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खेल सामग्री सप्लाई भ्रष्टाचार मामले में भाजपा के तीन तिकड़ी के बल पर हुआ भ्रष्टाचार
09, Apr 2022 2 years ago

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क्या प्रशासन की और से दर्ज एफआईआर में बीआरसी और जनशिक्षकों को बचाने की कवायद

भाजपा की बदनामी करने वालो पर होगी कार्रवाई या भ्रष्टाचार करने वालो को देगी शरण...?

माही की गूंज, झाबुआ।

        जिले में लगभग डेढ़ करोड़ की लागत से प्राथमिक ओैर मिडिल स्कूल में 5 और 10 हजार की खेल सामग्री सप्लाई होना था। जिसमे स्थानीय भाजपा नेताओं की संगलिप्ता के बाद मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया है औेर इस भ्रष्टाचार की गूंज भोपाल के गलियारों तक पहुच गई। पूरे मामले मे भाजपा की भारी किरकिरी हो रही है, विपक्षी कांग्रेस सहित जयस संगठन, युवा हिन्दू जनजाति संगठन, जनजाति जागरण मंच, भाजपा का समकक्ष कहे जाने वाले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् सहित भाजपा के नेताओं ने इस मामले खुलकर विरोध दर्ज करवाते हुए लिखित शिकायत और अपने-अपने स्तर से विरोध प्रदर्शन किया। जिससे भाजपा की सरकार पर मामले में कार्रवाई का दबाव बढ़ गया, भोगोरिया पर्व के दौरान जिले के थांदला में मुख्यमंत्री का आगमन इस भ्रष्टाचार पर भारी पड़ा पूरा मामला उनके सामने आने के बाद मामले को दबा रहे प्रशासन को जाच करने पर मजबूर होना पड़ा और जांच में इस भ्रष्टाचार रूपी खेल सामग्री सप्लाई का पूरा भांडा फोड़ हो गया, चुकी मामला फलियां स्तर तक बनी प्राथमिक शाला से जुड़ा था। जिसके कारण जमीन स्तर पर भाजपा की भारी किरकिरी हुई हैं ।

खेल सामग्री सप्लाई भ्रष्टाचार मामले में भाजपा के तीन दिग्गज गुनेहगार  

        भाजपा अपना 42 वा स्थापना दिवस मना रही है, देश के प्रधानमंत्री नरेंद मोदी और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भ्रष्टाचार मिटाने और भ्रष्टाचारियो पर कार्रवाई करने का दावा कर रहे हैं, उसके लिए किसी को भी बख्शने के मूड में नही लेकिन जब मामला खुद भाजपा नेताओ से जुड़ा हो तो सरकार अपने कहे से बदल जाती है। जिले में खेल सामग्री सप्लाई के नाम पर हुए भ्रष्टाचार में स्थानीय भाजपा नेता पूरी तरह से लिप्त हैं ये भी साफ हो चुका है।

         मुख्य रूप से इस खेल के पीछे भाजपा के तीन गुनाहगार मुख्य है जिनके नाम इस मामले में लिए जा रहे हैं और इन्ही के कारण फलिये-फलिये में भाजपा को न केवल बदनामी उठानी पड़ रही है साथ भाजपा से जुड़े संगठनो तक को सड़क पर उतरना पड़ गया है।

गुनेहगार नंबर 1

        भाजपा के जिला महामंत्री कृष्णपाल सिंह गंगाखेडा जिनके यहां प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा से ले प्रभारी मंत्री इंदरसिंह परमार तक पिछले दिनों रात्रि विश्राम और भोजन कर चुके हैं , इन पर आरोप है कि सामग्री सप्लाई के लिए अधिकारियो से लेकर शिक्षको पर उनके द्वारा तय की गई फर्म से सामग्री लेने का दबाव बनाया गया है। कई जनशिक्षक इस संबद्ध में दबी जुबान से ये बता भी चुके हैं। लेकिन सरकार में रह कर सरकार से बैर लेने की हिम्मत नही जुटा पाने के चलते खुल कर सामने नही आ रहे हैं। जिला महामंत्री पेटलावद मण्डल के प्रभारी भी जिसके चलते अधिकारियो पर बड़े नेताओं के निकट संबंध और सत्ता का प्रभाव बताकर खेल सामग्री सप्लाई का खेल पर्दे के पीछे से इनके इशारों पर खेला गया। 

गुनेहगार नम्बर  2 

         पूरी तरह से भाजपा के लिए संगठन के दायित्वों में निष्क्रिय पेटलावद मंडल अध्यक्ष संदीप मांडोत जो संगठन के कार्य तो समय पर नही कर पाए, लेकिन जब बात बड़ा पैसा कमाने की आई तो इन्होंने अपना सब कुछ झोंक दिया। बामनिया की जिस फर्म से माल सप्लाई किया जाना था वो बामनिया पंचायत के उपसरपंच की थी, जो मण्डल अध्यक्ष का बेहत करीबी है, चुकी पद पर रह कर खुद की फर्म से सप्लाई करना मुमकिन नही था। मंडल अध्यक्ष ने अपने मित्र को आगे कर इस कार्य को अंजाम देने की योजना बनाई, बताया तो यहां तक जा रहा है कि, खेल सामग्री के व्यवसाय से कोई जुड़ा नही था। इसलिए स्कूलों में दी गई घटिया सामग्री के लिये रकम तक इनके द्वारा लगाई गई थी। यहां तक कहा जा रहा है कि, पूरी सामग्री की सप्लाई इनके शोरूम से ही हुई है जिसकी पुष्टि खुद शोरूम पर लगे केमरे की एक माह से डेढ़ माह की रिकॉर्डिंग की जांच की जाए तो पुरा के पुरा दुध का दुध और पानी का पानी हो जायेगा। हालाकि रिकॉर्डिंग अब तक ठिकाने लग चुकी होगी, जो खुद ही प्रमाण कर देगी की आखिर रिकॉडिंग है क्यो नही। 

