सोशल मीडिया पर एक बाद एक इस्तीफे देकर लगाए भाजपा जिलाध्यक्ष पर गंभीर आरोप
अजजा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष कलसिहं भाभर सहित कई बड़े नेताओं की अनदेखी
माही की गूंज, झाबुआ।
लक्ष्मण सिंह नायक भाजपा जिलाध्यक्ष बनने के बाद से भाजपा में कुछ भी सही नही चल रहा है, विगत दो वर्षों से भाजपा में रोज नया बखेड़ा देखने को मिल रहा है। यौन शोषण के मामले में घिरे जिलाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह नायक भले ही प्रदेश संगठन के रहमोकर्म पर अपनी कुर्सी बचाने में सफल रहे हो, मगर संगठन की दृष्टि से भी जिलाध्यक्ष फेल हो गए है। अब तक कार्यकर्ताओ को एक जुट रखने में नाकामयाब रहे हैं , जिला भाजपा की कार्यकारिणी हो या फिर मंडलों की घोषणा या फिर ट्रांसफर नीति के समय गंभीर आरोप या सरकारी कार्यालयों में सामग्री सप्लाई का मामला हो या फिर प्रदेश अध्यक्ष सहित भाजपा के बड़े नेताओं के जिले के दौरे पर अपनी ही पार्टी के बड़े नेताओं से विवाद, हर जगह जिलाध्यक्ष नायक अपने संगठन को नियंत्रण में नही रख सके। ये ही हालत जिले में भाजपा के मोर्चो के गठन में भी रही और विवाद हर जगह जुड़ा रहा । रविवार को युवा मोर्चा की जिलाकार्यकारणी सहित 17 मंडल अध्यक्षो की घोषणा में एक बार फिर भाजपा के जमीनी युवा कार्यकर्ताओ की भारी अनदेखी की गई जिस कारण एक बार फिर भाजपा और भाजपा के जिलाध्यक्ष के विरुद्ध विरोध के स्वर मुखर होने लगे।
कार्यकारणी में उचित स्थान नही मिलने पर पद से दिया इस्तीफ़ा, प्रेस कॉन्फ्रेंस में लगाए गंभीर आरोप
रविवार देर शाम जिला कार्यकारणी की घोषणा होते ही एक और कार्यकारणी में शामिल कई नामो पर विरोध होने लगा, तो जिलाकार्यकर्णी में उचित स्थान नही मिलने पर सोशल मीडिया पर ही पद छोड़ने का दौर शुरू हो गया। सबसे पहले पेटलावद के युवा नेता प्रियांश कटारिया ने संगठन में मिले नए पद सह पालिसी एंड रिसर्च से इस्तीफा दिया। इसके बाद थांदला प्रवण परमार जो कि जिला महामंत्री पद के प्रमुख दावेदार थे लेकिन उनको जिला मंत्री पद दिया गया जिससे असंतुष्ट प्रवण ने भी पद छोड़ने की घोषणा कर दी। राहुल पांचाल ने जिला कार्यसमिति सदस्य तो कुणाल पाटीदार जिला सह मीडिया प्रभारी पद छोड़ने की घोषणा सोशल मीडिया के माध्यम से कर दी। इससे पहले की युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष कुलदीप चौहान इनसे कोई बात कर मामला संभालते, मोर्चा जिला मंत्री प्रवण परमार के नेतृत्व में झाबुआ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा के द्वारा आयातित और पार्टी से दूरी बना कर बैठे निष्क्रिय लोगों को पद देने का आरोप लगाते हुए जिलाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह नायक पर गंभीर आरोप लगा दिए और पद छोड़ कर भाजपा के सामान्य कार्यकर्ता के रूप में कार्य करने की घोषणा कर दी ।
एक ही जगह से बना दिए दो जिला महामंत्री
