सिर्फ वीआईपी मूवमेंट को लेकर ही क्यो जागता है प्रशासन...?
माही की गूंज, थांदला।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा बिरसा मुंडा, टंट्या मामा के जन्मदिवस के बाद जनजाति समाज के प्रमुख पर्व भगोरिया में शामिल होंने मंगलवार को मुख्यमंत्री सह पत्नी थांदला में भगोरिया में शिरकत करेंगे। कलेक्टर सोमेसर मिश्रा ने बताया कि, मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर प्रशासन के आला अधिकारी बड़ी मुस्तैदी से कार्य करते नजर आ रहे है। स्थानीय दशहरा मैदान पर हेलीपेट तैयार कर जहां से मुख्यमंत्री गुजरने वाले हैं वहां की झूलते हुए तारों और लाइट को सुधारा जा रहा है। रोड पर भी बिखरा हुआ सामान हटाने का काम भी हो रहा है। सारे रास्ते पर साफ-सफाई की जा रही है। मुख्यमंत्री दशहरा मैदान से विश्राम ग्रह पहुंचेंगे जहां अनुसूचित जनजाति महिलाएं उनका स्वागत करेगी, साथ ही आदिवासी वेशभूषा धारण करवाएगी। वहां से बाईपास होते हुए पुरानी कृषि उपज मंडी पहुंचेंगे, वहां से खुली जीप में नगर के भंसाली चौराहा, गांधी चौक, पीपली चौराहा, आजाद चौक होते हुए मठवाला चौराहा में भगोरिया का आनंद लेते हुए लोगों का अभिवादन करते हुए वापसी हेलीपैड पर पहुंचेंगे। मुख्यमंत्री करीब डेढ़ घटे जनजाति भाई-बहनों के बीच रहकर भगोरिया पर्व का आनंद लेंगे व शुभकामनाएं देंगे।
भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद कलसिंह भाबर, मुख्यमंत्री को अपने विधानसभा क्षेत्र में लाकर अपनी ताकत का एहसास कराएंगे। बतौर मुख्यमंत्री दोपहर 3 बजे भगोरिया पर्व में शामिल होंगे तथा वहीं से खुली जीप में सवार होकर नगर भ्रमण कर जनता का अभिवादन स्वीकार करेगे। भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कलसिंह भाबर ने बताया कि, मुख्यमंत्री जनजाति समाज के परंपरागत त्योहार भगोरिये में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री के थांदला आगमन को लेकर इसे कलसिंह भाबर शक्ति परीक्षण के रूप में देखा जा रहा है। किंतु कल सिंह बाबर ने 2008 के विधानसभा चुनाव में पार्टी द्वारा टिकट न दिए जाने से निर्दलीय चुनाव जीतकर अपनी ताकत का एहसास प्रदेश नेतृत्व को करा ही दिया था कि आने वाला कल कलसिंह का ही है। स्वयं मुख्यमंत्री चौहान ने निर्दलीय चुनाव जीतने पर कलसिंह बाबर को गले लगाया था। इसी का परिणाम है कि भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें आदिवासी मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। इसी कड़ी में जोबट विधानसभा चुनाव जीता कर भारतीय जनता पार्टी के नाराज मतदाताओं को पुनः पार्टी की नीतियों से प्रभावित करने में कलसिंह भाबर और अलीराजपुर के पूर्व विधायक नागर सिंह चौहान सफल रहे हैं। यह दौरा राजनीतिक गलियारों में आगामी विधानसभा चुनाव में कई कयास लगाए जा रहे हैं। भाजपा भगोरिया में मुख्यमंत्री को लाकर क्षेत्र में अपनी पैठ जमाने में सफल होगी।
क्या वीआईपी मूवमेंट के लिए ही जागता है प्रशासन...?
नगर की अगर व्यवस्थाओं की बात की जाए तो यहां बिजली के झूलते हुए तारों, नगर परिषद द्वारा खोदे गए गड्ढों व नगर परिषद द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार और अन्य बढ़ती जा रही अनियमितताओं को मुख्यमंत्री के आगमन पर छुपाने के पूरे प्रयास प्रशासन स्तर पर किया जा रहे है। वही उक्त समस्याएं विगत कई वर्षों से नगर में हर जनप्रतिनिधि व अधिकारियों को दिखाई दे रही है लेकिन इसका कोई निराकरण समय पर नहीं किया जा रहा है। बारिश होते ही सड़कों के पोल खुल जाती है, सरकारी योजना जमीनी स्तर तक लागू नहीं होती है या बिजली विभाग की बात करें तो बिजली के तार नगर में हर जगह लटकते व टूटे हुए देखे जा सकते हैं। क्या यह मेंटेनेंस केवल वीआईपी मूवमेंट को देखकर ही किया जा रहा है या भविष्य में इस प्रकार का कार्य तत्परता से हर विभाग द्वारा अपनी जिम्मेदारी स्वरूप किया जाएगा। यह देखना दिलचस्प रहेगा।