माही की गूंज, थांदला।
प्रदेश मे शिक्षा का स्तर बढ़ाने के लिए सरकार लाख कानून बना ले मगर निजी स्कूलों की मनमानी के चलते सरकार के बनाए हुए कानून की पोल खुलती नजर आ रही है। थांदला की निजी स्कुल फलावरलेट इंग्लिश एकेडमी द्वारा सोमवार को एक से पांच तक वार्षिक परीक्षा परिणाम घोषित किया गया। परिणाम तो घोषित किया मगर स्कूल संचालक की हठधर्मिता के चलते उन मासूम विद्यार्थियों को बिना अपना परीक्षा परिणाम लिए ही वापस घर लौटना पड़ा। इन निजी स्कूलों ने शिक्षा के बजाए अपने व्यवसाय पर ज्यादा बल देना शुरू किया जिससे उनकी मनमानी शुरू हो गई जिसके आगे अभिभावक बेबस हो गए।सरकार के आदेशों की धज्जियां उड़ाती यह निजी स्कूल ने अभिभावकों पर इसी सत्र मे स्कुल ड्रेस को लेकर भी काफी दबाव बनाया और नियम विरुद्ध अभिभावकों को कोरोना काल में भी ड्रेस लेने पर मजबूर किया गया, जबकि पूरी दुनियां कोरोना से झूझ रही थी। बाउजूद उसके पूरे जिले में कहि भी किसी भी स्कूल ने ड्रेस के लिए दबाव नही बनाया लेकिन फलावरलेट एकेडमी के संचालक ने उस वक्त भी दबाव बनाकर सभी से ड्रेस मंगवाई ओर कमीशन का खुला खेल खेला। आज भी जब अभिभावक अपने बच्चो को लेकर परीक्षा परिणाम लेने गए तो उन्हें यह कहकर भगा दिया गया कि, आपकी फ़ीस बाकी है। बेचारा पिता कानून से अनभिज्ञ मायुस होकर वापस अपने बच्चे को लेकर घर लौट आया। जब की सर्वोच्च न्यायालय का सख्त आदेश है कि, कोई भी स्टूडेंट अगर फीस जमा नहीं करता है तो उसे परीक्षा देने ओर परीक्षा परिणाम एवं एसएलसी देने से उसे रोका नहीं जाए।
उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाउजूद संस्था ने वसूली पूरी फीस
उच्चतम न्यायालय के द्वारा कहा गया कि, सत्र 20-21 के लिए निजी स्कूल कुल फीस का 85 प्रतिशत ही ले सकेंगे। सत्र 21-22 के लिए सामान्य लागू फीस ली जाएगी। शिक्षा विभाग द्वारा इन आदेशों के विपरीत 8 जुलाई 2021 को मध्यप्रदेश के निजी स्कूलों को सत्र 21-22 में भी केवल शिक्षण शुल्क ही लेने का आदेश जारी किया था, उक्त संस्था ने ऐसा नहीं किया।
मामले में कलेक्टर शोमेश मिश्रा से जब चर्चा की गई तो उनका कहना है, मुझे आपके द्वारा पता चला है आप एक आवेदन पत्र लिखकर दे में डीईओ से कहकर दिखवाता हु।
वही जिला शिक्षा अधिकारी ओपी बनरे का कहना है कि, स्कुल शिक्षा विभाग के द्वारा सख्त निर्देश है कि किसी भी स्टूडेंट्स को परीक्षा देने से एसएलसी देने से ओर परीक्षा परिणाम देंने से नही रोका जा सकता है। पीड़ित अभिभावक मिलकर मुझे शिकायत करते है तो इस तरह की संस्थाओं पर कार्रवाई की जाएगी।