शासन पानी की समस्या को दूर करने करने का कर रहा प्रयास, ग्राम पंचायत में दुर्भर पेयजल
माही की गूंज, भामल।
पंचायत चुनाव हुए 6 माह बित चुके है, पंचायत चुनाव के बाद नए सरपंच-उपसरपंच ने अपना पदभार ग्रहण भी निर्वाचित हो गए है। लेकिन ग्राम पंचायत भामल में ग्रामीण पानी के लिए परेशान हो रहे हैं, तो जिस कार्य के लिए ग्रामीणों ने इस उम्मीद पर पंचायत सरपंच को जिताया था कि गांव की समस्या का समाधान होगा, गांव में साफ सफ़ाई पानी की समस्या का समय पर निदान होगा। लेकिन यहां तो सब उलट ही हो रहा है। भामल की जनता ने सरपंच के रूप में एक महिला सरपंच को चुना और पूर्ण बहुमत से सरपंच तो जीत गए लेकिन ग्राम पंचायत की अव्यवस्था का आलम यह है कि, उपसरपंच को खुद ग्राम पंचायत मे सरपंच व सचिव को एक लिखित शिकायत देकर नई आबादी मिडिल स्कूल की तरफ पानी नहीं आने की गुहार लगानी पड़ी। जिसका निराकरण अभी तक नहीं हो पाया।
उपसरपंच राजू डांगी ने जानकारी देते हुए बताया कि, मुझे नई आबादी के ग्रामीणों एवं मिडिल स्कूल के समीप जो आसपास के रहवासी है उन्होंने शिकायत की कि, हमारे मोहल्ले में नलों से पानी आए हुए करीब एक माह हो गया। जिसकी हमने कई बार ग्राम पंचायत को सूचना दी, लेकिन अब तक उसकी सुनवाई नहीं हो पाई। नई आबादी में हमेशा से ही पानी की समस्या विकराल रूप ले रही है लेकिन ग्राम पंचायत इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही थी तो मैंने एक लिखित शिकायत ग्राम पंचायत सरपंच व सचिव को दी। अगर इसके बाद भी निराकरण नहीं हो पाता है तो हम आगे भी इसकी शिकायत करेंगे। ग्राम पंचायत में चुनाव होने के बाद ग्रामीणों का आस थी की पानी की समस्या नहीं होगी लेकिन अभी से पानी की समस्या हो रही है तो आगे गर्मी मे क्या होगा यह विचारणीय प्रश्न है।
साफ सफ़ाई के अभाव में गन्दगी में रहने को मजबूर
स्वच्छ भारत अभियान के तहत ग्राम पंचायत भामल सामान्य आबादी निवास होने के कारण यहां सर्वे किया गया था, जिससे शासन के माध्यम से ग्राम पंचायत को एक कचरा संग्रहण शेट एवं उसके उपयोग के लिए कचरा वाहन भी शासन द्वारा दिया गया है। जिसमें अपशिष्ट पदार्थ उस कचरा संग्रहण शेट में लगाकर सूखा एवं गीला कचरा संग्रहित करके कचरा संग्रहण में जमा कर के खाद के उपयोग में लिया जाना था। लेकिन कचरा संग्रहण व कचरा वाहन एक स्थान पर पड़ा ही पड़े है जो कि अपनी अनुपयोगिता पर आंसू बहा रहा है।
नई पंचायत समिति गठित होने के बाद भी अब तक उसका कोई समस्या का समाधान नहीं हो पाया है जिसके कारण स्वच्छ भारत अभियान की भी धज्जियां उड़ती नजर आ रही है।
बता दे कि, ग्राम पंचायत भामल में नाली सफाई व साफ सफाई करने की व्यवस्था अभी तक नहीं हो पाई है। वहीं कारण कचरा वाहन चलाने वाला भी कर्मचारी नियुक्त नहीं हो पाया है। ग्रामीणों ने बताया कि, अगर कचरा वाहन दिया गया है तो इसका उपयोग होना चाहिए। गीला व सूखा कचरा है उसके अपशिष्ट पदार्थ से खाद बनाने की प्रोसिडिंग भी शुरू होनी चाहिए। लेकिन ग्राम पंचायत क्यों ध्यान नहीं दे रही है, यह सबसे बड़ा विचारणीय प्रश्न है। देश के प्रधानमंत्री स्वच्छ भारत अभियान के तहत करोड़ों रुपए फूंक रहे हैं।
रोजगार सहायक नहीं होने के कारण ग्रामीणों को होती है परेशानी
भामल ग्राम पंचायत में रोजगार सहायक नहीं होने के कारण पंचायत में होने वाले मनरेगा एवं ऑनलाइन संबंधित कार्य नहीं हो पा रहे है। ग्राम पंचायत भामल में पूर्व में गजेंद्र चरपोटा रोजगार सहायक पद पर पदस्थ थे। लेकिन उनकी अनियमित्ताओं के कारण शासन द्वारा सेवा समाप्त कर दी थी, तब से लेकर अब तक ग्राम पंचायत में रोजगार सहायक के पद पर किसी को भी पदस्थ नहीं किया गया।
ग्राम पंचायत भामल के सचिव लालचंद कटारा ने जानकारी देते हुए बताया कि, ग्राम पंचायत में अब तक रोजगार सहायक की भर्ती नहीं हो पाई है अभी चार्ज हमारे पास है। पूर्व मे पदस्थ रोजगार सहायक को अनियमित्ताओं के चलते निलंबित कर दिया गया था। शासन द्वारा जिसके बाद अभी तक रोजगार सहायक की नियुक्ति नहीं होने के बाद ऑनलाइन संबंधित जितने भी कार्य होते हैं व करने मे परेशानी हो रही है।
लेकिन अब नई पंचायत का गठन होने के बाद अब तक किसी रोजगार सहायक को शासन द्वारा पदस्थ नहीं किया गया है जिसके कारण ग्रामीणों को काफी परेशानी हो रही है। ग्रामीणों ने मांग की है कि, ग्राम पंचायत भामल में रोजगार सहायक को जल्द से जल्द नियुक्ति किया जाए।
उप सरपंच द्वारा दिया गया शिकायती आवेदन जिसमें बताई पानी की समस्या