विवादों में घिरी युवा मोर्चा की कार्यकरणी का सबसे बड़ा कारण जिला महामंत्री का पद है जिसकी आस कई युवा नेता लगा कर बैठे थ,े लेकिन संगठन ने उनको मौका नही दिया ,जब नाम सामने आए तो विरोध और बढ़ गया। युवा मोर्चा के जिला महामंत्री के दोनों पद राजेश वसुनिया और प्रांजल भंसाली के रूप में थांदला को दे दिए गए, जिसका कड़ा विरोध शुरू हो गया। हालांकि जारी सूची में प्रांजल भंसाली को झाबुआ निवासी बताया गया लेकिन भंसाली अधिक समय अपने व्यवसाय के लिए थांदला में ही रहते है , प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी युवा नेताओ ने इस पद पर कड़ा एतराज दर्ज करवाया और भंसाली को निष्क्रिय कार्यकर्ता बताया। वही युवा मोर्चा की टीम में पेटलावद क्षेत्र की अनदेखी हुई। बामनिया, करवड़, रायपुरिया , बरवेट, जामली जैसे गाँवो से युवाओं को मौका नही मिला जिससे कार्यकर्ताओ में रोष व्याप्त है। इस क्षेत्र में बैठे भाजपा के संगठन के बड़े पदाधिकारी अपने गाँव से युवाओ को आगे लाने में असमर्थ रहै। वही 17 मंडलों के अध्यक्ष की घोषणा में कई अंजान चेहरे सामने आए जिनके लिए सोशल मीडिया उनकी पहचान के सम्बध में उन्ही के मण्डल के भाजपा कार्यकर्ताओ ने सवाल पूछ लिए।
अजजा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष कलसिहं भाभर सहित कई बड़े नेताओं की अनदेखी
पूरी कार्यकरणी में अजजा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष कलसिहं भाभर, राजगढ़ नाका सहित कई बड़े नेताओं से जिलाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह नायक की दरार देखने को मिली जिसके चलते इन नेताओ के द्वारा दिये गए नामो को एकसिरे से खारिज कर लिस्ट से उनके नाम उड़ा दिए गए।
राजनीतिक सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष कुलदीप चौहान ने सभी नेताओं के दिये नामो को जगह दी थी लेकिन जिलाध्यक्ष नायक ने अपनी मनमानी करते हुए कई नाम उड़ा दिये । युवा मोर्चे की पूरी कार्यकरणी भाजपा जिलाध्यक्ष नायक और उनके महामंत्री के इर्दगिर्द ही घूमती रही और पट्ठा वाद को तव्वजों दी गई।
पालिसी एंड रिसर्च पद के कारण युवा नेता बने हसी का पात्र, सोशल मीडिया पर खूब उड़ी खिली
इस बार की युवा मोर्चा की जिला कार्यकरणी में संगठन ने तीन नए पद ईजाद किए जिसको पालिसी एंड रिसर्च पद का नाम दिया गया, इसके साथ दो पद सह पालिसी एंड रिसर्च के नाम से पद दिए गए। जिन युवाओं को ये पद मिले उनको सोशल मीडिया पर हंसी का पात्र बनना पड़ा। इसी पद से इस्तीफा दे चुके प्रियांश कटारिया ने बताया कि, इस पद पर रह कर क्या कार्य करना था इसकी कोई जानकारी नही है और भाजपा जिलाध्यक्ष नायक भी इस पद के बारे में कोई जानकारी नही दे सके, संगठन में मेरी उपेक्षा की गई इसलिए पद के दायित्व से मुक्त हो गया।
टीम की घोषणा के साथ ही हुए विवाद पर युवा मोर्चा अध्यक्ष कुलदीप चौहान ने कहा, सब को संतुष्ट करना मुश्किल है और सब की सहमति के साथ टीम की घोषणा की है जो कार्यकर्ता नाराज़ हुए है उनको भी साधने की कोशिश की जाएगी, बड़े भाजपा नेताओं की और से दिए नामों पर कुलदीप चौहान ने दबी जुबान से कहा कि हर चीज हमारे नियंत्रण में नही होती है।