माही की गूंज, खवासा
ग्राम खवासा एवं भामल स्थित अशासकीय विद्यालयों के संचालक/प्राचार्य सुश्री सिस्टर टेसिया, राजेश व्यास, अरविन्द बैरागी, राकेश बैरागी, संजय पाढ़ी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि, कोविड-19 के कारण समस्त अशासकीय विद्यालय विगत 8 माह से बंद है, तथा शासन के निर्देशानुसार केवल कक्षा 9 से 12 का संचालन आंशिक रूप से किया जा रहा है। कक्षा 1 से 8 की कक्षाओं का संचालन नहीं होने से विद्यार्थियों का शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा था अतः माह जुलाई, अगस्त से सभी संस्थाओं द्वारा आर्थिक समस्याओं के बावजूद क्षैत्र की परिस्थितियों एवं उपलब्ध संसाधनों का उपयोग कर आनलाइन/आफलाइन वैकल्पिक माध्यम से अध्ययन प्रारंभ किया गया था । शुरुआत में अधिकांश अभिभावकों ने इस प्रक्रिया में रूचि ली गई किंतु बाद में जनरल प्रमोशन की अफवाहों एवं अपेक्षा के साथ अभिभावकों ने इस प्रक्रिया से किनारा कर लिया।
वर्तमान में शिक्षा विभाग एवं राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा जारी विभिन्न आदेशों से यह स्थिति स्पष्ट हो गई है कि, कक्षा 1 से 8 में किसी भी विधार्थी को बिना मूल्यांकन के कक्षोन्नत नहीं किया जायेगा एवं ओपन बुक पद्धति से घर पर रहकर विद्यालय द्वारा दिए गए प्रोजेक्ट कार्य एवं असाइनमेंट को पूरा कर विद्यालय में जमा किया जायेगा एवं इसी आधार पर मूल्यांकन कर कक्षोन्नति दी जावेगी। अतः सभी संस्थाओं के संचालकों द्वारा छात्रहित में संयुक्त अपील की जा रही है कि, वर्तमान में जो भी अभिभावक विद्यालय के सम्पर्क में नहीं है वे विद्यालय से असाइनमेंट प्राप्त करें, मूल्यांकन में सम्मिलित नहीं होने पर समस्त जवाबदेही अभिभावकों की होगी।
कोविड-19 के कारण 2019-20 की परीक्षा अपूर्ण रह जाने के कारण अनेक विद्यार्थियों का गत वर्ष का शुल्क बाकी रह गया था, जो आज तक लंबित है साथ ही सत्र 2020-21 हेतु माननीय उच्च न्यायालय एवं शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेशों के परिप्रेक्ष्य में शिक्षण शुल्क लिया जाना है किन्तु अभिभावकों की समस्याओं के दृष्टिगत सभी संस्थाओं द्वारा व्यवहारिक दृष्टिकोण अपनाते हुए अपने स्तर पर शिक्षण शुल्क में भी छूट प्रदान की गई है। अतः समस्त अभिभावकों से इस सम्बन्ध में भी अपील की जा रही है कि, सत्र 2019-20 का बकाया शुल्क का भुगतान एवं सत्र 2020-21 के शिक्षण शुल्क की निर्धारित किश्त का भुगतान कर इस महामारी की परिस्थिति में विद्यालयों को सहयोग प्रदान करें ताकि संस्थाओं में कार्यरत अध्यापकों एवं सहयोगी स्टाफ के वेतन आदि का भुगतान किया जा सके।