माही की गूंज, भामल।
ग्राम भामल में बाजना मार्ग से थोड़ा आगे सिंचाई के लिए जाने वाले तार जमीन से केवल दो फिट ऊपर तक ही लटक रहे है। इस बारे में पहले भी कई बार ग्राम पंचायत व ग्रामीणों ने विद्युत वितरण केंद्र खवासा के जूनियर इंजीनियर को मौखिक एवं लिखित में भी अवगत करवाया गया था। जूनियर इंजीनियर की हट धर्मिता व विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण बीते दिन एक गरीब किसान की दो भैंसे मौके पर तड़प-तड़प कर मर गई। वडलीपाड़ा के किसान दुल्ला नानजी डिंडोर ने बताया कि, मेरी दोनों भैंसे दूध देती थी एवं अभी गर्मी में कहीं फसल नहीं है तो इनको चराने के लिए मैं खेत तरफ लाया था। लेकिन मुझे क्या पता कि, भामल तरफ तार इतने जमीन से नजदीक है कि मेरी भैंसों की मौत हो जाएगी। विद्युत विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण मेरी दोनों भैंसे मौत के गाल में समा गई। आखिर इसका जिम्मेदार कौन है...?
वही किसान लाल सिंह सोलंकी, कमल सोलंकी, जोरावर सोलंकी, भारत खेर आदि ने बताया कि, काफी समय से तार जमीन के नजदीक झुके हुए हैं लेकिन फिर भी विभागीय अधिकारियों ने कोई ध्यान ही नहीं दिया। कितनी बार इनको अवगत करवाया लेकिन जूनियर इंजीनियर की लापरवाही के कारण दो भैंस की मौत हो गई।
वहीं मामले में मुकेश परमार जेई खवासा का कहना है कि, बारिश में तार को तो चेंज नहीं कर सकते थे फसले लगी हुई थी और बारिश में ट्रैक्टर जा नहीं सकता था इसलिए वह खंबे नहीं लगा पाए। अभी गर्मी में वहां खंभे लगाए जाएंगे। रही बात भैंसों की मौत की तो उनका जो भी मुआवजा होगा विभाग की तरफ से दिया जाएगा।
ममता बहादुर सिंह चरपौटा सरपंच ग्राम पंचायत भामल ने बताया कि, दो भैंसों की मौत हो गई है। एक गरीब किसान के के माथे पर चिंता की लकीरें हैं लेकिन विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण दो भैसों की मौत हो गई। विद्युत विभाग के अधिकारियों को जल्द से जल्द इन तारों को ऊपर करके सही करना चाहिए ताकि आने वाले दिनों में और किसी जानवर की मौत न हो।