
हाई व हाई सेकेंडरी के बच्चों को करवाई गई नकल तो पलायन पर गए बच्चों के स्थान पर फर्जी रूप से अन्य बच्चों से दिलाई जा रही परीक्षाए
माही की गूंज खवासा।
कोविड-19 संक्रमण के कारण गत 2 वर्षों तक सरकार ने बच्चों का मूल्यांकन नहीं किया और उन्हें कक्षोन्नत कर दिया गया। हालांकि सरकार का दावा था कि, भले ही कक्षाएं नहीं लगी हो लेकिन ऑनलाइन पढ़ाई जारी रखी गई और हमारा घर हमारा विद्यालय योजना अंतर्गत बच्चों को घर पर ही पाठ्य सामग्री दी गई और निरीक्षण तथा मूल्यांकन किया गया।
खैर, सरकार का यह दावा हकीकत में कितना कारगर साबित हुआ होगा यह तो अतीत की बात है लेकिन वर्तमान शिक्षण सत्र में कक्षाएं संचालित की गई थी इसलिए न केवल कक्षा नौ वीं से 12 वीं वरन कक्षा पहली से आठवीं तक के बच्चों की भी परीक्षा ली जा रही है।
कक्षा 10वीं व 12वीं परीक्षाएं संपन्न हो चुकी है लेकिन परीक्षा में परीक्षा नाम की कोई चीज नहीं हुई, मतलब जिले की सभी स्कूलों में भले ही केंद्राध्यक्ष अन्य संस्थाओं द्वारा भेजे गए थे लेकिन फिर भी लगभग सभी जगह पर वस्तुनिष्ठ प्रश्नों को हल करवाया गया, सभी केंद्राध्यक्षो को इसके लिए “ऑफ द रिकॉर्ड“ निर्देश ऊपर से दिए गए थे। परीक्षा के बाद बच्चे चौराहे पर तक चर्चा करते पाए गए कि उन्हें वस्तुनिष्ठ प्रश्न बतला दिए गए थे। रुक जाना नहीं, बेस्ट फाइव जैसी योजना के बावजूद शिक्षा का स्तर अच्छा दिखलाने के लिए महज आंकड़ों की बाजीगरी की जा रही है वास्तविक स्थिति कुछ और ही है।
ये तो हाई स्कूल और हाई सेकेंडरी की बात है जहां बच्चे उपस्थित तो हो रहे हैं और उन्हें परीक्षा में रिजल्ट सुधारने के नाम पर वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के उत्तर बतलाए जा रहे हैं। कक्षा पांचवी और आठवीं के बच्चों की स्थिति तो और ज्यादा खराब है वर्तमान में जिले में कामकाज न होने के कारण प्रत्येक गांवों में लोग कामकाज की तलाश में सूरत, कोटा, महाराष्ट्र और राजस्थान के शहरों में पलायन पर है। ऐसी स्थिति में माता-पिता के साथ शालाओं में पढ़ने वाले बच्चे भी पलायन पर जा रहे हैं। एक तरफ गांवो में बच्चे नहीं मिल रहे है, वही पांचवी और आठवीं की वार्षिक परीक्षा चल रही है, जिसे शासन ने मूल्यांकन नाम दिया है। अब शिक्षकों पर दबाव है कि शत-प्रतिशत बच्चे मूल्यांकन में शामिल हो... अब शिक्षक क्या करें....?
