
नीट परीक्षा में लहराया परचम, डॉक्टर बनकर ग्रामीण क्षेत्रो में सेवाएं देना चाहता है भरत गरवाल
माही की गूंज, पेटलावद।
कहते हैं अगर सपने बड़े हो तो उनको साकार करने का जज्बा भी आ जाता है, परिस्थितिया भले विपरीत क्यो न हो मेहनत का फल मिलता ही मिलता है। शिक्षा को लेकर जागरूक नई पीढ़ी अब ग्रामीण क्षेत्रो से बड़े आयाम छू रही है जहां कही बड़े बड़े शहरों की रंगत होती थी आज वहां ग्रामीण इलाकों से भी नाम जुड़ रहे हैं। पेटलावद विकास खण्ड के एक छोटे से गांव कसारवाडी के छात्र भरत पिता शंभू गरवाल जिसने नीट की परीक्षा पास कर अपने उज्ज्वल भविष्य के सपने को साकार करने की और यात्रा शुरू की है। भरत गरवाल बचपन से ही पढ़ने में होशियार और मेहनती है उन्होंने हाल ही में राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा नीट को क्वालीफाई किया है। भरत पहले भी तहसील का नाम गौरवान्वित किया है 10 वी में जिले में प्रथम स्थान पर रहे हैं। भरत के पिता शंभू गरवाल व्यवसाय से कृषक है और उनके घर की आर्थिक स्थिति ठीक ना होने के बावजूद भी भरत ने बड़ी ही लगन और मेहनत से इस परीक्षा को उत्तीर्ण किया है भारत की प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षा गांव के ही शासकीय विद्यालय में पूर्ण हुई है और हायर सेकेंडरी उन्होंने मॉडल स्कूल पेटलावद से पूर्ण की है और जिसके बाद वे नीट जैसी राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा की तैयारी के लिए लग गए और उन्होंने बिना किसी कोचिंग की सहायता के इस परीक्षा को उत्तीर्ण किया। भरत का सपना है कि वह झाबुआ, अलीराजपुर जैसे कम साक्षरता वाले जिलों में डॉक्टर बन कर रोगियों का ईलाज कर के अपनी सेवाएं दे और वहां पर लोगों को जागरूक करें।