गुनेहगार नंबर 3 

        पूरे मामले को पूरी तरह सामने आने से पहले ही भाजपा के जिलाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह नायक के पास पूरी जानकारी थी, लेकिन भाजपा जिलाध्यक्ष हो कर भाजपा की बदनामी को नही रोक सके। उल्टा खेल सामग्री मामले के सामने आने के बाद भाजपा जिलाध्यक्ष महामंत्री, गंगाखेड़ी और पेटलावद मंडल अध्यक्ष के साथ नजर आए। बामनिया आने से परहेज़ करने वाले जिलाध्यक्ष लगातार बामनिया में दिखाई दिए। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिलाध्यक्ष की और से इस मामले में किसी भाजपा नेता पर कार्रवाई हेतु संगठन को अगवत नही करवाया गया। जिस दिन बामनिया की एक फर्म को इस मामले में सील किया, उस दिन जिलाध्यक्ष अपने महामंत्री और मंडल अध्यक्ष के साथ उसी फर्म के सामने बैठ कर कवि सम्मेलन का आनन्द लेते रहे और फर्म का संचालक भी वही मौजूद रहा। भाजपा के कुछ नेताओं ने खुल कर विरोध किया, लेकिन भाजपा जिलाध्यक्ष पर इस मामले में लिप्त नेताओं को बचाने के आरोप लग रहे हैं । अगर समय पर भाजपा जिलाध्यक्ष ने इस मामले को संभाल लिया होता तो आज भाजपा की इस कदर किरकिरी नही होती न ही अपनो का विरोध झेलना पड़ता।

प्रशासन की जांच में दोषी अधिकारी आखिर क्यों एफआईआर से हुए गायब 

        मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद जिले भर में प्रशासन ने देर रात छापेमारी कर खेल सामग्री और उसके खरीदने कि प्रक्रिया की जांच की। जांच के बाद प्रशासन ने 2 बीआरसी 9 जनशिक्षकों को निलंबित किया। जिले की कुल 6 फर्मों को भी ब्लेक लिस्टेट किया गया। तय है जांच के दौरान इन अधिकारियों और जनशिक्षकों की संगलिप्ता पाई गई होगी, जिसके आधार इनको निलंबित किया गया। लेकिन कार्यवाही के बढ़ते दबाव के बीच प्रशासन द्वारा थाना पेटलावद और थाना थांदला में कुल 5 फर्मों और एक व्यापारी के नाम धारा 420, 511 और 120 बी के तहत प्रकरण दर्ज किया गया। लेकिन प्रशासन की और से दर्ज कराई गई एफआईआर में निलंबित बीआरसी और जनशिक्षकों के नाम नही दिए गए।  यहां बड़ा सवाल ये उठता है कि, जब वे मामले में संगलिप्त नही थे तो उन्हें निलंबित क्यो किया गया और जब जाच में लापरवाही पाई जाने पर निलंबित किये गए तो एफआईआर में इनको शामिल क्यो नही किया। मामले की छानबीन करने पर पता चला कि, पूरा प्रसाशानिक अमला खेल सामग्री सप्लाई मामले में शामिल शिक्षको, जनशिक्षको और बीएआरसीयो को बचाने और मामले को रफ़ा-दफा कर ठंडा करने के लिए केवल ब्लैक लिस्टेड फर्मों के विरुद्ध मामला दर्ज करवा दिया। अगर निलंबित जनशिक्षको और बीआरसी के नाम एफआईआर में होते तो पूरे मामले का भंडाफोड़ हो जाता और सप्लाई में शामिल नेताओं के नाम सामने आ जाते जिससे उन नेताओं पर भी एफआईआर का दबाव बढ़ जाता। जिसको देखते हुए पूरे मामले को केवल फर्मों तक सीमित किया। पुलिस का कहना है कि, वो मामले की और जांच करेगे लेकिन ये कह पाना मुश्किल है कि, भाजपा पर भ्रष्टाचार का दाग लगाने वाले नेताओं और मिलीभगत में शामिल कर्मचारियों एवं अधिकारियो पर कोई मामला दर्ज होगा।

जिला महामंत्री कृष्णपाल सिंह गंगाखेडी।

पेटलावद मण्डल अध्यक्ष संदीप मांडोत।

भाजपा जिलाअध्यक्ष लक्षमण सिंह नायक।

मिडील स्कुल में 10 हजार रूपए की खेल सामग्री की जगह दी गई खिलोना सामग्री।

प्राथमिक स्कुल में 5 हजार रूपए में दी गई उक्त सामग्री


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