ब्याज खोरी और लेने-देन के काले कारोबार में अब तक बन चुके है कई शिकार, घर छोड़ो, पैसा बचाओ या जान गवाओ
थाना प्रभारी, अधिकारीयो से निकले एक कदम आगे, बिना मामले के कर दिया खुलासा
माही की गूंज, पेटलावद।
बीते 8 से 10 वर्षो में युवाओं के दिलो दिमाग पर जल्दी पैसे कमाने और महँगे शोक पूरे करने के चक्कर मे गलत धंधे के फेर में पड़ गए, जुआ, सट्टा, नशाखोरी सहित कई ऐसे काम जो सामाजिक बुराई है वो अब युवा का स्टेट्स बनता जा रहा है। बढ़ते मोबाइल के उपयोग ओर उस पर तरह-तरह के ऑनलाइन खेल युवाओं को गुमराह कर बर्बाद कर रहे है। जिले में ऐसे कई मामले सामने आए है, खासकर पेटलावद तहसील में जहा इस कारोबार में फंसे युवा कर्ज में डूब कर घर छोड़ कर चले गए या फिर अपनी जान गवा बैठे। परिवारिक व्यस्तता के चक्कर मे घर का युवा बेटा क्या कर रहा है ये किसी को पता नही और सपनों की दुनिया मे ले जाने के लिए मोटी ब्याज दरों पर पैसा देने वाले अपनी किस्मत चमका रहे है।
चार दिन से गायब अशोक प्रजापति पुलिस को हुसैन टेकरी से मिला
शनिवार से गायब ग्राम मोहनकोट का अशोक प्रजापति पुलिस के लिए अबूझ पहेली बनता जा रहा था। उसके गायब होने के बाद से एक बार फिर अवैध रूप से चल रहे वीसी के कारोबार और ऊंची दरों पर लेने-देन ओर कर्ज की चर्चाओं ने जोर पकड़ा। रविवार शाम को रतलाम जिले के रावटी थाना क्षेत्र में माही नदी के किनारे अशोक प्रजापति की मोटरसाइकिल, बेग, कपड़े,मोबाइल के साथ एक धमकी भरा लेटर मिला, जिंसमे उसकी हत्या होने तक कि, बात कही गई थी और पैसे के लेन-देन का भी उल्लेख था। अशोक भी न केवल घर से बल्कि लेन-देन करने वाले कुछ लोगो से रतलाम पैसे लेने जाना बता कर घर से निकला था। तब से पुलिस अशोक की खोजबीन में लगी हुई थी और मंगलवार को अशोक हुसैन टेकरी जावरा में देखा गया। जिसकी सूचना मिलने पर रायपुरिया पुलिस मंगलवार रात में हुसैन टेकरी चौकी से अषोक प्रजापति को वापस लेकर लौटी।
दो दिन तक नदी की खोजती रही पुलिस, खुद ही लेटर ओर सामन छोड़ कर हुआ गायब
जिस प्रकार की परिस्थितिया निर्मित हुई पुलिस सहित कई लोगो को लग रहा था कि, लेन-देन के चक्कर या किसी और कारण से अशोक प्रजापति को ठिकाने लगा दिया गया। मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक अमन जैन भी मौके पर पहुँचे ओर माही नदी पर गोताखोरो की मदद से दो दिन तक खोजबीन कर परेशान होते रहे। इस दौरान मौके से पुलिस को मिले मोबाईल की काल डिटेल के आधार पर बामनिया, पेटलावद, रायपुरिया, मोहनकोट सहित कई जगहों के लोगो से पूछताछ के लिए थाने बुलाकर उनके बयान लिए भी लिए गए। ज्यादातर लोगों ने लेन-देन के सम्बध में खास कर वीसी में शामिल होने की बात कबूल की। मंगलवार रात मे थाने पर आने के बाद अशोक प्रजापति ने खुद कैमरे के समाने रतलाम उधार के पैसे लेने जाने की बात कबूली साथ ही बेग से बरामद लेटर भी खुद ही लिख कर छोड़ने की बात कबूल की।
