एकलव्य स्कूल के प्राचार्य की अजीबो-गरीब शर्त, कहा जब तक मैं प्राचार्य हु इस संस्था में आवेंदन नही करोगी ऐसा लिखित में दो
पूर्व में भी राज्यपाल के दौरे पर सुर्खियों में आ चुका है एकलव्य शिक्षा परिसर, आज भी नियम विरुद्ध हो रहा काम
माही की गूंज, पेटलावद।
विकास खण्ड का एकलव्य शिक्षा परिसर, एक बार फिर सुर्खियों में आया है। यहा एक अतिथि शिक्षिका ने प्राचार्य की प्रताड़ना से परेशान होकर नोकरी से इस्तीफा देने पर मजबूर होना पड़ा। इस दौरान प्राचार्य और शिक्षिका के बीच रिकॉर्डिंग भी सामने आई। जिसमे प्राचार्य ओमकारसिंह मैड़ा, अतिथि शिक्षिका से इस्तीफा लेते समय एक शर्त लिखवाते सुनाई दे रहे। जिसमे प्राचार्य ने अतिथि शिक्षिका से कहा कि, वो जब तक इस संस्था में दोबारा नोकरी के लिए आवेंदन नही करेगी जब तक वो इस संस्था में प्राचार्य है। बातचीत के दौरान अतिथि शिक्षिका रोती-बिलखती रही पर प्राचार्य ने एक नही सुनी। प्राचार्य संस्था के काम करवाने के लिए क्रिसमस की छुट्टीयो में भी मेडम पर संस्था में आने का दबाब बना रहे थे। मेडम की माने तो प्राचार्य छुटियो के दौरान बिना टाइम के फोन कर परेशान कर काम करने का दबाव बना रहे थे। जिससे परेशान होकर मेडम को प्राचार्य का नम्बर ब्लैकलिस्ट तक करना पड़ा। बाद में नियम के विरुद्ध जाकर छुट्टियों का वेतन काटा गया, जबकि शासन के ऐसे कोई निर्देश नही है। बातचीत में ये भी सामने आया कि, प्राचार्य अतिथि शिक्षिका को नोकरी पर लगाने के लिए बार-बार उन पर एहसान जताने की बात करते थे, जिससे महिला शिक्षिका खुद को अपमानित महसूस कर रही थी। लगातार काम और वेतन काटने के दबाब के साथ अपमान होने से क्षुब्ध अतिथि शिक्षिका को आखिरकार नोकरी छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा।
स्कूल शिक्षा विभाग ने घोषित किया था, 25 से 31 दिसम्बर तक का अवकाश
मध्यप्रदेश शासन के स्कूल एवं शिक्षा विभाग द्वारा 24 दिसम्बर 2022 को प्रारित आदेश क्रमांक एफ 40-04/2019/20-2 के अनुसार स्कूल के समस्त शिक्षकों और बच्चों का अवकाश 25 दिसम्बर से 31 दिसम्बर तक घोषित किया था। जिसके दायरे में अतिथि शिक्षक भी आते हैं। बावजूद इसके प्राचार्य द्वारा छुट्टियों में महिला अतिथि शिक्षक पर काम का दबाव बनाया, जिसके लिए बाध्य करना नियम के विपरीत है। प्राचार्य और शिक्षिका के बीच की बातचीत की रिकॉर्डिंग है, उसमें प्राचार्य कहते हुए नजर आ रहे हैं कि, छुट्टियों के बाद भी उन्हें भी काम करना पड़ रहा है और हम भी काम कर रहे हैं। कम्प्यूटर शाखा महत्वपूर्ण है और जानकारी बनाने के लिए आना पड़ेगा। अतिथि शिक्षिका इस बात को लेकर प्राचार्य से छुट्टियों के बाद जानकारी बनाने की बात कह रही है। अतिथि शिक्षिका के अनुसार संस्था में छुट्टियों के दौरान 3 पुरुषों (प्रिसिपल,बाबू व आफिस अस्सिटेंट) और 3 चपरासी के स्कूल में होने पर एक अकेली महिला को शीतकालीन अवकाश में बुलाया गया था, जो मुझे मेरी सुरक्षा की दृष्टि से ठीक नही लगा, इसलिए मैंने जाना ठीक नही समझा। जबकि कम्प्यूटर शाखा में दो और भी लोग है, लेकिन सिर्फ मुझे ही बुलाया गया।
राज्यपाल के दौरे पर सुर्खियों में आया था एकलव्य परिसर