ऐसे में कई शालाओं में मूल्यांकन के नाम पर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है, और आंकड़ों की बाजीगरी दिखाई जा रही है इन्हीं आंकड़ों के बलबूते सरकार अपनी पीठ थपथपा लेगी लेकिन वास्तव में ये उस बच्चे के साथ अन्याय है जो मजदूरी करने के लिए अपने माता-पिता के साथ बाहर गया है और यहां उसके नाम पर फर्जी मूल्यांकन किया जा रहा है व मूल्यांकन के बाद वह अगले वर्ष अगली कक्षा में पहुंच जाएगा जबकि उसे कुछ आता ही नहीं है।
सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी सरकारी नुमाइंदो की होती है लेकिन शिक्षक देश के भविष्य का निर्माता है, अगर शिक्षक कुछ गलत करने को मजबूर होता है तो कहीं न कहीं शासन स्तर की नीतियां भी इसमें जिम्मेदार है।
क्या फर्जी आंकड़ों के आधार पर ही सरकार उच्च शिक्षा देने की बात कह कर थपथपाएगी अपनी पीठ
ये कैसी सरकार की शिक्षा व्यवस्था है कि, सिर्फ फर्जी मूल्यांकन व आंकड़ों के साथ शिक्षा के स्तर को बढ़ाने की बजाए अपनी घटिया नीचता दिखाकर शिक्षा को असल में गर्त में ले जाने का प्रयास किया जा रहा हैं। इतना ही नहीं जहां देश के भविष्य बच्चे को अनुपस्थित बच्चों के स्थान पर अन्य बच्चों से फर्जी रूप से परीक्षा दिलवाकर उसे अपराधी बनाकर झूठ, फरेब व चार सौ बीसी करने की तालीम दी जा रही है। तो वही देश के भविष्य के रचयिता शिक्षक अपने आंकड़ों को पूरा करने के लिए एक तरफ नकल करवा रहे हैं, तो दूसरी तरफ छोटे मासूम बच्चे को अपराधी बनाकर अपनी शिक्षकिय पद की गरिमा को कलंकित कर रहे है।
झाबुआ जिले के अंतिम छोर पर खवासा क्षेत्र की कुकड़ीपाड़ा संकुल क्षेत्र के तलावडा में एक ऐसा मामला सामने आया कि, स्थानीय प्रशासन के साथ सरकार तक की कारस्तानी सामने उजागर हो रही है। अन्य पत्रकार के साथ गूंज प्रतिनिधि को भी जानकारी मिली कि, ग्राम तलावड़ा की मिडिल स्कूल में आयोजित हो रही पांचवी और आठवीं की परीक्षा में जो बच्चे पलायन पर गए हैं उसमें कुछ अन्य छोटी कक्षा के बच्चों से फर्जी रूप से परीक्षा दिलाई जा रही है। मौके पर साथी पत्रकार के साथ गूंज प्रतिनिधि तलावड़ा स्कूल पहुंचे, तो यहां प्राथमिक शाला के विद्यार्थी तीन कक्षो में 119 कूल विद्यार्थी में से 61 विद्यार्थी परीक्षा दे रहे थे। वही आठवीं कक्षा में कुल 67 विद्यार्थियों में से 30 विद्यार्थी परीक्षा में उपस्थित थे। प्रधानाध्यापक के कक्ष के पास कक्ष क्रमांक 1 में प्राथमिक शाला मालासात, गढीफलिया व मोवडीपाड़ा फ़लिये के छात्र परीक्षा दे रहे थे। माही की गूंज प्रतिनिधि ने परीक्षा केंद्र पर केन्द्राध्यक्ष के साथ उपस्थित शिक्षकों को गूंज को मिली जानकारी से अवगत करवाया और परीक्षा कक्ष क्रमांक 1 में ही बच्चों से पूछताछ में मामला सामने आया कि, बबलू नगजी मोवडीपाड़ा स्कूल रोल नंबर 137596276 के स्थान पर फर्जी रूप से कक्षा चौथी का छात्र महेश कटारा परीक्षा देते पाया गया। इसी तरह दीपक पिता माना जाति माल मालासात स्कुल रोल नंबर 130627822 के स्थान पर कक्षा चौथी का छात्र ज्ञानू पिता