माही की गूंज। संजय भटेवरा
हमारे देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी का वह बयान आज तक चर्चित है जिसमें उन्होंने खुद स्वीकार किया था कि, दिल्ली से भेजा गया एक रुपया गांव तक पहुंचने पर 15 पैसे ही रह जाता है। उनका आशय यह था कि, देश के विकास के लिए भेजा गया 85 प्रतिशत पैसा भ्रष्टाचारियों और बिचैलियों में बट जाता है और वास्तविक लाभ 15 प्रतिशत तक ही मिल पाता है। तब से ही भ्रष्टाचार एक व्यापक जन समस्या बन चुका है और हर चुनाव में भ्रष्टाचार मिटाने का वादा तो किया जाता है लेकिन वो वादा पूरा नहीं हो पता है। 2014 के चुनाव में देश ने मोदी पर भरोसा किया और तब से आज तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश का नेतृत्व कर रहे हैं। प्रधानमंत्री लगभग हर मंच से भ्रष्टाचार मिटाने का संकल्प दोहराते आए हैं लेकिन क्या भ्रष्टाचार खत्म या कम हुआ है...? इसका उत्तर निश्चित रूप से नकारात्मक ही है। प्रधानमंत्री ने बिचैलियों की भूमिका खत्म करने के लिए (डीबीटी) डायरेक्ट बेनिफिट योजना लागू की है, लेकिन उसके बाद भी भ्रष्टाचार तनिक भी कम नहीं हुआ है। इतना अवश्य है कि, भ्रष्टाचारियों ने अपने तरीके अवश्य बदल लिए हैं। सरकार भ्रष्टाचारियों पर नकेल करने के लाख दावे करें लेकिन भ्रष्टाचारी भी नित नए तरीके ईजाद कर बेखोफ़ होकर भ्रष्टाचार कर रहे हैं।
देश की संसद से अयोध्या तक भ्रष्टाचार
देश को सेंट्रल विस्टा के रूप में नया सुसज्जित तथा हाईटेक संसद भवन अवश्य मिला है जिसके निर्माण से लेकर शिलान्यास तक कई दावे-प्रतिदावे किए गए लेकिन पहली बारिश की टपकती छत ने सारे दावों की पोल खोल दी। जिस संसद भवन को रिकार्ड समय और रिकॉर्ड पैसा खर्च करके बनाया गया उसकी छत से टपकते पानी ने गांवो में स्कूलो की बिलिं्डग से टपकते पानी की याद दिला दी और यह साबित कर दिया कि, सभी सरकारी निर्माण एक जैसे ही होते हैं। चाहे वह देश की राजधानी दिल्ली में हो या फिर देश के किसी छोटे गांव में यानी भ्रष्टाचार का हिस्सा समान रहता है और भ्रष्टाचार होने पर उसकी गुणवत्ता कैसी रहती है यह हर भारतीय नागरिक जानता है।
राम मंदिर के निर्माण को लेकर पूरे देश में उत्साह था और राम मंदिर निर्माण के चलते उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार ने अयोध्या के विकास के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए और कई निर्माण कार्य करवाए। लेकिन पहली बारिश के बाद ही सड़कों पर बने बड़े-बड़े गड्डो ने सारी पोल खोल दी।
आप सांसद संजय सिंह के लोकसभा में दिए गए बयान के अनुसार, अयोध्या में इंफ्रास्टेªक्चर के डेवलपमेंट के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए जिसमें एयरपोर्ट के 1450 करोड रुपए, रेलवे स्टेशन के लिये 724 करोड रुपए, अयोध्या रिंग रोड पर 4793 करोड रुपए, 14 कोसी परिक्रमा पर 1140 करोड रुपए, पंचकोसी परिक्रमा पर 776 करोड रुपए, रामपथ पर 787 करोड रुपए, टाउंन शिप पर 2180 करोड रुपए, पुराने मंदिर के जिर्णोद्वार पर 170 करोड रुपए, मेडिकल कॉलेज पर 245 करोड रुपए खर्च करना बताया गया।
उन्होंने सरकार से पूछा है कि, यह पैसा गया कहां...? पहली ही बरसात में अयोध्या की सड़के टूट चुकी है तथा मंदिर के गर्भग्रह में पानी गिरने लगा है और यह बात मंदिर के मुख्य पुजारी ने कही है।
बिहार के पुल और महाराष्ट्र में शिवाजी की मूर्ति...
हर विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डबल इंजन वाली सरकार के लिए भाजपा को वोट देने की अपील की और कई प्रदेशों में डबल इंजन वाली सरकारे है। लेकिन इसके बावजूद क्या भ्रष्टाचार कम या खत्म हुआ है...? बिहार और महाराष्ट्र में भी भाजपा सरकार की हिस्सेदारी है यानी डबल इंजन की सरकार है लेकिन उसके बावजूद बिहार से कई पुल टूटने की खबरें आ चुकी है। मध्य प्रदेश की धर्मधानी उज्जैन के महाकाल लोक मूर्तियां पहली आंधी में धराशाई हो गई थी। यही नहीं महाराष्ट्र में शिवाजी की मूर्ति करोड़ों रुपए खर्च करके लगवाई गई थी वह भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। महाराष्ट्र में चुनाव सर पर है ऐसे में प्रदेश के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री के साथ ही देश के प्रधानमंत्री ने भी सार्वजनिक रूप से इसके लिए माफी मांगी है। तो देश की अन्य घटनाएं भी जिनमे भ्रष्टाचार साफ नजर आ रहा है के लिए भी क्या देश के प्रधानमंत्री माफ़ी मांगेंगे...?
चुनाव के पूर्व मोदी की गारंटी... चुनाव के बाद एनडीए की गारंटी... बन गई थी और अब यह मोदी की माफी बन चुकी है जिसको देखकर सोशल मीडिया पर मीम्स बन रहे हैं कि, क्या मोदी की माफी ही मोदी की गारंटी है...?