बेतूल-अहमदाबाद नेशनल हाईवे एनएच 47 पर धूल के गुब्बार से होती परेशानी
माही की गूंज, झाबुआ।
बेतूल-अहमदाबाद नेशनल हाईवे एनएच 47 मार्ग पर झाबुआ के समीप करडावद फुलमाल मार्ग का कार्य जल्दी चालू करवाने को लेकर बेतूल-अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग 47 मछलिया घाट से पिटोल तक सड़क निर्माणकर्ता ने कंपनी की लापरवाही के कारण यहां पर रहने वाले आदिवासी समाज के लोगों का इस मार्ग से गुजरने वाले वाहन चालक यात्रियों व राहगीरों की जान का दुश्मन बनी हुई है। खासकर झाबुआ मुख्यालय के पास 5 किलोमीटर दूरी पर करडावद फुलमाल फाटक पर कंपनी द्वारा सड़क निर्माण कार्य शुरू किया था। यहां मिट्टी बिछाकर इस मार्ग को संकीर्ण कर दिया है। जिससे यहां आए दिन वाहनों का जाम लगता है। हर रोज दुर्घटनाग्रस्त होकर इस मार्ग पर गुजरने वाले अपनी जान गवा रहे हैं। वाहनों की लंबी कतार लगने से एंबुलेंस से जाने वाले मरीजों को ले जाने वाली एंबुलेंस 2 घंटे 3 घंटे जाम में फसी रहती हैं।
बड़े-बड़े वाहनों के साथ चार पहिया वाहन और दो पहिया वाहन चालक को भी परेशानी हो रही है और रोज झगड़े की स्थिति पैदा होती है। करीब 2 महीने पहले सड़क निर्माण कार्य कंपनी बंद करके चली गई है। रोज हजारों की संख्या में गुजरने वाले वाहन से धूल का गुबार उठता है। रोड के समीप रहने वाले लोगों का जीवन दुश्वार हो गया है। उड़ती धूल से खांसी श्वास दम जैसी जानलेवा बीमारी का शिकार हो रहे है। जाम में फंसने से एंबुलेंस में मरीजों की जान जा चुकी है। रोड के आस पास रहने वाले आदिवासी किसान भाई कीमती फसल कपास गेहूं चना व अन्य प्रकार की फसल बर्बाद हो रही है। उड़ती धूल से कपास खत्म हो गया है।
जयस जिलाध्यक्ष विजय डामर ने बताया कि, हम जिला प्रशासन से कहना चाहते हैं कि जनहित को पहली प्राथमिकता देते हुए रोड का निर्माण जल्द से जल्द चालू किया जाए। जयस जिलाध्यक्ष विजय डामोर का कहना है कि अगर 18 दिसंबर 2022 तक कार्य चालू नहीं किया गया तो हमें सर्व आदिवासी समाज जयस के बैनर तले उग्र आंदोलन चक्का जाम सहारा लेना पड़ेगा। इसकी शुरुआत 19 दिसंबर 2022 चक्का जाम करके की जाएगी। जिसकी संपूर्ण जानकारी जिला प्रशासन झाबुआ की रहेगी। ज्ञापन में उपस्थित जयस जिलाध्यक्ष झाबुआ विजय डामोर, जयस आईटी सेल प्रभारी अजय बामणिया, राहुल निनामा जयस ब्लॉक प्रभारी, गोलू वसुनिया, रवि भूरिया, निलेश हटीला, महेश सिंगार, लक्ष्मण बवेरिया, मुकेश गुड़िया, रमेश बबेरिया, अर्जुन निनामा, रमेश निनामा, दिलीप भूरिया, राजू बबेरिया एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे।