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प्रांजल लोढ़ा ने की अर्ध मासक्षमण तप की आराधना
29, Jul 2022 2 years ago

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माही की गूंज, थांदला। 

        स्थानीय पौषध भवन पर विराजित संत मण्डल पूज्य श्री चन्द्रेशमुनिजी एवं पूज्य श्री सुयशमुनिजी तथा महासती पूज्या श्री निखिलशीलाजी म.सा. आदि ठाणा - 4 के पावन सानिध्य में आचार्य सम्राट पूज्य श्री आनन्दऋषिजी म. सा. की जन्म जयंती तप त्याग व उनके गुण स्मरण करते हुए मनाई। इस अवसर पर पूज्य श्री चन्द्रेशमुनिजी ने जय आनन्द आनन्द गाये जा - चरणों में शीश झुकाए जा प्रार्थना के साथ आचार्य श्री के गुणगान करते हुए कहा कि, जब उपादान तैयार होता है तो बाल वय में ही धर्म करणी के भाव बनते है व जीव संयम में प्रविष्ट होकर अपने विशिष्ट धर्म ज्ञान से सकल संघ का पथ प्रदर्शन भी करता है। यही गुण आचार्य श्री को महान बनाते है व अन्य को भी संयम की प्रेरणा देते है। उन्होनें कहा कि, काम भोग व विषयों में अरुचि से निर्वेग दशा मिलती है जो मोक्ष का शाश्वत सुख दिलाती है।

         इस अवसर पर पूज्य श्री सुयशमुनिजी ने कहा कि, जब तक आत्मा में संसार बसा हुआ है तब तक वह संसारी ही है लेकिन जब उसका मन इनसे विरक्त हो जाता है तो वह वैरागी बन जाता है और यही वैराग्य दशा जीव को मोक्ष दिलाती है। इस अवसर पर गुरुभगवंतों के आग्रह पर अनेक आराधकों ने तीन तीन सामयिक की। धर्मसभा का संचालन संघ सचिव प्रदीप गादिया ने किया वही श्रीमती प्रेमलता लोढ़ा परिवार ने प्रवचन प्रभावना का लाभ लिया।

प्रांजल लोढ़ा ने की 18 उपवास की कठोर साधना

        तप सम्बन्धी जानकारी देते हुए संघ प्रवक्ता पवन नाहर ने बताया कि, थांदला नगर में श्रीमती दीपा गौरव शाहजी व श्रीमती पिंकी इंदर रुनवाल क्रमशः 18 व 17 उपवास के साथ मासक्षमण की ओर बढ़ रही है। वही प्रांजल जिनेन्द्र लोढ़ा ने 18 उपवास, श्रीमती मधु माणकलाल लोढ़ा ने 11 उपवास व अंशुल रजनीकांत लोढ़ा ने 8 उपवास के दीर्घ तपस्या को विराम देते हुए पारणा कर लिया। इस अवसर पर तप की बोली लगाकर सभी तपस्वियों का संघ कि ओर से बहुमान किया गया। गुरु भगवंत के सानिध्य में सूरजमल श्रीमाल ने 11 उपवास, श्रीमती राखी नितेश व्होरा ने 10 उपवास, श्रीमती पूर्वा मयंक श्रीश्रीमाल ने 6 उपवास के साथ अन्य तपस्वियों ने तेला, उपवास, आयम्बिल, निवि, एकासन आदि विभिन्न तप के प्रत्याख्यान ग्रहण किये। अट्ठाई व इससे बड़ी तपस्या करने वालें तप आराधकों का श्रीसंघ के अलावा वीर माता चंद्रकांता रुनवाल, प्रकाशचंद्र घोड़ावत, स्व. कनकमलजी गादिया, सुन्दरलाल भंसाली, समरथमल शाहजी परिवार द्वारा भी बहुमान किया जा रहा है। वही पक्खी पर्व पर हुई तप आराधना का लाभ मोहनलाल माणकलाल लोढ़ा परिवार ने लिया। उक्त जानकारी युवा मीडिया प्रभारी समकित तलेरा ने दी।


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