मामलाः प्रधानमंत्री आवास का, अधिकारी जाँच रिपोर्ट की प्रति तक नही दे रहे
माही की गूंज, पेटलावद।
विकास खण्ड की ग्राम पंचायत करडावद में प्रधानमंत्री आवास में भ्रष्ट्राचार का बड़ा सामने आया था। जब ग्राम करडावद के गोपाल आंजना ने जन सुनवाई में आवास की राशि मे हितग्राही द्वारा बिना किसी निर्माण के ग्राम पंचायत से मिलीभगत कर निर्माण के फर्जी फ़ोटो (अन्य जगह के निर्माण के) अपलोड कर राशि का भुगतान हितग्राही के खाते में कर दिया गया। मामला सामने आने के बाद गूंज ने इस मामले को पर प्रमुखता से उठाया था। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भ्रष्ट्राचार मुक्त भारत की बात करते है और भ्रष्ट उन्ही की महत्त्वकाशी योजना में भ्रष्ट्राचार से नही चूक रहे, मामला सामने आने के बाद उम्मीद थी जिम्मेदार अधिकारी इस विषय मे बड़ी कार्यवाही करेगे लेकिन शिकायत के लगभग एक माह बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई होने की जानकारी नही मिली।
शिकायतकर्ता को जांच रिपोर्ट देने में आनाकानी, अधिकारी कर रहे टालमटोल
शिकायतकर्ता गोपाल आंजना शिकायत के बाद लगातार अधिकारीयो से संपर्क कर ये जाने की कोशिश कर रहा है कि, आखिर उसकी शिकायत के बाद अधिकारीयो ने जांच में क्या पाया। लेकिन अब तक अधिकारीयो की ओर से कोई लिखित दस्तावेज नही दिया गया। शिकायतकर्ता गोपाल आंजना ने बताया कि, शिकायत के बाद जांच के लिए जनपद से कर्मचारी आई जो जांच की जगह मामले को निपटाने ओर समझौता करवाने का दबाव डालते रहे और जांच के नाम दूसरे-तीसरे मकान को देखकर निर्माण होना बताने की कोशिश करते रहे। जांच के बाद एसडीएम और जनपद सीईओ से जांच प्रतिवेदन की प्रमाणिक प्रति मांगने पर सीईओ ने जांच रिपोर्ट की कॉपी देने से मना करते हुए सिर्फ पढ़वाने की बाद कही। मंगलवार को हुई जनसुनवाई में शिकायत के निराकरण की जानकारी लेने शिकायतकर्ता एसडीएम के समक्ष उपस्थित हुआ तब कही जाकर 7 दिन बाद सोमवार को जांच रिपोर्ट की प्रति देने का आश्वासन दिया गया।
वसुली के नाम पर गुमराह, आखिर कार्रवाई कब
जांच और चर्चा के दौरान अधिकारीयो और जांच पर आए कर्मचारियों ने भ्रष्ट्राचार की पुष्टि मौखिक रूप से की। फर्जीवाड़े के बाद जनपद पेटलावद में वसुली के नाम पर गुमराह करने का खेल चल रहा है और भ्रष्टाचारियो को कानूनी कार्रवाई से बचाया जा रहा है। गोपाल आंजना ने बताया कि, अधिकारी जांच के नाम पर गुमराह कर रहे है लेकिन में मामले को लेकर कानूनी कार्यवाही करना चाहता हु, जिसके लिए मुझे न्यायालय की शरण मे जाना है और वहां जांच के दस्तावेजो की आवश्यकता है जो अधिकारी दे नही रहे है। हितग्राही ने ग्राम पंचायत के साथ मिलकर फर्जी फ़ोटो भुगतान साइड पर अपलोड कर राशि आहरण कर आपस मे बाट ली। जिसके पूरे प्रमाण मौके पर है और जांच पर आए अधिकारी उसे देख चुके है। शिकायतकर्ता ने कहा है कि, यदि इस शिकायत में जिम्मेदारो की ओर से न्याय नही मिलता है तो वो उच्च अधिकारीयो एवं न्यायालय तक भी जाएंगे।
गूंज में प्रमुखता से प्रकाशित हुई खबर।
डेढ़ लाख के भुगतान के हितग्राही का आवास जस की तस।