अतुल्य भारत थीम पर आयोजित सांस्कृतिक उत्सव में भारत के विभिन्न प्रदेशों की समृद्ध कला संस्कृति का किया प्रर्दशन
माही की गूंज, पेटलावद।
संपर्क शाला के तत्वावधान में संस्था का वार्षिक उत्सव आयोजित किया गया। जिसमें शाला के बच्चों ने रंगारंग प्रस्तुतियों से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। अतुल्य भारत थीम पर आयोजित इस सांस्कृतिक उत्सव में भारत के विभिन्न प्रदेशों की समृद्ध कला संस्कृति के दर्शन हुए।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में अनुविभागीय अधिकारी अनिल राठौड़ ने कहा कि, शाला में महात्मा गांधी के सिद्धांतों के अनुरूप बच्चों को नई तालीम के संस्कार दिए जा रहे हैं जो सुखद हैं।
कार्यक्रम के विशेष अतिथि के रूप में तहसीलदार जगदीश वर्मा ने कहा कि, बुनियादी शाला के बच्चे बहुत होनहार है यहां उनकी प्रतिभाओं को निखारा जा रहा है।
कार्यक्रम के अध्यक्ष साईं श्री एकेडमी की प्रिंसिपल डॉक्टर श्वेता विनचुरकर ने कहा कि, ऐसे महोत्सव बच्चों में आत्मविश्वास पैदा करते हैं। इससे पूर्व अतिथियों ने मां सरस्वती एवं महात्मा गांधी के चित्र के समक्ष माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। तत्पश्चात अतिथियों का सूत की माला पहना कर स्वागत किया गया। इसके बाद बच्चों ने महाराष्ट्र की सांस्कृतिक विरासत के प्रतिनिधि प्रस्तुति गणपति वंदना का नृत्य प्रस्तुत किया। इसके बाद संस्था प्राचार्य श्रीमती प्रक्षाली देसाई कर्नाटक शास्त्री नृत्य कर्नाटक शैली का शास्त्री नृत्य प्रस्तुत करते हुए उपस्थित दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम में बच्चों ने एकांकी प्रसन्न कव्वाली तथा कई फिल्मी गीतों पर आकर्षक नृत्य प्रस्तुत किए। नाटक बुध की सीख में बच्चों ने महात्मा बुध आदर्श का चित्रण किया। इसी तरह भाइयों का बटवारा बिहली नाटक में बच्चों ने गांव की न्याय परंपरा का सुंदर चित्रण किया। एक अन्य नाटक में बच्चों ने सोशल मीडिया के दुरुपयोग के प्रभाव को रेखांकित किया। एक दूसरे नाटक बापू का मार्गदर्शन में बाल कलाकारों ने अहिंसा क्षमा करुणा प्रेम आदि मानवीय गुणों के महत्व को प्रतिपादित किया। बच्चों के भाव प्रणव अभिनय तथा सुंदर नृत्य कौशल की अतिथियों ने भूरी-भूरी प्रशंसा की।
अपने आशीर्वचन में क्षेत्र के वरिष्ठ व्यवसाय लायन पारस कोटडिया ने ने कहा कि, बच्चों की प्रतिभा निखारने में शाला के शिक्षकों ने बहुत मेहनत की है वह बधाई के पात्र हैं।
संपर्क संस्था के निदेशक निलेश देसाई ने अपने उद्बोधन में कहा कि, शाला पिछले कई वर्षों से गांधी और विनोबा के सिद्धांत पर बच्चों को संस्कार देने का काम कर रही है। इस अवसर पर अतिथियों ने संपर्क परिसर में संचालित सामुदायिक बीज बैंक वर्षा जल संग्रहण तथा जैविक कृषि के अभिनव प्रयासों को प्रत्यक्ष देखा। कार्यक्रम में निर्णायक की भूमिका में श्रीमती पूजा सोनी श्रीमती अंकिता चौहान तथा श्रीमती पूर्वा मंडलोई ने बच्चों की प्रतिभा का आकलन किया। कार्यक्रम का संचालन अश्विन राठौड़ ने किया। जबकि आभार प्रदर्शन चांदनी चौहान ने किया। कार्यक्रम में अनिल मेडा, बबलू सिंगाड, बलराम गामड़, गोविंद गामड एवं निशा पाटीदार का कार्य सराहनीय रहा।