सिविल हॉस्पिटल के डॉक्टर लिख रहे बहार मेडिकल से दवाई, सीएम हेल्पलाइन पर हुई शिकायत
जिला टीकाकरण अधिकारी को बना दिया बीएमओ, बिगड़ रही व्यवस्था
माही की गूंज, पेटलावद।
सरकार ने करोड़ो की लागत से क्षेत्र में सिविल हॉस्पिटल की बड़ी सौगात दी मंशा थी ग्रामीण लोगो को अच्छी और फ्री स्वास्थ्य सुविधाये मोहिया होगी। लेकिन सरकार की मंशा के विपरीत सिविल हॉस्पिटल अनधिकृत रूप से निजी ठेके में चला गया ऐसा प्रतीत होता है। जिसके चलते यहाँ मरीज को सोने की जगह तो मिल जाती है। लेकिन सरकार द्वारा दी जाने वाली दवाएं भरी होने के बाद भी निजी मेडिकलो से खरीदने पर मजबूर होना पड़ता है। दूसरी ओर हॉस्पिटल के स्टाफ में एक ऐसा सिंडिकेट भी काम कर रहा है जो मरीज़ों को इलाज के लिए निजी हॉस्पिटल का रुख करवाने पर मजबूर कर देता है। सिविल हॉस्पिटल से निकलने वाली पर्ची ओर मरीज पर डॉक्टर और स्टाफ का कमीशन फिक्स होता है जो समय समय पर मिल जाता है। सुबह से लेकर दिन में तो ठीक देर रात ड्यूटी के नाम पर डॉक्टर हॉस्पिटल से गायब हो जाते है जिससे भटकता मरीज का परिजन डॉक्टर का इंतजार करने की बजाए निजी हॉस्पिटल या क्लिनिक की ओर रुख कर लेता है।
मामला पेटलावद सिविल हॉस्पिटल का जहा बच्चे इलाज के लिए पहले तो रात में डॉक्टर के लिए परेशान होना पड़ा। जैसे तैसे डॉक्टर आया तो मरीज को मिलने वाली दवाई, बॉटल के लिए देर रात में परेशान होना पड़ा। 06 मार्च की रात लगभग 11.30 बजे ग्राम झोसर निवासी अमरसिंह बीमार पुत्री संजना को लेकर इलाज के लिए सिविल हॉस्पिटल में पहुँचे थे लेकिन रात में कोई डॉक्टर हॉस्पिटल में मौजूद नही था। मरीज के पिता ने इस बात की सूचना बीएमओ राहुल गणावा को दी जिसके बाद लगभग आधे घण्टे बाद डॉक्टर प्रवीण रेवर आये और बच्ची का इलाज किया।
मरीज को देखने के बाद लिखी दवाई ओर बोतल बहार मेडिकल से खरीदने को कहा
बीमार बालिका को देखने के बाद डॉक्टर प्रवीण रेवर ने स्लिप पर दवाई ओर बोतल लिख कर दी। जिस पर बच्ची के परिजन ने दवाई हॉस्पिटल में उपलब्ध होने की बात कही तो डॉक्टर ने कहा कि, हम यहां से किसी को दवाई नही देते सबको बहार से ही लाने का बोलते हैं। चुकी बच्ची के परिजन को हॉस्पिटल से दवाई मिलने की जानकारी थी। इसलिए इसकी शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर की गई। जिसका शिकायत क्रमांक 212917777 मिला। शिकायत के बाद शिकायतकर्ता को बीएमओ द्वारा शिकायत बन्द करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। इतना नही डॉक्टर से गलती से हो गया बोल रहा दूसरे दिन हॉस्पिटल से फिर से दवाई मरीज के लिए दी गई। जबकि रात में दवाई नही होने के बात कही गई और अगले ही दिन दवाई हॉस्पिटल से दी गई।
जिला टीकाकरण अधिकारी को दिया बीएमओ का चार्ज व्यवस्था बिगड़ी
विगत दिनों सरकार ने ब्लाक मेडिकल अधिकारीयो में हेर फेर किया। पेटलावद विकास खण्ड में एम एल चोपड़ा को अलीराजपुर जिले के लिए ट्रांसफर कर जिले में जिला टीकाकरण अधिकारी राहुल गणावा को पेटलावद बीएमओ का अतिरिक्त प्रभार दे दिया। जो ज्यादातर समय जिले में व्यस्त होकर पूरे जिले के टीकाकरण विभाग को सभालते है। नए बीएमओ के आने के बाद से सिविल हॉस्पिटल की व्यवस्था ज्यादा बिगड़ गई जो हफ्ते में एक या दो बार ही ड्यूटी पर आते हैं।
इस विषय मे सीएचएमओ जयपाल ठाकुर ने बताया कि, हॉस्पिटल में लगभग दवाइयां उपलब्ध है और बीएमओ जिले में भी कार्य देखते हैं इसलिए परेशानी हो रही होगी।
क्या परिवार विशेष के कब्जे में चला गया सिविल हॉस्पिटल?
सिविल हॉस्पिटल में एक ही परिवार के चार डॉक्टर काम कर रहे हो जो वर्षो से पेटलावद में जमे हुए ओर खुद का निजी हॉस्पिटल संचालित कर रहे हैं। बताया जा रहा है हॉस्पिटल से न केवल डॉक्टर ओपीडी से दवाई उपलब्ध करवाने की जगह मेडिकल से दवाई मंगवाई जाती है। उसी तरह कई बार मरीजों को इलाज के साथ साथ निजी हॉस्पिटल पर इलाज के लिए बोला जाता है। कई बार शिकायते होने के बाद भी कोई कार्यवाही नही होती है। ऐसा लगता है, हॉस्पिटल को सरकार या स्वास्थ्य विभाग नही कोई सिंडिकेट संचालित कर रहा है जो मेडिकल से लेकर इलाज के लिए निजी हॉस्पिटल और प्राइवेट मेडिकलो पर मरीज़ों को भेज रहा है।