लगातार मांग करने के बाद रात में पहुँचे माही के जिम्मेदार, आश्वासन मिला लेकिन पानी नही
माही की गूंज, पेटलावद।
क्षेत्र के किसानो को उन्नत बनाने के लिए माही परियोजना के माध्यम से नहर पहुचाई गई। लेकिन माही परियोजना के अधिकारियों और ठेकेदार की मिलीभगत और लापरवाही की भेंट चढ़ी उक्त परियोजना के कारण सैकड़ो किसान नहर के दायरे में आने के बाद भी वंचित रह गए। ठेकेदार द्वारा नहर निर्माण के लिए तैयार कुॅंए और लाइन के अव्यवस्थित कार्य के कारण क्षेत्र के किसानों की फसल लगभग खराब होने की स्थिति में पहुँच गई है। माही परियोजना प्रोजेक्ट सरकार ने करोड़ों रुपए खर्च किए, सरकार ने यह राशि इसलिए खर्च की कि, किसानों को भरपूर पानी मिले, किसानों की फसल अच्छी हो उत्पादन अधिक हो ताकि किसानों की आय दोगुनी हो। परंतु अधिकारी और ठेकेदार की मिलीभगत के कारण माही परियोजना का जो प्रोजेक्ट है, उसमें ग्राम खोरिया तहसील पेटलावद जिला झाबुआ माही परियोजना-6 का जो कुआं बना हुआ था, वह कुआं एक बार टेस्टिंग पानी में ही गिर चुका था। फिर ठेकेदार के द्वारा पुनः बनाया गया जिससे कार्य की गुणवत्ता पता चलती है कि, किस गुणवत्ता में काम किया गया है। दूसरा जो कुए बने हुए हैं उस कुएं के ऊपर केविन सेट लगाना, सरकार के प्रारूप में है परंतु माही परियोजना-6 में खेत के पास में दो पानी टैंक हैं दोनों कुए पर कोई केबिन सेट लगा हुआ नहीं है। तीसरा कुए से किसानों के खेत तक जो पाइप डाले हैं वह ठेकेदार के द्वारा लापरवाही पूर्वक डाले हैं। मात्र जमीन से 1 या 2 फीट अंदर डालने से टोटल पाइप, हाल से हकाई-जुताई में किसानों के खेत में ही निकल चुके है। किसानों से फील्ड में जाकर पता किया तो पता चला माही परियोजना का जो पाइप करोड़ों रुपए लगाकर किसानों के खेत तक डाले हैं, उसमें एक भी बार पानी नही आया। क्योंकि ठेकेदार ने भ्रष्टाचार करने हेतु स्टिमेंट से विपरित जाकर पाईप लाईन ऊपरी सतह पर ही डाल दिये जिसकी वजह से हकाई-जुताई में टोटल पाइप निकल चुके हैं तथा टूट चुके है।ं यहा देखा जा सकता है कि किस तरह से सरकार का करोड़ों का प्रोजेक्ट भ्रष्टाचार की भेंट चढा दिया़ गया।
ठेकेदार का गुणवत्ताविहीन कार्य
ठेकेदार ने किस निम्न स्तर या गुणवत्ता का कार्य किया है इसकी जानकारी मौका देख कर ही पता चलता है। किसानों को ठेकेदार की लापरवाही के कारण पानी नहीं मिला है इसकी जांच होनी चाहिए।
कृषक रामेश्वर राठौर ने बताया कि, ठेकेदार ओर विभाग की लापरवाही के कारण हमको पानी नही मिला इसलिए दोषियों के ऊपर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि किसानों का हक मारने का कोई ना सोचे। शिवराज मामा चाहते हैं कि, किसानों का भला हो पर कुछ लोग होते हैं की वह किसानों का भला नहीं अपना ही भला चाहते हैं। इस के चक्कर में किसान बेचारा परेशान होता रहता है। माही परियोजना के जिम्मेदार अधिकारी रात में मौका देखने पहुचे जरूर लेकिन किसानों के खेत तक पानी नही पहुँचा सके। बताया जा रहा है इस वर्ष ठेकेदार का टेंडर खत्म होने वाला है और भारी लापरवाही और घटिया निर्माण के बाद भी ठेकेदार का भुगतान कर दिया जाएगा। जबकि योजना और सरकार की मंशा ठेकेदार ने कोई कार्य नही किया है।
रात में क्षेत्र का दौरा करते अधिकारी।
पानी नही मिलने पर ग्राम पंचायत ने विभाग को लिखा पत्र।
इस प्रकार अब तक सूखे पड़े हैं ठेकेदार द्वारा बनाये गए कुप।