ग्रामीणों को लगी चोट, घरों को भी हुआ नुकसान, कम्पनी ने लेंन-देंन कर मामला निपटाया
माही की गूंज, पेटलावद।
क्षेत्र से होकर गुजरात ले जाई जा रही गैस पाइप कंपनी ने पहले तो किसानों की जमीन मामूली मूआवजा देकर उनकी जमीन से पाइप लाइन बिछा दी, लापरवाह कंपनी ने तीन दिन पहले पाइप लाइन चैक करने की योजना बनाई। जिसके लिए कम्पनी ने कोई अनुमति नही ली और सोए हुए ग्रामीणों की जान से खिलवाड़ करते हुए ही देर रात अंधरे में लाइन की टेस्टिंग कर ली ,लेकिन कंपनी की टेस्टिंग ग्रामीणों को भारी पड़ गई और लाइन टेस्टिंग के दौरान गेस के प्रेशर से लाइन में धमाके के साथ ब्लास्टिंग हो गई। जिसकी चपेट कई ग्रामीण और उनके मकान आ गए। मोहनकोट और रल्यामन के ग्रामीणों ने बताया कि, कंपनी द्वारा लाइन चेक करने के लिए पाइप के दोनों तरफ पहले पैकिंग लगाए और फिर बीच में उन्होंने कुछ डाला है। पाइप के अंदर पाइप सफाई करने के लिए और फिर प्रेशर मारा प्रेशर मारने के बाद जब ज्यादा प्रेशर हो गया तब कुछ लोहे जैसा स्पीड से निकल कर 200 मीटर की दूरी पर एक मकान में जाकर गिरा वहां पर एक पुरूष व एक महिला जख्मी हुए और मकान टूट गया।
घटना के बाद लोगों ने तुरंत सो नंबर डायल किया जिसके बाद थाने से फोन आया कि, गाड़ी खराब है तथा हम कंपनी के लोगों को बोलते हैं कि, वह आप को अस्पताल ले जाएंगे और हम पेटलावद आते हैं ऐसा कह कर फोन काट दिया। सुबह ना ही पुलिस आई न ही कोई प्रशासन का नुमाईनदा आया। रात में कंपनी की गाड़ियां आई और मरीजों को उठाकर ले गई और सिविल अस्पताल पेटलावद में इलाज करवाया गया, ग्रामीणों का आरोप है कि, कम्पनी ने बिना ग्रामीणों को जानकारी दिए लोगो की जान से खेलते हुए रात 12 बजे के बाद कम्पनी ने लाइन चेक करने के लिए प्रेशर बनाया वह भी बिना सूचना के सभी लोग रात में सो गए थे, तभी उन्होंने कार्य किया और ब्लास्ट हुआ तो लगभग 5 किलोमीटर तक इसका धमाका सुनाई दिया।
और भी जगह हुए धमाके, कम्पनी ने लेन-देन कर मामले निपटाये
लाइन चैक के दौरान मोहनकोट , रल्यावन क्षेत्र सहित बरवेट क्षेत्र में भी इस प्रकार के धमाके होने की जानकारी मिली हैं, जानकारी पुलिस तक भी पहुँची लेकिन कोई मामला कंपनी पर नही किया गया। ग्राम रल्यामन में घायल हुए ग्रामीणों को कंपनी वालो की तरफ से कार्य कर रहे लोगो ने मामला लेन-देन कर निपटा दिया। जिन घरों को नुकसान हुआ उनको 85 हजार रुपये का भुगतान किया और जिनको चोट लगी उनका इलाज ठीक नही होने तक कंपनी द्वारा करवाये जाने का आश्वासन देकर मामला रफ़ा-दफा कर दिया। यहां बड़ा सवाल ये उठता हैं कि, कम्पनी की लापरवाही से यदि किसी की जान चली जाती तो इसका जिम्मेदार कौन होता, इस प्रकार से खतरा होने के जानकारी के बाद भी कम्पनी के लोगो ने लाइन के आसपास के लोगो को बिना सतर्क किये ऐसी टेस्टिंग बिना अनुमति के क्यो की...?
जिले के ग्रामीणों को बहार से आने वाली कंपनी ऐसी ही ठग कर चली जाती है और स्थानीय प्रशासन इनमें अपना कोई हस्तक्षेप नही करता और कम्पनी के लोग ऐसे कार्यो को सरकारी कार्य बता कर ग्रामीणों से मनमाफिक कार्य कर निकल जाते हैं। ज्ञात है कि पाइप लाइन बिछाने वाली कंपनी ने ग्रामीणों की खड़ी फ़सल को बर्बाद कर उनकी निजी भूमि से नाम मात्र का मुआवजा दे कर काम कर लिया है जिसके लिए किसी आदिवासी संगठन ने आवाज़ तक नही उठाई।
पाइपलाईन टेस्टिंग में घायल ग्रामीण।
घायल महिला।
इस प्रकार खुल गए जॉइंट।
ये जॉइंट उड़ कर ग्रामीणों के घरों में गिर गए।
रल्यावन में इस घर को हुआ नुकसान।