Saturday, 20 ,April 2024
RNI No. MPHIN/2018/76422
: mahikigunj@gmail.com
Contact Info

HeadLines

सम्मान समारोह का आयोजन हुआ आयोजन, बच्चों ने बढ़-चढ़कर लिया प्रतियोगिता में भाग | बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ तथा फिजुल खर्ची रोकने के उद्देश्य को लेकर सेन समाज के सामुहिक विवाह सम्मेलन का हुआ आयोजन | कलेक्टर की बड़ी कार्यवाही, जिले के 15 निजी स्कूलों पर 2-2 लाख रु. का जुर्माना अधिरोपित | बमनाला में दिलाई गई मतदान करने की शपथ | थांदला माटी के संत 108 श्रीपुण्यसागरजी महाराज 19 वर्षों बाद करेंगें थांदला में मंगल प्रवेश, संघजनों में अपार उत्साह | ईद-उल-फितर की नमाज में उठे सैकड़ों हाथ, देश में अमन चैन, एकता व खुशहाली की मांगी दुआएं | ईदगाह से नमाज अदा कर मनाया ईद उल फितर का त्योहार, दिनभर चला दावतों का दौर | आबकारी विभाग द्वारा अवैध मदिरा के विक्रय के विरुद्ध निरंतर कार्यवाही जारी | श्री सिद्धेश्वर रामायण मंडल ने किया गांव का नाम रोशन | नागरिक सहकारी बैंक झाबुआ के भ्रत्य को अर्पित की श्रद्धांजलि | चुनरी यात्रा का जगह-जगह हुआ स्वागत | रक्तदान कैंप का हुआ आयोजन | रुपए लेने वाले दो व्यक्तियों का मंदिर में प्रवेश प्रतिबंधित, पुलिस कॉन्स्टेबल निलंबित | बस में मिली 1 करोड़ 28 लाख रुपए की नगदी एवं 22 किलो 365 ग्राम चांदी की सिल्ली | मानवता फिर हुई शर्मसार | आई गणगौर सखी देवा झालरिया आस्था का पर्व | दोहरे हत्याकाण्ड का में फरार सभी 14 आरोपियो की संपत्ति कुर्की हेतु की जाएगी कार्यवाही | नवीन शिक्षण सत्र के प्रथम दिन विद्यार्थियों को तिलक लगाकर किया स्वागत | श्रीसंघ ने कान गुरुदेव के उपकारों का याद करते हुए दी श्रद्धांजलि | बड़े हर्ष के साथ मनाई शीतला सप्तमी |

शराब दुकान के पास अवैध मयखाने में हुआ विवाद
29, Apr 2022 1 year ago

image



मामला पहुंचा थाने, तो मामले में पुलिस दिखा रही अपनी कारस्तानी

अपराधी पुलिस की गिरफ्त में पर एफआईआर में नहीं, थाने पर बैठा आरोपी, वीडियो हुआ वायरल, पुलिस बता रही कुछ और

माही की गूंज, थांदला। मुकेश भट्ट के साथ संजय भटेवरा की रिपोर्ट

         झाबुआ जिले की पुलिस अपनी मनमानी का सिलसिला ऐसा जारी रख रही है कि मानों यहां सिर्फ पुलिस का ही राज हो, और एक के बाद एक अपनी मनमानी व कारस्तानी दिखाकर जिलेवासियों को हर बार अचंभित कर पुलिस की कार्यप्रणाली को धुमिल कर रही है। हाल ही में माही की गूंज ने यह तर्क खुलासा किया था कि पुलिस जिसे चाहे उसे अपराधी बना ले और पुलिस चाहे तो अपराधी को भी बेगुनाह बना दे और थांदला थाने के अंतर्गत ग्राम भामल की महिला से अपना उल्लू सीधा करने के लिए पुलिस ने स्वयं महिला उत्पीडऩ का रिपोर्ट आवेदन लिखवाकर दबाव के साथ महिला से हस्ताक्षर करवा लिए। और अपना उल्लू सीधा होने के बाद पुलिस ने मामला रफा-दफा कर दिया।

         मामले को प्रमुखता से माही की गूंज ने प्रकाशित भी किया और थांदला पुलिस ने इस बात को स्वीकार कर आगे से ऐसी घटना नहीं होने के लिए आश्वसत अपने आप में किया था। पर चोर चोरी से न जाए और पुलिस अपनी कारस्तानियों से। एक और मामला  थांदला थाने में गुरूवार को सामने आया। जिसमें पुलिस असल अपराधी को क्यों बचा रही है यह समझ से परे है।

