंचाल का 6265559312 से फोन आया और कहा मैं आयुष्मान कार्ड बनाता हूँ मेरे पास आयुष्मान कार्ड बनाने की आईडी है मुझे ग्राम पंचायत भवन पर बैठने की जगह चाहिए, जिस पर ग्राम पंचायत ने ग्राम पंचायत ने आयुष्मान कार्ड बनाने हेतु पंचायत भवन में बैठने की अनुमति दे दी व ग्राम पंचायत बामनिया ने कार्ड बनाने की सूचना ग्राम पंचायत के व्हाट्सएप पर बने पंचायत सूचना ग्रुप में दे दी। आयुष्मान कार्ड के लिए परेशान लोगो को जब ग्राम पंचायत द्वारा सूचना मिली तो कार्ड बनने की उम्मीद में पचासों परिवार पंचायत पहुँच गए, जहा आयुष्मान भारत योजना के लिए कार्ड बनाने के नाम पर आधार और फिंगर प्रिंट के साथ 50-50 रुपए लिए गए और कहा कि, आपका आयुष्मान कार्ड पोस्ट से आपके घर आ जाएगा। पंचायत में बैठे व्यक्ति ने हर किसी से आयुष्मान कार्ड के नाम पर पैसे वसुल लिए लेकिन अगले दिन लोगो को पता चला कि, आयुष्मान पोर्टल सूची में नाम ही नहीं है फिर पंचायत में आए व्यक्ति ने लोगो के फिंगर प्रिंट और आधार कार्ड क्यो लिए? ऐसे कई परिवार जिनके नाम सूची में नही थे उनसे भी अवैध रूप से वसुली कर ली गई, जिसके बाद ग्रामीण जागरूक हुए और आयुष्मान पोर्टल पर जब नाम ही दर्ज नहीं है तो आधार कार्ड के साथ फिंगर प्रिंट आखिर किस वेबसाइट पर जाकर अंकित किए और प्रत्येक व्यक्ति 50-50 रुपए ठगी के आलावा बैंक खातों से अन्य ठगी  आशंका जाहिर कर पंकज भटेवरा के साथ अशोक कुमार, मनोज कुमार, अभय कुमार जैन, सुरेंद्रसिंह देवड़ा आदि ने लिखित सुचना रिपोर्ट दर्ज की। बाद में रात्रि 8 बजकर 20 मिनट पर ग्राम पंचायत बामनिया की सरपंच ने भी पंचायत में बैठने एवं ग्रुप में दी गई सुचना के तर्क के साथ हनी पंचाल के विरुद्ध पुलिस चौकी बामनिया में रिपोर्ट दी गई। जब बामनिया का उक्त मामला माही की गूंज के सामने आया तो इस मामले को गंभीरता से लेकर जाना तो तय है यह आयुष्मान कार्ड के नाम से ठगी करने वाला ही ठगौरा पाटड़ी पंचायत के ग्रामीणों के साथ की गई ठगी का ठगौरा हो सकता है। साथ ही इस मामले को बामनिया के ग्रामीण, ग्राम पंचायत या पुलिस मात्र 50-50 रुपए की ठगी का मामला मन कर इस मामले को रफा-दफा करते है तो तय है इसके साथ अन्य जगह किये गए ऐसे ठगी के मामले दब कर रह जायेंगे। वरन ऐसे दस ठगौरे दूसरे भी पैदा होंगे इसलिए पुलिस को इस मामले की तहकीकात जरूर करना चाहिए की आखिर जब आयुष्मान पोर्टल पर जिस परिवार का नाम ही नहीं है तो किस वेबसाइट पर जाकर आधार कार्ड के साथ फिंगर प्रिंट लिए गए।  बता दे की आयुष्मान कार्ड सीएससी सेंटर पर जाकर सेंटर संचालक अपनी यूजर आईडी के साथ परिवार की समग्र आईडी, आधार कार्ड, जॉब कार्ड, आदि नंबर डाल कर देखना होता है की उक्त परिवार का नाम आयुष्मान पोर्टल पर है या नहीं अगर पोर्टल पर नाम होता है तो ही आगे की प्रोसेस पोर्टल पर सम्भव होती है और पोर्टल पर फिंगर प्रिंट अंकित करना होता है, अगर जिसका नाम पोर्टल पर नहीं है तो उसका कोई प्रोसेस सीएससी वेबसाइट पर नहीं होता है। 

    जब इस सम्बन्ध में ठगी एवं टेक्नीकल जानकारी जानने हेतु गूंज कार्यालय से सीधे  वाले हनी पंचाल से बात की कि, जब आयुष्मान पोर्टल पर जिनका नाम ही नहीं है तो आपने किस वेबसाइट पर जाकर आयुष्मान कार्ड बनाने हेतु आधार कार्ड एवं फिंगर प्रिंट अंकित किए? मैं जुगाड़ कर किसी तरह से उनका आयुष्मान कार्ड बना देता अगर जिनके आयुष्मान कार्ड नहीं बनते तो मैं उनको 50-50 रुपए वापस कर देता।

    आखिर ऐसा क्या जुगाड़ है जिससे आप आयुष्मान कार्ड बना देते यह हमें भी तो पता चले? मेरे पास एक जुगाड़ था मैं कोशिश कर के बना देता। 

    जब आयुष्मान पोर्टल पर जिसका नाम ही नहीं है तो आपने किस वेबसाइट पर जाकर उनका फिंगर प्रिंट लिया? मेने कोई उनके बैंक खाते से पैसे निकालने के लिए कोई फिंगर प्रिंट नहीं लिए है। 

    मेने कहाँ, कहा कि आपने बैंक खाते से पैसे निकालने के लिए फिंगर प्रिंट लिए मुझे तो आप यह बताए आपने किस वेबसाइट पर जाकर जिनके नाम पोर्टल पर नहीं थे उनके फिंगर प्रिंट लिए? मेरी मोबाइल की बैटरी बेठ गई है मैं दो मिनट में आपके पास आ रहा हूँ कहा व खवासा गूंज कार्यालय का पता पूछा लेकिन समाचार लिखे जाने तक भी वह मुझे जानकारी देने नहीं आया, परन्तु करीब एक घंटे में ही हनी ने यह जानकारी निकल ली की थांदला में उनके कौन परिचित है और मामले को परिचित से परिचित का आधार बना कर मामले को रफा-दफा करने का असफल प्रयास गूंज के समक्ष किया। 






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