माही की गूंज, बामनिया।
विकासखंड पेटलावद के ग्राम बामनिया के निकट ग्राम छायन पश्चिम की रहने वाली कुमारी सोनू पिता नीलेश मुनिया का नीट में चयन होकर, मध्य प्रदेश के प्रतिष्ठित संस्थान "शासकीय बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज सागर" में प्रवेश होने पर माता-पिता एवं अंचल के सामाजिक संगठनों में हर्ष व्याप्त है। कुमारी सोनू की पारिवारिक पृष्ठभूमि ठेठ ग्रामीण व गरीब परिवार से है। बावजूद कुमारी सोनू मुनिया ने 'प्रतिभा किसी की मोहताज नही होती' कहावत को चरितार्थ करते हुए अपने लक्ष्य को हासिल कर, आदिवासी इलाके के विद्यार्थियों के लिए प्रेरणास्रोत बन कर इतिहास रच दिया। उल्लेखनीय है कि, कुमारी सोनू मुनिया ब्लॉक की एक मात्र संस्था वर्तमान में सीएम राइज स्कूल पेटलावद से कक्षा 11 वी में अध्ययन करने के बाद मध्य प्रदेश के गरीब छात्र-छात्राओं के लिए बड़े शहरों में नीट, जेईई, सीलेट जैसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए संचालित आकांक्षा योजना अंतर्गत चयनित होकर हायर सेकंडरी परीक्षा 12 वी राजधानी भोपाल से पास करने के बाद, रतलाम से अभ्यास केरियर इंस्टीटूट से नीट की प्रतियोगी परीक्षा में चयनित हुई।
कुमारी सोनू के पिता नीलेश मुणिया ने मजदूरी व किसान करते हुए अपनी पुत्री को शिक्षा के क्षेत्र में पहुंचने के लिए यथासंभव सहयोग किया व पुत्री कुमारी सोनू ने भी पिता को उनकी मेहनत, सहयोग का प्रतिफल प्रदान करते हुए आवश्यक संसाधनों के अभाव में संघर्ष कर अभ्यास कोचिंग क्लासेस रतलाम से कोचिंग प्राप्त कर राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा नीट को क्वालीफाई किया। कुमारी सोनू को समय-समय पर मार्गदर्शन व आर्थिक मदद करने के साथ-साथ मेडिकल कॉलेज तक दाखिला दिलाने तक एकलव्य निःशुल्क कोचिंग क्लास बामनिया की संचालिका श्रीमती ज्योतिबाला प्रितमसिंह मुणिया व संरक्षक कोदरसिंह मुणिया का विशेष योगदान रहा। कुमारी सोनू मुनिया पेटलावद तहसील के उस गांव की रहने वाली जहां भगवान बिरसा मुंडा की जिले की पहली प्रतिमा समाजजनों ने स्थापित की है। कुमारी सोनू मुनिया ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और गुरुजनों को दिया है साथ ही बताया कि वह आगे चलकर चिकित्सा के क्षेत्र में समाज सेवा करना चाहती है। कुमारी सोनू मुनिया की इस उपलब्धि पर गाँव के सरपंच हरिसिंह डामर, उपसरपंच तेजपाल सिंह राठौर, सचिव मानसिंह गामड़, समस्त पंच, ग्रामवासी, सामाजिक संगठनों, शिक्षकों व मुणिया परिवार आदि ने बधाई प्रेषित की।