गत वर्ष प्रदेश के राज्यपाल माननीय मांगू भाई पटेल जिले के दौरे पर थे। इस दौरान राज्यपाल एकलव्य स्कूल पेटलावद पहुचे थे। कार्यक्रम के दौरान स्कूली छात्राओं ने छात्रावास की अव्यवस्था को सार्वजनिक रूप से राज्यपाल के सामने रखा था। जिसके बाद होस्टल अधिक्षका और वर्षो से पेटलावद में जमे बैठे विवादित प्राचार्य प्रसाद को हटाया गया था। पूरे मामले में जमकर राजनीति हुई, जिले के पूर्व कलेक्टर और शिक्षा अधिकारी पर भी गम्भीर आरोप लगे। लेकिन मामला परिसर तक सीमित रहा और प्राचार्य को हटाने और वही रखने के तीन अलग-अलग आदेश जारी हुए, जिससे प्रदेश के भ्रष्ट सिस्टम की बडी पोल खुल गई थी। हालांकि लोगो को उम्मीद थी कि, इस पूरे प्रकरण के बाद स्कूल की व्यवस्था सुधरेगी ओर बहुत कुछ सुधर जाएगा, लेकिन ऐसा कुछ नही हुआ। आज भी संस्था विवादित ओर भ्रष्टाचार में लिप्त है,ं जिसके मामले लगातार सोशल मीडिया और 181 की शिकायतो के माध्यम से बाहर आ रहे हैं।
फर्जी भर्ती सहित ज्यादातर शिक्षक नियम विरुद्ध लगे हुए है संस्था मे
एकलव्य शिक्षा परिसर में आज भी भ्रष्टाचार की गंगा बह रही है। संस्था में कार्यरत अधिकांश शिक्षक नियम के विरुद्ध इस संस्था में कार्य कर रहे है, जो नियम के अनुसार इस संस्था में काम करने के लिए पात्र नही है। ये ही नही परिसर के होस्टल में पदस्थ अधिक्षक भी यहां कार्य के लिए पात्र नही है। उल्टा एक अतिरिक्त शिक्षिका की भर्ती होस्टल अधिक्षका के साथ की गई। जो अपने आप मे भ्रष्टाचार का खुला सबूत है, क्योकि इस प्रकार की भर्ती का कोई प्रावधान नही है। दूसरी और अतिथि शिक्षकों को लेकर भी इस संस्था में बड़ा मामला सामने आया है जिसकी जांच की जाए तो पता चल जाएगा कि, किस तरह से विशेष लोगो को लाभ देने के लिए पात्र लोगो की अनदेखी कर उनको पीछे किया गया। ये सब हो रहा है शिक्षा विभाग के बड़े अधिकारी से लेकर प्राचार्य की मिलीभगत से जो खुद के भ्रष्टाचार उजागर न हो इसलिए ऐसी भर्ती कर रहे हैं, जो समय आने पर राजनीतिक रूप से लाभ दे सके।
अतिथि शिक्षकों के छुट्टियों का वेतन काटने का प्रावधान नही
मामूली वेतन पर कार्य कर रहे अतिथि शिक्षकों का वेतन काटने का कोई प्रावधान नही है। अतिथि शिक्षक को उसकी संस्था में 20 दिन से अधिक कार्य दिवस होने पर शासकीय छुट्टियों का वेतन नही काटने का प्रावधान है। लेकिन लगातार देखने मे आ रहा है कि, संस्था प्रमुख कार्य दिवस के अनुसार वेतन देने के नाम पर अतिथि शिक्षकों को प्रताड़ित करते हैं और उनके वेतन में स्वयं का हिस्सा खोज लेते हैं। सरकारी रिकॉर्ड के आकड़ो में ये सपष्ट है कि, अलग-अलग संस्थाओं में पदस्थ अतिथि शिक्षिकों को एक जैसे काम के बाद भी अलग-अलग वेतन दिया गया है, जो जांच का विषय है। अन्य संस्थाओं के मुकाबले एकलव्य परिसर में अतिथियों का वेतन अच्छा है, जिसके चलते जनप्रतिनिधियों की नजर यहां रहती है और अपने करीबी रिष्तेदारो को यहां जेम-तेम फिट कर देते हैं। जिसके बदले संस्था से जुड़े भ्रष्ट को संरक्षण रूपी रिश्वत परोसी जाती है,ं जिसके दम पर भ्रष्टाचार, फर्जीवाड़ा और हेराफेरी होती हैं। इस मामले के उजागर होने के बाद भी प्राचार्य पर कार्रवाई हो या भविष्य निर्माता, ऐसी संस्थाओं की स्थिति सुधरेगी ये कहा नही जा सकता। लेकिन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हो या प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान उनके भ्रष्टाचार मुक्त देश-प्रदेश के दावे केवल कागजी है। ये तय है, क्योंकि उनके ही शासन में प्रशासन और पार्टी के लोग, गले-गले तक लिप्त होकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं।
प्राचार्य द्वारा प्रताड़ित अतिथि शिक्षिका द्वारा प्रस्तुत इस्तीफा।
एकलव्य शिक्षा परिसर पेटलावद।
सुने प्रार्चय की मनमानी।