         बामनिया, पेटलावद, चापानेर आदि गांव के एक मित्र मंडली थांदला शादी में गुरूवार को आए थे। पूरी मित्र मंडली में 10 से 12 लोग थांदला में पेटलावाद मार्ग स्थित देशी-विदेशी शराब दुकान के पास अवैध मयखाना (अहाता) में शराब पीने गए। शराब के नशे में धुत्त होने के बाद मित्र मंडली और ढाबा संचालक भरत उर्फ भोला पिता मणीराम ब्रजवासी के बीच न जाने ऐसा क्या हुआ कि आपस में तू-तू, मैं-मैं और नंगी-नंगी गालियों के साथ एक-दूसरे से मारपीट पर उतारू हो गए। जब शराबी मित्र मंडली हावी होती दिखी तो अवैध अहाता संचालक के सहयोगियों ने इसकी सूचना पुलिस थाना थांदला को दी। सूचना मिलते ही पुलिस विवाद स्थल पर पहुंची तो शराबी मित्र मंडी में से दो पुलिस के हत्थे चढ़ गए, बाकी रफुचक्कर हो गए। पुलिस ने मौके से दो आरोपियों के साथ एक स्कार्पियो जीप एमपी 45 बीबी 1843 भी जप्त की।

         थाने में मामला पहुंचने के बाद अहाता संचालक भरत ने अपने आपको अहाते का नौकर बताकर चार लोगों की नामजद रिपोर्ट के साथ बंटी मुणिया निवासी चापानेर, रोहित परमार निवासी बामनिया, बापू निनामा निवासी पेटलावद, अमन डोडियार निवासी पेटलावद के साथ अन्य 6-7 लोगों के विरूद्घ रिपोर्ट दर्ज करवाकर बताया कि शाम करीब 6 से साढ़े 6 बजे के बीच 10 से 12 लोग अहाते पर आए वो लोग अपने साथ शराब की बाटल लेकर आए थे और शराब पी। शराब पीते समय पानी, सिगरेट, खाने का चाखणा आदि लिया। जिसका 750 रुपये बिल था, जो बिना चुकाए एक-एक कर जाते दिखे। दो लोग बचे थे तो उनसे पैसे मांगने पर मा-बहन की नंगी-नंगी गालिया के साथ धमकी देते हुए थप्पड़ व मुक्कों से मारपीट करने लगे तथा फोन कर अन्य उनके साथियों को भी बुलाया और सभी ने उस पर हमला किया। उनमे से ही एक व्यक्ति सचिन सिंगाड़ ने मेरा बचाव करते हुए आरोपियों के नाम बताए। साथ ही अहाता स्टाफ ने भी उसे बचाया। यह रिपोर्ट में उल्लेख है।

         मामले में प्रथम बात यह कि एक अवैध अहाता संचालक के यहां विवाद होने पर पुलिस पहुंची और अहाता संचालक स्वयं अपने आपको नौकर बताकर पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाता है, लेकिन पुलिस अहाते का लायसेंस भी नहीं मांगती है। जबकि बिना लायसेंस के अहाता शराब ठेकेदार भी नहीं चला सकता। वहीं दूसरी बात यह कि पुलिस जिन दो व्यक्तियों को पकड़ कर आरोपी के रूप थाने ले गई उनका वीडियो भी वायरल हुआ। जिसमें जो आरोपी आगे बैठा है जिसके कपड़े भी फटे है, तो दूसरा एक व्यक्ति दाढ़ी वाला एक दिखाई दे रहा है। पुलिस शुक्रवार शाम तक भी दो आरोपी जो वीडियो में वायरल है को गिरफ्त में होना बता रही है। बाकी नामजद दो के साथ अन्य आरोपी को फरार बता रही है। थांदला की मीडिया को वायरल फोटो और वीडियों में आगे फटेहाल बैठे आरोपी का नाम बंटी निवासी चापानेर व पीछे बैठे दाढ़ी वाले आरोपी को अमन डोडियार निवासी बामनिया की पहचान बता रही है। जब पुलिस की कारस्तानियों को इस मामले में भी माही की गूंज ने खंगालने का प्रयास किया तो असल में एक राज और पुलिस की कारस्तानियों का निकलकर सामने आया कि पुलिस चाहे तो फरियादी को आरोपी बना दे और पुलिस चाहे तो आरोपी को बेगुनाह साबित कर दे।

         मामले में माही गूंज ने सुत्रों से जानकारी निकाली तो सामने आया कि, वायरल फोटो और वीडियों में आगे फटेहाल दिखाई देने वाला आरोपी असल में बंटी नहीं होकर यश उर्फ युवराज पिता लूणचंद मुणिया निवासी अमरगढ़ रोड बामनिया है। जब हमने टीआई कोशल्या चौहान से हकीकत जानना चाही तो गूंज को भी बताया कि फोटो/वीडियों में आगे बैठा आरोपी बंटी मुणिया और पीछे बैठा दाढ़ी वाला आरोपी अमन डोडियार है। जब हमने असल बात टीआई मेडम को बताई कि उक्त आरोपित जप्त वाहन का मालिक होकर असल में इसका नाम युवराज मुणिया है। तो टीआई मेडम की सिट्टी-पिट्टी गुल हो गई और वह कहने लगी हमें तो इसने अपना असली नाम बंटी बताया है। पुलिस का यह सारा खेल पुलिसिया कार्य प्रणाली को एक बार फिर धुमिल कर धत्ता बता रहा है। आखिर पुलिस आरोपी युवराज को बेगुनाह क्यों और किसके दबाव में साबित कर रही है? यह तो पुलिस ही बता सकती है। मामले में पुलिस ने जप्त वाहन के मालिक युवराज को बचाने के पूरे प्रयास के साथ लिखी गई एफआईआर में वाहन जप्त का उल्लेख भी नहीं किया और मीडिया को गुमराह कर वाहन जप्ती भी नहीं बताई।

