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6 जिलों की राजस्व सीमा से रहेंगे सभी बाहर, झाबुआ जिले में आखरी बार कब हुई जिलाबदर की कार्रवाई किसी को याद नही
झाबुआ जिले में जिला बदर के आरोपीयो की फाइल रेंगती रहती हैं एक से दूसरे आफिस
माही की गूंज, रतलाम/झाबुआ।
आपराधिक गतिविधियों में लिप्त 28 आरोपियों को लोक शांति तथा कानून व्यवस्था के दृष्टिगत कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ने जिला बदर कर दिया है। सभी आरोपी जिला बदर की कार्रवाई के दौरान 6 जिलों की राजस्व सीमा से बाहर रहेंगे। ये पहली बार नही जब रतलाम कलेक्टर ओर पुलिस अधीक्षक द्वारा जिले में लगातार अपराधो में लिप्त और जिले की फिजा बिगाड़ने वालो को जिला बदर किया हो। विगत डेढ़ से दो वर्ष में 100 के लगभग अपराधियों पर जिला बदर की कार्यवाही की जा चुकी हैं। जिला पुलिस कप्तान अभिषेक तिवारी के प्रतिवेदन पर कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी सूर्यवंशी द्वारा जिन आरोपियों को जिला बदर किया गया है उनमें पुलिस थाना सैलाना के ग्राम कोटडा के कालू पिता जालू मईडा, पुलिस थाना औद्योगिक क्षेत्र रतलाम का मंगल पिता देवीलाल जाट, पुलिस थाना ताल का बंटी पिता नाथु, पुलिस थाना जावरा का वसीम उर्फ पीपीप पिता शेरु उर्फ एहमद हुसैन, पुलिस थाना नामली का मोहन पिता सीताराम परिहार, पुलिस थाना आलोट का ज्ञानसिंह पिता रामसिंह डोडिया, पुलिस थाना सैलाना का जावेद पिता बिन्दु खां पठान, पुलिस थाना माणकचौक रतलाम का विरेन्द्र पिता बाबूलाल राठौर, पुलिस थाना जावरा शहर का संजय पिता जगदीश सोनी, पुलिस थाना जावरा शहर का राहुल पिता हरिसिंह यादव, औद्योगिक क्षेत्र रतलाम का गनी उर्फ गजेन्द्र पिता नाहरसिंह, पुलिस थाना विक्रमगढ आलोट का इरशाद उर्फ इरसाद पिता रुस्तम खां, पुलिस थाना जावरा का गब्बर पिता मासुक उर्फ माशुक कुरैशी, पुलिस थाना माणकचौक का लक्की उर्फ प्रकाश सोनावा पिता बाबूलाल सोनावा, पुलिस थाना जावरा का अल्फेज उर्फ अल्फेश पिता नजीम उर्फ नदीम खां, पुलिस थाना विक्रमगढ आलोट का संजू उर्फ संजय पिता जगदीश सोनी, पुलिस थाना रिंगनोद के ढोढर का विरेन्द्र पिता नागुसिंह चौहान, पुलिस थाना आलोट का शकील पिता हबीब खान, पुलिस थाना रावटी का सायसिंह पिता रायसिंह गामड, पुलिस थाना माणकचौक का अकबर पिता मोहम्मद सुल्तान घोसी, पुलिस थाना जावरा का महेन्द्रसिंह पिता विक्रमसिंह राजपूत, पुलिस थाना सैलाना का अकबर पितानूर मोहम्मद पठान, पुलिस थाना माणकचौक का गोलू उर्फ विक्की पिता नन्दकिशोर सोलंकी, पुलिस थाना आलोट का वसीम पिता रफीक, पुलिस थाना जावरा का नाहर पिता एहमद उर्फ बब्बु कुरैशी, पुलिस थाना औद्योगिक क्षेत्र जावरा का मनोज पिता मोतिया कंजर, पुलिस थाना सैलाना का गोविन्द पिता मांगीलाल कटारा तथा पुलिस थाना नामली का आशीष पिता कन्हैयालाल सोनावा शामिल हैं।
6 जिलों की राजस्व सीमा से रहेंगे सभी बाहर
सभी आरोपियों को 6-6 माह की अवधि के लिए जिला बदर किया गया है। जिला बदर अवधि में आरोपी रतलाम जिले की राजस्व सीमाओं सहित समीपवर्ती उज्जैन, आगर, धार, झाबुआ, मंदसौर जिले की राजस्व सीमाओं से बाहर रहेंगे।
झाबुआ जिले के एसपी-कलेक्टर निष्क्रिय
समीपस्थ जिले रतलाम में लगातार एसपी कलेक्टर आपराधियो पर लगाम कस रहे हैं। लगातार एसपी कलेक्टर बदल जाने के बाद भी जिलाबदर की कार्यवाही जारी है। लेकिन रतलाम की सीमा से लगे झाबुआ जिले में लगातार अवैध, शराब, जुवे, सट्टे सहित अन्य अपराध सामने आ रहै है लेकिन लम्बे समय से कोई बड़ी कार्यवाही देखने को नही मिली है।
सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगा रही है फाइलें, लेन-देन कर दबा दी जाती है
ऐसा नही की जिले में अपराधियों का आपराधिक रिकॉर्ड नही है। कई ऐसे अपराधी है जिनके अपराधीक रिकॉर्ड के आधार पर उनके विरुद्ध 110 की कार्यवाही समय समय पर की जा कर नोटिस जारी किये जाते है और उनसे जबाब तलब कर मामला वही के वही दबा दिया जाता है। कई मामलों में लेन-देन कर मामलों को दबाने की चर्चा होती रहती हैं। कही न कही पुलिस और प्रशासनिक मोनिटरिंग कमी के कारण जिला बदर के मामलों में कार्यवाही नही हो पाती। जिससे आपराधियो में पुलिस और प्रशासन का डर खत्म होता जा रहा है और वो बेखौफ होकर जिले अपराध कर सुरक्षित घूम रहे हैं। जिस जिले की पुलिस स्थानीय अपराधीयो पर पकड़ नही कर पा रहे आसपास के जिले से जिला बदर अपराधी भी जिले में आकर अपना ठिकाना बना कर रह रहे हो तो कोई बड़ी बात नही है।