जिला पंचायत की हार के बाद सोशल मीडिया पर छाया तीन तिगाड़ू काम बिगाड़ू का मैसेज
सोशल मीडिया पर ट्रोल हुए सांसद, जिलाध्यक्ष और जिला महामंत्री
बड़े-बड़े नेताओं की भरमार नही लगा पाई भाजपा की नैया पार, थांदला विधानसभा में भाजपा की होगी बड़ी सर्जरी
माही की गूंज, झाबुआ।
28 वर्षो के बाद भाजपा ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर कब्जा करने का बड़ा अवसर गवा दिया। चुनाव परिणाम के बाद जिले में जिला पंचायत सदस्यों में 6 भाजपा और 6 कांग्रेस सहित एक निर्दलीय एक जयस की थी। जिस प्रकार के परिणाम पूरे मध्यप्रदेश में भाजपा के लिए आ रहे थे। लग रहा था दो अन्य को भाजपा नेता साधने में सफल रहेगी और सरकार के बड़े मंत्री बदनावर क्षेत्र के विधायक राज्यवर्धन सिंह दत्तिगाव को प्रभारी बना कर किसी भी स्थिति में जिला पंचायत झाबुआ में अध्यक्ष भाजपा का बैठे इसकी पहल कर दी। विपक्षी खेमे में फूट ओर मंत्री दत्तिगाव की करीब रहै कुछ कांग्रेस के सदस्यों के भाजपा में जाने और भाजपा के पक्ष में वोट करने के माहोल के साथ भाजपा ने अपना आंकड़ा दो अन्य सहित दस पर पहुँचा दिया। जिले के भाजपा नेता पूरी तरह से आश्वस्त थे कि सांसद गुमानसिह डामोर, अजजा मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष कलसिंह भाभर और जिलाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह नायक इस बार जिला पंचायत झाबुआ में भाजपा का 28 वर्ष पुराना सूखा खत्म कर देंगे। लेकिन 29 जुलाई की सम्पन्न हुए चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा के रचे सारे चक्रव्यूह तोड़ कर दो अन्य को अपने पक्ष में कर जीत हासिल करने में सफलता प्राप्त कर भाजपा खेमे में भोपाल तक हलचल मचा दी।
तीन तिगाड़ू काम बिगाड़ू के मैसेज से भाजपा नेता हुए ट्रोल, उपाध्यक्ष की चाह और अध्यक्ष पद के नाम परिवर्तन ने डूबा दी भाजपा की नैया
जैसे ही जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के चुनाव परिणाम बहार आए भाजपा नेताओं में निराशा का माहौल बन गया और एक-एक कर कलेक्टर कार्यालय से खसक गए। बाद में कई कार्यकर्ताओ का गुस्सा सोशल मीडिया पर फूटा जिसमे भाजपा के उपाध्यक्ष पद की लालच, अध्यक्ष पद का नाम अचानक बदले जाने के कारण हार होना बताया गया। साथ ही सांसद गुमानसिह डामोर, भाजपा जिलाध्यक्ष लक्ष्मण नायक और जिला महामंत्री केपी राठौर (गंगाखेड़ी) को इस बड़ी हार का जिम्मेदार मानते हुए तीनो के फ़ोटो के साथ “तीन तिगाड़ू काम बिगाड़ू“ के मैसेज जमकर सोशल मीडिया पर वाइरल हुए ओर बुरी तरह से ट्रोल किए गए। जिला पंचायत में भाजपा के अध्यक्ष नही बैठ पाने का कारण इन तीनो को माना है।
बताया जा रहा है, रामा क्षेत्र से विजय अकमाल मालू ने भाजपा को समर्थन के लिए उपाध्यक्ष पद की मांग की थी, जिसको भाजपा के नेताओ ने नकार दिया। जिसका कारण जिला महामंत्री बताए जा रहे है जो पत्नी ललिता कुंवर को इस पद पर काबिज करना चाहते थे। वही शुरुआत से ही अनु अजमेर भूरिया के अध्यक्ष बनने की चर्चा थी और पार्टी की लगभग सहमति ओर तैयारियां भी उसी दिशा में आगे बढ़ रही थी, लेकिन अंतिम समय मे अनु अजमेर के स्थान पर गीता चौहान को आगे किया। जिसमे जिलाध्यक्ष नायक की भूमिका होना बताया जा रहा है।