मुँह पर हाथ रखे फटीचर स्थिति में थाने में बैठा युवराज जिसे पुलिस बंटी बता रही है।

पुलिस, गिरफ्त में लिए गए युवराज को बंटीबता रही है, तो असल बंटी क्या अब भी फरार है?

          वैसे तो हमारे कानून में पुलिस को गुमराह करना ही सबसे बड़ा अपराध माना जाता है। पुलिस की माने तो युवराज ने अपना नाम बंटी बताया है। तो क्या अब पुलिस को गुमराह करने वाले आरोपी को उक्त मामले में आरोपी बनाने के साथ पुलिस को गुमराह करने का मामला दर्ज करेगी, यह बड़ा प्रश्न है? या जो हमें दिख रहा है कि पुलिस किसी अदृश्य शक्ति के चलते युवराज को पूरी तरह से  बचाने में लगी हुई है। युवराज को बंटी बताकर मीडिया तक को गुमराह किया जा रहा है। पर पुलिस जब युवराज को बचा रही है तो यह तय है कि असल बंटी मुणिया पुलिस की गिरफ्त में आ चुका है और जिस युवराज को पुलिस बंटी बता रही है, क्या वह अपने घर जा चुका है। यह चर्चा का विषय बना हुआ है।

आखिर वह अदृश्य शक्ति क्या है जिसके चलते पुलिस अपनी छवि को कर रही धुमिल

         अपने निजी स्वार्थ व राजनीतिक तथा प्रभावशालियों के चलते अक्सर देखने में आता है किपुलिस अपराध करने के बावजूद अपराधी को क्लिनचिट दे देती है। उक्त मामले में देखा जाए तो यहां किसी राजनीतिक प्रभाव नहीं है। क्योंकि युवराज एक रिटायर्ड बैंक कर्मचारी एवं धार्मिक प्रवृति वाले लुणचंद मुणिया का पुत्र है। यह सही है कि यह पुत्र विवादित परिदृश्य में ढल चुका है। उक्त विवाद में यह बराबर का हिस्सेदार है, यह भी सत्य है। बात करें पुलिस के आर्थिक स्वार्थ की तो यह तय है जिन लोगों के एक फोन पर अहाते पर पुलिस पहुंची वह नियमित रूप से पुलिस की आर्थिक भरपाई करते है। तो यहां युवराज से इतना आर्थिक लाभ नहीं होगा, जितना यह शराब माफिया भरपाई कर सकते है। तो यह तय है पुलिस ने कोई अन्य अदृश्य शक्ति के चलते ही युवराज को बचाकर अपनी कार्यप्रणाली को धुमिल उक्त मामले में किया है। गूंज को यह सारे प्रश्नों को सुलझाने का प्रयास करने के लिए अपने सुत्रों से जानकारी मिली कि थांदला की उक्त घटना के बाद पूरे बामनिया में चर्चा है कि युवराज के रिश्तेदार पुलिस महकमें में अच्छी पौजिशन पर है। चर्चा है कि करीब 4-5 वर्ष पहले आर-15 स्पोर्टस बाईक लाकर युवराज अपनी बाईक में प्रेशर हार्न, लाईटिंग आदि लगाकर ग्राम में ध्वनि प्रदुषद कर तेज गति से बाईक चलाता था। शिकायत पर बामनिया पुलिस ने बाईक के साथ युवराज को चौकी पर लाकर बैठा दिया था। तो पुलिस कार्रवाई से बचने के लिए युवराज ने अपने उक्त पुलिस महकमें के एक टीआई रिश्तेदार जिसके बारे में चर्चा है कि वह टीआई इंकाउंटर स्पेशलिस्ट है, को फोन लगाया और उक्त टीआई ने बामनिया चौकी में बात कर युवराज को पुलिसिया कार्रवाई से बचा लिया। उसी लिंक को जोड़ते हुए ग्राम में चर्चा है कि उक्त टीआई के साथ जिले के एक थाने में पदस्थ वर्तमान टीआई जिसने युवराज के एक रिश्तेदार की सहेली से लव मैरीज की। उक्त दोनों पुलिस अधिकारियों के युवराज तक पहुंचने वाले इन संबंधों के कारण पुलिस युवराज को बचाकर अपनी कार्यप्रणाली को धुमिल कर रही है।






माही की गूंज समाचार पत्र एवं न्यूज़ पोर्टल की एजेंसी, समाचार व विज्ञापन के लिए संपर्क करे... मो. 9589882798 |