अधिकारी करते रहे खुलासे की बाते, रायपुरिया थाना प्रभारी ने बिना पूछताछ निपटा दिया मामला
चार दिन की चाँदनी फिर अंधेरी रात है ये कहावत जग जाहिर है। पेटलावद थाना क्षेत्र में ऐसे मामले पहले भी समाने आ चुके है और लोगो को हर बार उम्मीद जगती है कि, पर्दे के पीछे चल रहे कई कारोबार बंद होंगे या फिर ब्याज के फेर में फंसे कई युवा इस चंगुल से बहार आएंगे पर ऐसा कुछ नही हुआ।
अशोक प्रजापति के मिलने के बाद जहा पुलिस अधिकारी एसडीओपी सोनु डावर पूछताछ कर खुलासा करने की बात कहती रही, वही दूसरी ओर थाना प्रभारी राजकुमार कुसमारिया ने मामले को केवल गुमशुदगी का बना कर बिना पूछताछ करे न केवल परिजनों को बल्कि मीडिया से भी बात करवाकर खुद भी मीडिया के सामने आ गए। जहा उच्च अधिकारियों के निर्देशानुसार कार्यवाही करने की बात तक नही की, साफ है पूरे मामले को रायपुरिया पुलिस द्वारा रफा-दफा कर गुमसुदगी तक सीमित किया गया। पुलिस महकमे की लापरवाही का आलम ये था कि, सोशल मीडिया पर अशोक प्रजापति और थाना प्रभारी के वीडियो आने तक भी एसडीओपी मामले में खुलासे की बात करती रही। पूरे मामले में रायपुरिया पुलिस की भूमिका की जांच होना चाहिये।
ऊंची दर पर वीसी और ब्याज पर लेन-देन का हुआ मामला उजागर
चार से पांच वर्ष पहले ठेलागाड़ी पर दुकान लगाकर किराए के मकान में रहने वाला अशोक प्रजापति आज तीन मंजिला मकान का मालिक, पूरे मामले में खुद गुमशुदा हुआ न केवल पुलिस को गुमराह करने, स्वयं की हत्या का झूठा षड्यंत्र रचने, शासकीय व्यवस्था का दुरपयोग करवाने का आरोपी बन। बल्कि मोबाइल डिटेल से लेने-देन और अवैध रूप से ऊंची दरो पर वीसी चलाने का गंभीर मामला भी सामने आया था। लेकिन रायपुरिया थाना प्रभारी ने लापरवाही करते हुए सारी चीजें शून्य कर दी, अब पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है कि, कोई भी पुलिस को कैसे भी और कही भी न केवल गुमराह कर सकता है बल्कि शासन द्वारा बिना लाइसेंस के अवैध घोषित ब्याज बट्टे का कारोबार भी कर सकता है। ऐसा पहली बार नही हुआ ऐसे बड़े मामले पुलिस के सामने आते रहे है, जो थाने पर ही आपसी समझौते निपट गए।
पूरे घटनाक्रम में अशोक प्रजापति द्वारा कारित कार्य के बाद उससे पेसे देने वाले उसे पैसा देकर भविष्य में उससे दूर रहने की सोचेंगे तो लेने वाले अपना पैसा भूल कर इस मामले में किसी गम्भीर अपराध में बचे समझ कर आगे बढ़ जाएंगे। दूसरी और वर्दी हर गली चोरहे पर दाग दार से और गंदी हो रही है ।
हुसैन टेकरी जावरा में इस हालत में मिला अशोक प्रजापति।
मीडिया, परिजनों के बीच पुलिस को गुमराह करने वाला थाना प्रभारी के सामने आराम से कुर्सी पर बैठ कर बात करता हुआ।
खुद का मानसिक संतुलन खराब बताने वाला अशोक प्रजापति कैमरे के सामने मीडिया को जानकारी देता हुआ।