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पानी की उचित निकासी नहीं होने से प्रतिवर्ष कई किसानों की सैकड़ो बीघा जमीन रह जाती है बोवनी से वंचित
Report By: विजय सोलंकी 01, Jul 2024 1 year ago

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खेतों पर जगह-जगह मकान बन जाना एवं प्रधानमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत बनाई गई पुलिया से भी व्यवस्थित पानी की निकासी नही होना बनती जा रही है मुसीबत

क्षेत्र में सोयाबीन का रकबा बड़ा, लगातार बारिश से मौसम में घुली ठंडक के तेवर हुए कम

माही की गूंज, बड़नगर/रुनीजा।

          बडनगर-रुनिजा  रोड पर पेट्रोल पंप से लगाकर विश्राम तक एवं विश्रामगृह से लगाकर चामुंडा माता मंदिर तक कई मकान विगत कई वर्षों में बन गए हैं व बनते जा रहे हैं। इन मकानों के कारण तथा रुनीजा विश्राम गृह से व्हया गजनीखेड़ी मसवाड़िया तक बनी प्रधानमंत्री सड़क योजना की पुलिया से भी व्यवस्थित पानी की निकासी नहीं होने से प्रतिवर्ष सैकड़ो बीघा जमीन बोवनी से वंचित हो जाती है। इस संदर्भ में प्रभावित किसानों द्वारा विगत दो तीन साल से शासन प्रशासन को अवगत कराया जा रहा है। तथा पानी की निकासी व्यवस्थित  करने की मांग की जा रही लेकिन अभी तक  कोई उचित कार्यवाही नहीं हुई। इस संदर्भ में कुछ किसानों ने कहा है कि यदि पानी की उचित निकासी नहीं हुई तो हमे आंदोलन करना पड़ेगा।

          गजनी खेड़ी के किसान मोहन चौधरी ने बताया कि, उचित पानी निकासी न होने और विश्राम गृह के पास प्रधान मंत्री सड़क योजना के अंतर्गत बनी पुलिया के नाले का एक पाइप बन्द कर देने के कारण से गजनी खेड़ी के किसानों की लगभग 100 बीघा जमीन पर विगत तीन चार वर्षों से  बोवनी नहीं हो पा रही है। गत वर्ष भी उक्त समस्या को लेकर प्रशासन को आवेदन देकर पानी की व्यवस्थित निकासी की मांग की गई थी पर किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया। गजनी खेड़ी, रुनीजा के किसान अश्विन सिंह पलवा, ईश्वर सिंह मामा राठौर, राजाराम पाटीदार, गंगाधर दिया, कमल पाटीदार, अमर डोडिया, सुरेश डोडिया, मोहनलाल डोडिया आदि ऐसे कई किसान है जिनकी जमीन पर इस बार भी बोवनी नहीं हो  सकी। उन किसान के खेत पानी भरा होने  से तालाब बन जाते। आज भी कुछ खेतो पानी भरा है प्रभावित किसांनो का कहना है कि प्रशासन अगर कार्रवाई नहीं करता है तो हम आंदोलन करेंगे।


          इस संदर्भ में पटवारी अनामिका गुप्ता ने बताया कि, रुनिजा-रतलाम रोड़ पर बने पेट्रोल पंप से लगाकर विश्राम गृह तक तथा विश्राम गृह से लगाकर चामुण्डा माता मंदिर कई किसांनो के खेतों पर मकान बन गए तथा बनते जा रहे। विश्राम गृह के पास बनी पुलिया का एक पाइप यहां बने मकान से जाम हो गया। इससे अब समस्या ज्यादा बढ़ती जा रही। सभी को व्यक्ति रूप से मिलकर जेसीबी से नाली बनाकर पानी निकासी करने को बोल दिया एक दो मकान वाले को बोलना बाकी यदि इन लोगो नालियां नही खोदी तो इनके खिलाफ तहसील से कारवाही करवाई जाएगी।


क्षेत्र में सोयाबीन का रकबा बड़ा

          21 जून को तड़के 3 बजे से हुई झमाझम बारिश के बाद क्षेत्र में लगातार बारिश का दौर जारी है। 21 जून से लगाकर 29 जून तक रुनीजा माधवपूरा, गजनी खेड़ी, मसवाड़िया क्षेत्र में कभी दिन में तो  कभी रात में कभी कम, तो कभी तेज बारिश  लगातार जारी है। 21 जून की झमाझम  बारिश के बाद  जो खेत ऊंचे वह पहाड़ी इलाकों पर थे। तथा पानी निकासी व्यवस्थित हो गई थी ऐसे खेतो में किसान भाइयों 22 जून दोपहर बाद सोयाबीन की फसल की बोवनी  मूहर्त कर दिया था।और आज क्षेत्र में  सोयाबीन की फसल 9 दिन की होकर खेतों में लहलहा रही है। धीरे-धीरे चारों ओर हरियाली  की चादर बिछने लगी है। लगातार बारिश के चलते जो मधुशाला गर्मियों खुली थी वह सब अब धीरे धीरे बंद हो रही है और मौसम भी अब ठंडा होने लगा है। रात दिन पंखे कूलर एसी जो चलते थे और वह भी बंद होने लगे हैं। अब ज्यादातर पंखे के सहारे ही लोगों के दिन रात  गुजरने लगे हैं। कुल मिलाकर अब मौसम ठंडा होता जा रहा है। खेत हरे भरे  नजर आने लगे। रुनीजा सहित आसपास के क्षेत्र   में 85 से 90% बोवनी  का कार्य पूर्ण हो चुका है। 15 से 10% बोवनी  इसलिए प्रभावित है कि  उन खेतो में बराप नहीं है । तथा जल भराव की स्थिति में पानी की निकासी नहीं होने से वे किसी भी प्रकार की फसल बोने  लायक अभी तैयार नहीं है।

          इस संदर्भ में कृषि विस्तार अधिकारी शालू पांडेय  से चर्चा की गई तो आपने बताया कि रुनिजा, माधवपूरा, गजनी खेड़ी, मसवाड़िया पूरे क्षेत्र में 82% से अधिक बोवनी चुकी है और इस बार भी सबसे ज्यादा सोयाबीन का रकबा की है। कुछ लोगों ने जरूर मक्का, मूंग, उड़द, तुवर व तील की फसल बोई है।


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