रूपसिंह माल। आशु मालासात स्कूल की छात्रा रोल नंबर 130376655 के स्थान पर फर्जी मोनिका पिता हुकला कक्षा चौथी की छात्रा। अज्जू पिता धनसिंह गढ़ी फ़लिया स्कूल रोल नंबर 140160675 के स्थान पर उसका ही छोटा भाई कक्षा चौथी का छात्र अजय व एत्री शंबुडा मोवड़ीपाडा स्कूल की छात्रा रोल नंबर 137232431 के स्थान पर फर्जी रूप से कक्षा चौथी का छात्र सेवा प्रभु परीक्षा कक्ष में परीक्षा देते पाया गए। जिनसे पूछने पर सभी फर्जी रूप से 5 बच्चे परीक्षा दे रहे थे ने माही की गूंज प्रतिनिधि को बताया कि, उन्हें परीक्षा दिलाने के लिए संस्था के प्रभारी शिक्षक लेकर आए थे। जिसमें मोवडीपाड़ा का प्रभारी शिक्षक रामलाल मैंडा, मालासात शाला प्रभारी प्रभु डामर व गढी फलिया प्रभारी बाबू कटारा लेकर आए थे।
वहीं उक्त केंद्र पर सादेड़ा, तलावड़ा व केसरपुरा प्राथमिक शाला के छात्र भी परीक्षा दे रहे थे। जहां सादेड़ा प्राथमिक शाला प्रभारी मनीष भट्ट और तलावड़ा शाला प्रभारी व सहायक केंद्राध्यक्ष कैलाशचंद्र कहार भी ड्यूटी पर उपस्थित थे। साथ ही प्रधानाध्यापक सुरेंद्रसिंह मैड़ा व केंद्राध्यक्ष जवरसिंह कटारा जिनकी करीब 20 दिन बाद रिटायरमेंट होना है, परंतु यह सारा फर्जीवाड़ा खेल इनकी उपस्थिती में ही हुआ।
मामले में थांदला बीईओ प्रेमनारायण अहिरवार की बात माही की गूंज प्रतिनिधि से हुई तो, उन्होंने फोन पर बताया, मैं क्षेत्र में ही सभी परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण कर रहा हु , थोड़ी देर में तलवाड़ा पहुंचता हूं। बीईओ अहिरवार के साथ थांदला बीआरसी अंतरसिंह रावत व चंद्रप्रकाश त्रिपाठी परीक्षा केंद्र मिडिल स्कूल तलावड़ा पहुंचे और फर्जी यानी अन्य चौथी कक्षा के छात्रों से पांचवीं कक्षा के अनुपस्थित बच्चों की परीक्षा देते पाए जाने पर पांचो परीक्षा कॉपी जप्त कर थांदला बीईओ कार्यालय ले जाया गया। फिलहाल बताया जा रहा है बीईओ कार्यालय से संबंधित शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है और कार्यालय में चर्चा चलती रही की, माही की गूंज में क्या-क्या खुलासा गुरुवार को होता है उसके बाद ही वरिष्ठ कार्यालय को सूचना के साथ मामले में पुख्ता कार्रवाई की जाएगी। अब देखना यह है कि, प्रेमनारायण अपनी ड्यूटी किस प्रेम की ओर जाकर करते है...?
एक तरफ सरकार द्वारा शत-प्रतिशत उपस्थिति का दबाव बनाया जा रहा है वहीं दूसरी तरफ पलायन का मुद्दा सरकार की नजरों में नहीं है। आजादी के बाद से हुए सभी चुनावों में पलायन का मुद्दा रहा लेकिन आश्चर्य की बात यह है की पलायन कम नहीं हो रहा है बल्कि तेजी से बढ़ रहा हैं। सरकार को चाहिए कि इस पर भी गंभीरता से विचार करें और शिक्षा को आंकड़े का खेल न बनाएं शिक्षा को शिक्षा ही रहने दिया जाए।
निरंतर...
शिक्षको द्वारा अपने आकडे पुर्ति के लिए इन 4 थी कक्षा के बच्चो से अपराध करवा कर 5 वी कक्षा का प्रश्न पत्र करवाया हल
कक्ष क्रंमाक 1 में जहा 5 विद्यार्थी कक्षा 4थी के 5 वी कक्षा का प्रश्न पत्र कर रहे थे हल
परिक्षा केन्द्र पर पहुचे बीईओ अहिरवार