निर्दलीय ओर जयस के सदस्य का अजमेर भूरिया की पत्नी के खड़े होने और दोनों में से एक को उपाध्यक्ष पद देने की स्थिति में जिला पंचायत 100 प्रतिशत जीत दर्ज कर सकती थी लेकिन आपसी फूट, पद का मोह भाजपा की बड़ी हार का कारण बना।
थांदला विधानसभा में मिली बड़ी हार, बड़े-बड़े नेताओं की मौजूदगी नही जीता पाए एक भी सदस्य
जिले में भाजपा का प्रदर्शन देखा जाए तो पेटलावद और झाबुआ विधानसभा ठिक रहा। भाजपा के जीते सभी 6 सदस्य इन दोनों विधानसभा क्षेत्र से ही जीते है लेकिन भाजपा की राजनीति का सेंटर थांदला विधानसभा जहा से खुद जिलाध्यक्ष लक्ष्मण नायक, अजजा मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष कलसिंह भाभर और प्रदेश मंत्री संगीता सोनी सहित बड़े-बड़े नेताओं की फ़ौज इस क्षेत्र में भाजपा का टोपला उठा कर घूम रहे है। लेकिन जिला पंचायत की एक अद्दत सीट भी नही जितवा सके। जिला पंचायत सदस्य क्रमांक 7 से लगाकर 11 तक कि सीटे थांदला विधानसभा में आती है जहाँ भाजपा का प्रदर्शन बेहत खराब रहा जो अंत में जाकर भाजपा की हार का बड़ा कारण बना।
बात करे थांदला विधानसभा से बड़ी फ़ौज जिसमे दिलीप कटारा सांसद प्रतिनिधि एवं पूर्व जनपद अध्यक्ष, जिला महामंत्री गौरव खंडेलवाल, जिला योजना समिति के पूर्व सदस्य विश्वास सोनी, बंटी डामोर अध्यक्ष नगर परिषद थांदला, मन्नू डामोर पूर्व मंडी अध्यक्ष एवं पुर्व जिला पंचायत सदस्य, भंसाली युवा मोर्चा जिला महामंत्री, संजय भाभर पूर्व युवा जिला महामंत्री, सुशीला भाभोर पूर्व जनपद अध्यक्ष, श्यामा ताहेड पूर्व जिला महामंत्री एवं पूर्व जिला पंचायत सदस्य, ज्योति नटवर बामनिया पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष मेघनगर, मुकेश मेहता पूर्व जिला अध्यक्ष ओबीसी मोर्चा, राजमल पडियार जिला उपाध्यक्ष, भूपेश भानपुरिया जिला मंत्री, आरती भानपुरिया पूर्व महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष, ओम शर्मा पूर्व जिलाध्यक्ष भाजपा सहित कई बड़े नाम और चेहरे सहित भाजपा की अलग-अलग मोर्चे की मण्डल सरंचना होने के बाद भी पूरी विधानसभा से एक सीट जिला पंचायत नही जीता सके, वो आने वाले चुनावों में चिंता का विषय है...!
सर्जरी की तैयारी...?
जिले भर के पंचायत, जनपद और जिला पंचायत के परिणाम देखे जाए तो कांग्रेस का वोट शेयर बड़ा है। जिन जनपदों में भाजपा काबिज़ हुई है उसका श्रेय भी सीधे भाजपा के हिस्से में नही है। क्योंकि जनपद अध्यक्ष बनने वाले ने स्वयं पूरा मैनेजमेन्ट कर जीत हासिल की है। पूरे चुनाव के दौरान बागियों सहित निर्दलीय लोगो को भाजपा का जिला संगठन साधने में नाकामयाब रहा। वही पेटलावद विधानसभा में जीती जिताई 14 नम्बर की सीट में भाजपा के खराब मैनेजमेंट के कारण 700 मतों के मामूली अंतराल हार का सामना करना पड़ा। लम्बे समय से भाजपा संगठन में उठा-पटक चल रही है, लेकिन परिवर्तन नही हुआ है। लेकिन पंचायत चुनाव में भाजपा के प्रदर्शन के बाद एक बार फिर भाजपा संगठन में बडी सर्जरी की सम्भवना है।